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December 13, 2024

मलिन बस्तियों में भवन कर वसूली के नए नियमों को किया जाये खत्म

उत्तराखंड में देहरादून की राजपुर विधानसभा से पूर्व विधायक राजकुमार और उत्तरकाशी की गंगोत्री विधानसभा से पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मलिन बस्तियों में भवन कर वसूली के नए नियमों को खत्म करने की मांग की। इस संबंध में उन्होंने अपर सचिव एवं शहरी विकास निदेशक नितिन भदौरिया से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि दून नगर निगम की ओर से मलिन बस्तियों में भवन कर वसूली में जो नियम व शपथ पत्र, शर्तें व कड़े नियम लागू किये गये हैं, उन्हें तुरन्त निरस्त किया जाये। उन्होंने कहा कि अन्यथा नये नियम के विरोध में कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 582 बस्तियां हैं, जो मान्यता प्राप्त हैं। इनमें वर्षो से पानी, बिजली, सड़क, नाली व हाउस टैक्स तथा अन्य सभी सुविधायें उपलब्ध हैं। तत्कालीन दून नगर पालिका ने वर्ष 1992 में मलिन बस्तियों में हाएस टैक्स लगा दिया गया था। तब मात्र पचास प्रतिशत प्रति कमरा लोगों की ओर से हाउस टैक्स दिया जाता था। तथा शपथ पत्र भी नहीं लिया जाता था। सिर्फ पानी, बिजली के बिल व सर्वे के अनुसार बस्तियों में हाउस टैक्स लगा दिया जाता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि हाउस टैक्स के कारण लोग निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र तथा अन्य सुविधायें आसानी से ले लिया करते थे। अब सभी सुविधायें बंद कर दी गई हैं। शपथ पत्र के साथ ही कड़े नियम लागू कर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सभी सुविधायें बंद कर दी गई है और लोगों की सीनियरटी खत्म कर दी गई है। नगर पालिका के समय से तथा नगर निगम बनने के बाद जो मलिन बस्तीवासियों को सुविधा इन्डेक्स की और सीनियरटी से मिलती थी, उसे दोबारा शुरू की जाये। जिससे लोग अपने निवास, जाति व पानी, बिजली आसानी से लगा सके और नये नियम को खत्म किया जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि नये नियम में शपथ पत्र के साथ यह लिखा गया है कि मलिन बस्तीवासियों को मालिकाना हक का अधिकार भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अध्यादेश अधिनियम को खत्म कर मालिकाना हक देने की पुरानी प्रक्रिया का शुरू किया जाए। इससे 582 मलिन बस्तियों के साथ नये क्षेत्र ग्रामीण की जो बस्तियां नगर निगम में जुडी हैं, उन्हें भी मालिकाना हक का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी बस्तीवासियों को वर्ष 2000 के सर्किल रेट से स्टाम्प शुल्क लेकर मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की जाये। उन्होंने कहा कि अन्यथा सभी बस्तीवासी एकजुट होकर विरोध कर आंदोलन करेंगें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार में दो अक्टूबर 2016 में जो नियम बनाये गये थे, उनके अनुरूप चार सौ करोड़ का प्रावधान मलिन बस्तियों में रख रखाव के लिए किया गया था। उसके अनुसार उस समय 70-80 लोगों को मालिकाना हक दिया गया था, उसे दोबारा से शुरू किया जाये और नये नियम को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाये। अन्यथा व्यापक स्तर पर सड़कों में उतरकर आंदोलन किया जायेगा। इस अवसर पर अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास उत्तराखंड नितिन भदौरिया ने शीघ्र ही कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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