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June 19, 2025

ओलंपिक खेल भारत लाने का नीता अंबानी का सपना, एशियाई खेलों में रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े एथलीटों का जलवा

आईओसी की पहली भारतीय निजी महिला सदस्य नीता अंबानी जब बीजिंग में ओलंपिक सत्र की मेजबानी के लिए बिडिंग कर रही थी, तब किसी ने भी नही सोचा था कि भारत के पक्ष में इतनी जबर्दस्त वोटिंग होगी। कुल 76 वोटों में से 75 भारत को मिले। मुंबई अब 15 से 17 अक्तूबर, 2023 तक अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के 141वें सत्र की मेजबानी करेगा। इसे ओलंपिक खेलों को भारत लाने के प्रयासों से जोड़ कर देखा जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सवाल यह है कि आईओसी सत्र तो भारत आ गया पर क्या ओलंपिक खेल भी भारत आएंगे। आईओसी सत्र की मेजबानी मिलने पर नीता अंबानी ने कहा था कि खेल हमेशा दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए आशा और प्रेरणा का प्रतीक रहा है। हम आज दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक हैं और मैं भारत के युवाओं को ओलंपिक के जादू रूबरू कराने को लेकर बेहद उत्साहित हूं। आने वाले वर्षों में भारत में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करना हमारा सपना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नीता अंबानी ओलंपिक को भारत लाने का सपना क्यों देख रही हैं और आईओसी सत्र आखिर इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं। दरअसल आईओसी सत्र, ओलंपिक खेलों पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च बॉडी है। जिसमें ओलंपिक चार्टर को अपनाना या संशोधित करना, आईओसी सदस्यों और पदाधिकारियों का चुनाव करना और ओलंपिक के मेजबान शहर का चुनाव शामिल है। जैसे क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किए जाने की चर्चा जोरों पर है और अगर इसे 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में शामिल करने का फैसला होता है, तो इसकी घोषणा मुंबई के आईओसी सत्र में ही होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आईओसी सत्र के दौरान भारत आने वाली दुनिया की जानी मानी खेल हस्तियों की एक लंबी लिस्ट है। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के प्रेसिडेंट थॉमस बाख, फुटबॉल की दुनिया की सबसे बड़ी संस्था, फीफा के प्रेसिडेंट जियानी इन्फैनटिनो, इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन के प्रेसिडेंट सेबस्टियन को, मोनाको के राजकुमार अल्बर्ट द्वितीय और पोल वॉल्ट चैंपियन येलेना इसिनबायेवा इस लिस्ट में शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

