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December 20, 2024

नवम न्यारघाटी महोत्सवः सख्त भू कानून के लिए करना होगा बड़ा आंदोलनः सूर्यकांत धस्माना

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य व उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड राज्य 23 सावन देख चुका है, लेकिन इतने वर्षों बाद भी यहां अब की पांच सरकारें उत्तराखंड की जनता की अपेक्षाओं का उत्तराखंड राज्य नहीं बना पाई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सख्त भू कानून को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है। वह पौड़ी जिले के सतपुली में नवम न्यारघाटी पंचायत माहोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। महोत्सव में उत्तराखंड के उभरते कलाकार इंदर आर्या ने गुलाबी सरारा गीत गा कर मुख्य अतिथि धस्माना सहित सभी श्रोताओं को नाचने के लिए मजबूर कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर धस्माना ने कहा कि राज्य के लिए जिन लोगों ने बलिदान दिया और संघर्ष किया, उनका सपना था कि अपना राज्य बनेगा तो उत्तराखंड के नौजवानों को रोजगार जी तलाश में मैदानों में व अन्य राज्यों की तरफ पलायन नहीं करना पड़ेगा। माता बहनों के सर से लकड़ी पानी व घास का बोझ कम होगा। महिलाओं का शशक्तिकरण होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वालों ने सपना देखा था कि राज्य के लोगों को घर के पास शिक्षा व चिकित्सा मिलेगी। सड़क बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए लड़ाई नहीं लड़नी पड़ेगी। आज जब हम 23 वर्षों की यात्रा का आंकलन करते हैं तो शर्म आती है कि राज्य बनने के बाद पलायन कम होने की जगह तेज़ी से पलायन में वृद्धि हुई। गांव के गांव खाली हो गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि रोजगार के नाम पर युवाओं से छलावा ऐसा हुआ कि पिछले 75 सालों में ऐसा भर्ती घोटाला नहीं हुआ, जो राज्य बनने के बाद अब हुआ है। इसमें सत्ताधारी व प्रभावशाली लोगों का हाथ है। धस्माना ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं व शिक्षा व्यवस्था का पूरे पर्वतीय क्षेत्रों में बुरा हाल है। निवेश के नाम पर पिछली दो सरकारों ने पहाड़ की जमीनों की खुली नीलामी शुरू कर पहाड़ के लोगों के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया। इसके कारण आज पूरे पहाड़ में सख्त भू कानून की मांग को लेकर लोग एक बार फिर उत्तराखंड आंदोलन की तरह सड़कों में उतरने को तैयार हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि एक बार भी बड़े आंदोलन के लिए हमको एकजुट होना पड़ेगा। धस्माना ने कहा कि गढ़वाल मेरी जन्म भूमि है। इसके लिए जब भी किसी संघर्ष की आवश्यकता पड़ेगी, उसके लिए मैं हमेशा तैयार हूं। इस अवसर पर सतपुली माहोत्सव के संयोजक मंडल ने धस्माना को शाल औढ़ाकर व पुष्प गुच्छ दे कर अभिनंदन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयोजक समिति के अध्यक्ष जगदंबा डंगवाल ने कहा कि आज जो सतपुली नगर पंचायत का अस्तित्व हम देख रहे हैं, वो सूर्यकांत धस्माना के अथक प्रयास से ही संभव हुआ। जब 2014 में उन्होंने मंच से ही मोबाइल पर तत्कालीन मुख्यमंत्री से वार्ता कर उसकी घोषणा की। इस अवसर पर कार्यक्रम के व्यवस्थापक अचलानंद डोबरियाल, कुसुम खंतवाल, पुष्पा असवाल, गीता रावत, आरती, इंदु जुयाल, जयकृत नेगी, चंद्रमोहन डोबरियाल आदि ने धस्माना व उनकी धर्मपत्नी प्रियंका धस्माना का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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