कोई नहीं जा रहा है फिलहाल कांग्रेस में, यहां हरक और उमेश काऊ दोनों हैं हाईकमान के सैनिक, कांग्रेस में होगी दिक्कत
उत्तराखंड में हर दिन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और रायपुर विधानसभा विधायक उमेश शर्मा काऊ दोनों के कांग्रेस में जाने की चर्चाएं तेज हो जाती हैं।

गौरतलब है कि पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल में बजट सत्र के दौरान कई कांग्रेसी पाला बदलकर भाजपा के खेमे में चले गए थे। राज्यपाल ने सरकार को भंग कर दिया था। फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फ्लोर टेस्ट हुआ और हरीश रावत दोबारा सरकार बनाने में कामयाब रहे। इस दौरान पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत के साथ उमेश काऊ भी भाजपा में शामिल हुए थे। तब से लेकर कांग्रेस पृष्ठभूमि के इन नेताओं को भाजपा में निचले स्तर के कार्यकर्ता पचा नहीं पाते हैं। वहीं, ये नेता अपनी ताकत के बल पर सबसे जूझते नजर आते रहे हैं। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरक सिंह रावत के बीच बयानबाजी के जरिये आपस में मोर्चा खुला रहा।
हाल ही में एक दल से दूसरे दल में उठापटक का गौर शुरू हुआ और भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य अपने विधायक बेटे के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। फिर कयास लगाए जाने लगे कि हरक सिंह रावत और उमेश काऊ दोनों भी कांग्रेस में जा रहे हैं। कांग्रेस में निचले स्तर के नेताओं में इसका विरोध भी हुआ। इसी बीच हरक सिंह रावत और हरीश रावत के बीच शब्द वाण के जरिये आपस में युद्ध भी चलता रहा। बाद में हरक सिंह रावत ने कहा कि हरीश बड़े भाई हैं। अब उनके खिलाफ कुछ नहीं कहूंगा, चाहे वो मुझे कितनी भी गाली दे दें। फिर हाल ही में पूर्व सीएम हरक सिंह रावत ने आपदा प्रभावित लोगों की समस्याओं को लेकर फोन किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने ही हरीश की हरक से बात कराई। इस दौरान यशपाल आर्य ने भी बात की। इसे लेकर फिर कयास लगाए जाने लगे हैं कि दोनों कांग्रेस में जा रहे हैं।
इन नेताओं से कभी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बात कर रहे हैं तो कभी दूसरे नेता उन्हें टोहने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि ये दोनों नेता कांग्रेस में फिलहाल नहीं जाने वाले। क्योंकि भाजपा में आपस में लड़ने के बावजूद भी इनकी पोजीशन मजबूत है। ये दोनों नेता बखूबी जानते हैं। यही नहीं, उमेश काऊ ने तो कई बार स्थानीय नेताओं की अमित शाह से सीधे बात भी कराई। हाल ही में हरक और काऊ दोनों अमित शाह से भी मिलकर लौटे थे। यही नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी हाल ही में जब एक कार्यक्रम में ऋषिकेश आए तो उन्होंने व्यंग्य में हरक सिंह रावत को हनक सिंह कहकर संबोधित किया।
अब ऐसे में ये नेता जानते हैं कि कांग्रेस में यदि वे गए तो उनकी स्थिति दयनीय हो जाएगी। क्योंकि वे हरीश रावत के खिलाफ बगावत करके भाजपा में आए थे। भले ही कांग्रेस ने सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है, लेकिन कांग्रेस में फिलहाल हरीश रावत की अहमियत सबसे ज्यादा है। ऐसे में उनके पीछे जाने से ये बचना चाहते हैं। यहां भाजपा में ये दोनों नेता पार्टी हाईकमान सीधे संपर्क में रहते हैं। यही नहीं, वे खुद को हाईकमान का सैनिक बताते हैं। ऐसे में फिलहाल की स्थिति में उनके कांग्रेस में जाने की संभावना कम ही है। हालांकि, राजनीति और जंग में सब जायज है। कभी भी ऊंट दूसरी करवट बैठ सकता है। इसका किसी को कुछ पता नहीं है।
संपर्क करने पर भाजपा विधायक उमेश काऊ ने कहा कि मुझे तो मीडिया से ही पता चलता है कि मैं कांग्रेस में जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो भी खबरें मीडिया में आ रही हैं, सब कयासबाजी है। भाजपा में हमारी जो पोजीशन है, वो कांग्रेस में नहीं हो सकती है। ऐसे में हम भाजपा को ही मजबूत करेंगे और आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को जिताएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रचार कांग्रेस की ओर से फैलाया जाता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।