विपक्षी दलों के नौ नेताओं ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की निंदा, गवर्नर के हस्तक्षेप पर चिंता
विपक्षी पार्टियों के नौ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि बीजेपी की केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। विपक्षी नेताओं ने ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करने की निंदा की है। पत्र में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का जिक्र करते हुए कहा गया है कि बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं के खिलाफ जांच धीमी गति से की जाती है। साथ ही पत्र में राज्य सरकारों के कामकाज में गवर्नरों के अनावश्यक दखल पर भी चंता जताई गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन नेताओं ने लिखा संयुक्त पक्ष
पीएम मोदी को ये संयुक्त पत्र बीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव, जेकेएनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, एआइटीसी प्रमुख ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) के चीफ उद्धव ठाकरे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा है। इन नेताओं ने केंद्रीय एजेंसियों की खराब होती छवि पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तार की उठाया मुद्दा
इसमें कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत अभी भी एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के घोर दुरुपयोग से लगता है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए हैं। लेटर में विपक्षी नेताओं ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का मुद्दा भी उठाया। साथ ही कहा कि जिस तरह से कार्रवाई हो रही है, उससे लगता है कि हम लोकतंत्र को निरंकुशता में बदलते जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्यपालों पर राज्य सरकारों के कामकाज में दखल का आरोप
विपक्षी नेताओं ने पत्र में राज्यपाल और राज्य सरकारों के बीच हो रहे विवादों का भी उल्लेख किया। पत्र में कहा गया कि देश भर में राज्यपालों के कार्यालय संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं और अक्सर राज्य के शासन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। वे जानबूझकर लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई राज्य सरकारों को कमजोर कर रहे हैं। चाहे वो तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना के राज्यपाल हों या दिल्ली के उपराज्यपाल हों। राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच दरार की वजह बन रहे हैं। नतीजतन, हमारे देश के लोगों ने अब राज्यपालों की भूमिका पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मनीष सिसोदिया पर लगे आरोप निराधार
पत्र में कहा गया, “26 फरवरी 2023 को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को उनके खिलाफ सबूतों के बिना कथित अनियमितता के संबंध में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। मनीष सिसोदिया के खिलाफ लगाए गए आरोप स्पष्ट रूप से निराधार हैं। ये आरोप एक राजनीतिक साजिश की तरह लगते हैं। उनकी गिरफ्तारी से पूरे देश में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। मनीष सिसोदिया को दिल्ली की स्कूली शिक्षा को बदलने के लिए विश्व स्तर पर जाना जाता है। विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री से पत्र में कहा कि 2014 के बाद से ही जांच एजेंसियों ने विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना शुरू किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हिमंत बिस्वा सरमा का जिक्र
पत्र में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का भी जिक्र किया गया है। कहा गया कि दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियां धीमी गति से चलती हैं। उदाहरण के लिए कांग्रेस के पूर्व सदस्य और असम के वर्तमान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सीबीआई और ईडी ने 2014 और 2015 में शारदा चिटफंड घोटाले की जांच की थी। हालांकि, उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद मामला आगे नहीं बढ़ा। इसी तरह, पूर्व टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में थे। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होने के बाद इसमें भी कुछ नहीं हुआ।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।