40 साल पहले 1983 में नई दिल्ली ने आईओसी सत्र के 86वें संस्करण की मेजबानी की थी। तब से भारत ओलंपिक तो दूर आईओसी सत्र की मेजबानी के लिए भी तरसता रहा। ओलंपिक को भारत में लाने की उम्मीद में खिलाड़ियों की कई पुश्तें बीत गईं, लेकिन ओलंपिक भारत में आयोजित नहीं हो सका। वजह थी कि ओलंपिक कमेटी में भारत के लिए आवाज उठाने वाला कोई निजी सदस्य नहीं था। 6 वर्ष पहले नीता अंबानी आईओसी की पहली भारतीय निजी महिला सदस्य बनीं। उनकी मेहनत रंग लाई और 141वें आईओसी सत्र की मेजबानी भारत को सौंप दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बात केवल आईओसी की मेंबर होने की ही नही है, नीता अंबानी भारत के खेल जगत कि तस्वीर बदल रहीं हैं। आज 2 करोड़ 15 लाख से अधिक युवा खिलाड़ी उनकी खेल योजनाओं से जुड़े हैं। खेल जगत में की गई उनकी अनोखी पहल का फायदा एशियाई खेलों में देखने को मिला। एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में से 10 फीसद से अधिक रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एशियाई खेलों में रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े एथलीटों का जलवा, 12 पदक जीते
भारत ने एशियाई खेलों में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। 107 पदकों के साथ भारत पदक तालिका में चौथे स्थान पर रहा। इस रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन में रिलायंस फाउंडेशन के एथलीटों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने 12 पदक जीते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एशियाई खेलों में भारत की विशाल जीत पर खुशी जाहिर करते हुए रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर चेयरपर्सन नीता अंबानी ने कहा कि 100 से अधिक मेडल्स जीतने पर टीम इंडिया को बधाई! एशियन गेम्स में हमारा तिरंगा शान से लहरा रहा है। हमें रिलायंस फाउंडेशन के युवा एथलीट्स पर भी बहुत गर्व है। जिन्होंने एशियाई गेम्स में 12 से अधिक मेडल्स जीते हैं। किशोर जेना, ज्योति याराजी, 17 साल की पलक गुलिया और रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े हुए सभी एथलीट्स को भी बहुत बधाई । रिलायंस फाउंडेशन हमेशा टीम इंडिया के साथ खड़ा रहेगा। बस आप भारत का गौरव यूं ही बढ़ाते रहें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रिलायंस फाउंडेशन से जुड़े जिन 12 एथलीट्स ने पदक जीते हैं उनमें से लवलीना बोरगोहेन और किशोर जेना ने पेरिस ओलंपिक में अपना स्थान पक्का कर लिया है। एशियाई खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें ओलंपिक खेलों में सीधा प्रवेश मिलेगा। मुक्केबाजी में टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन ने महिलाओं के 75 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता, जिससे उन्हें 2024 में पेरिस ओलंपिक में जगह मिली। वह एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक मुकाबले तक पहुंचने वाली दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज बन गईं हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

किशोर जेना ने 87.54 मीटर भाला फेंक कर रजत पदक जीता। इस बेहतरीन प्रदर्शन के बूते उन्हें नीरज चोपड़ा के बाद भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ी के रूप में लोग जानने लगे हैं। 2023 में जेना ने अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सात बार सुधार किया है। इस वर्ष से पहले उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 78.05 मीटर था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

युवा प्रतिभा पलक गुलिया 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। युवा निशानेबाज पलक गुलिया ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और 10 मीटर एयर पिस्टल महिला टीम के हिस्से के रूप में रजत पदक जीतकर दोहरी कामयाबी हासिल की। वह इस संस्करण में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय निशानेबाज बनी। साथ ही 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला का खिताब हासिल किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रिलायंस फाउंडेशन के एथलीटों ने ट्रैक पर भी अपनी चमक बिखेरी। 10,000 मीटर में पदक का इंतजार 25 साल बाद खत्म हुआ। भारत ने इस एशियाड में छह स्वर्ण, 14 रजत और नौ कांस्य सहित 29 पदकों के साथ एथलेटिक्स स्पर्धाओं में पूरी तरह से अपना दबदबा बनाया – जो कि एथलेटिक्स में 1951 में उद्घाटन संस्करण के बाद से भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्तिक कुमार और गुलवीर सिंह ने पुरुषों की 10,000 मीटर स्पर्धा में 25 साल का पदक सूखा समाप्त कर दिया। दोनों ने अपना अब तक का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाया। 1998 के बैंकॉक एशियाड में गुलाब चंद के कांस्य पदक के बाद से इस प्रतियोगिता में भारत का यह पहला पदक है। ज्योति याराजी ने महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीतकर असाधारण प्रदर्शन किया, और इस स्पर्धा में भारत के लिए पदक जीतने वाली वे पहली महिला बनीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मोहम्मद अफसल ने पुरुषों की 800 मीटर स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया, जबकि जिन्सन जॉनसन पुरुषों 1500 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ जीत की राह पर लौटे, 1500 मीटर स्पर्धा में एशियाई खेलों के कई संस्करणों में पदक जीतने वाले वे पहले भारतीय पुरुष एथलीट बन गए हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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