उत्तराखंड में कोई संवैधानिक संकट नहीं, तीरथ ने चुनौती से डरकर दिया इस्तीफा: दिनेश मोहनिया
आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में एक बार फिर किए जा रहे नेतृत्व परिवर्तन को लोकतंत्र का मजाक और राज्य की जनता के साथ फिर से छलावा बताते हुए भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा।

भाजपा के इस रवैये से लगता है कि चुनाव होने तक और भी नाम मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में जुड़ सकते हैं। पार्टी ने कहा कि नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के साथ ही भाजपा को यह भी बता देना चाहिए कि उनकी मियाद कितने दिन की होगी ?
आम आदमी पार्टी ने कहा कि तीरथ सिंह रावत को पहले मुख्यमंत्री बनाना और फिर संवैधानिक संकट की दुहाई देकर इस्तीफा दिला कर भाजपा ने उनकी नाकामियों पर पर्दा डालने का काम किया है। आप प्रभारी ने कहा, बीजेपी अपने सीएम को क्या एक सीट पर भी नहीं जीता सकते क्या ? जो इनको मैदान छोड़ कर भागना पड़ा है। दिनेश मोहनिया ने कहा कि इनका सवेधानिक संकट सिर्फ एक बहाना है । इन्होंने इलेक्शन कमीशन से पूछा हीनहीं। क्योंकि इनको पूरा विश्वास था कि इनका सीएम हार रहा है और इनके सभी मंत्री, विधायक संगठन मिलकर अपने पिछले साढ़े चार साल के कुशासन के चलते अपने सीएम को उत्तराखंड की किसी भी सीट से नहीं जीता सकते। इसलिए इनको मैदान छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रचंड बहुमत के बाद भी प्रदेश को स्थाई सीएम नहीं दे पाई, बल्कि सीएम बदलने का काम करती रही। यही नहीं इनको भरोसा नहीं कि इनके सभी लोग मिलकर एक सीएम को जीता पाएंगे। अब ये 2022 में कैसे इलेक्शन लड़ेंगे ये बड़ा सवाल है।
आप के वरिष्ट नेता कर्नल (अ.प्रा.) कोठियाल ने कहा हमने चुनौती क्या दी सीएम साहब मैदान छोड़ कर भाग गए और सवेधानिक संकट का बहाना मार रहे। इलेक्शन कमीशन ने इस बाबत कोई निर्णय नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने गंगोत्री में एक इंटरनल सर्वे करवाया था। इसमें निकला कि अगर तीरथ सिंह रावत यहां से लड़ते तो बुरी तरह हार रहे थे। इसलिए इन्होंने बिना इलेक्शन कमीशन के निर्णय के सवेधानिक संकट का बहाना मारकर सीएम ने इस्तीफा दे दिया।
कर्नल कोठियाल ने कहा, गौहाटी हाईकोर्ट ने भी 2017 में साफ कहा था कि Representation of people act में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि अगर एक साल से कम समय का कार्यकाल का बचा हो तो इलेक्शन हो ही नहीं सकते हैं। जब ये साफ है तो इलेक्शन हो सकते थे। फिर क्यों बिना इलेक्शन कमीशन से पूछे बिना ये मैदान छोड़कर क्यों भागे। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्रियों की अदला-बदली करने के लिए कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधा।
पार्टी ने कहा कि भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दलों ने इन बीस वर्षों में मुख्यमंत्री बदलने के सिवा कुछ नहीं किया। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा राज्य बनने के बाद से ही उत्तराखंड में फ्रेंडली मैच खेल रहे हैं। इन दोनों के बीच पांच-पांच साल तक बारी-बारी से प्रदेश को लूटने की गुप्त डील है, लेकिन इस बार प्रदेश की जनता इनकी असलियत जान चुकी है। 2022 में जनता दोनों को ही करारा जवाब देने को तैयार है। उत्तराखंड की जनता अब भाजपा-कांग्रेस की इस छलावे वाली राजनीति से आजिज आ चुकी है। प्रदेश में कुर्सी की नहीं, बल्कि काम की राजनीति चाहती है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।