लूट का नया तरीकाः मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से बैकों ने कमाए 8500 करोड़, एक से ज्यादा खाता वालों की ज्यादा परेशानी
महंगाई, गरीबी के इस दौर में बैंक भी अब आपकी जेब काटने को हर वक्त तैयार रहते हैं। या कहें तो जब देश में 81 करोड़ लोग इतने गरीब हैं कि उन्हें मुफ्त राशन पर निर्भर होना पड़ रहा है, ऐसे में गरीब लोगों को बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटन करना भी आसान नहीं है। एक तरह सरकार लोगों को बैंक में अधिक से अधिक खाता खोलने के लिए प्रेरित करती रही, वहीं दूसरी तरफ गरीब लोगों के खाते से लूट का सिलसिला भी कैसे चलता रहा। ये भी इस खबर को पढ़कर जान लीजिए। कारण ये है कि अगर आप अपने बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं मेंटेन करते हैं, तो आपको जुर्माना भरना होता है। ऐसी स्थिति में दो- चार सौ रुपये की बचत कर बैंक में जब कोई डालता है और बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं तो तो वह राशि उड़ जाती है। यानि बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर आपसे चार्ज वसूल लिया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संसद में उठा मुद्दा
मिनिमम बैलेंस का ये मुद्दा संसद में भी उठाया गया। लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जो जवाब दिया, उसपर विपक्ष ने तीखा हमला बोला है। वित्त राज्य मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि बीते पांच सालों में सरकारी बैंकों ने 8500 रुपये सिर्फ मिनिमम बैलेंस के पेनेल्टी से कमाया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि नरेंद्र मोदी के अमृतकाल में आम भारतीयों की ‘खाली जेब’ भी काटी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पांच साल में पेनेल्टी से वसूली राशि में 38 फीसद की बढ़ोत्तरी
इसे एक साहूकार की तरह लूट की कहा जाए तो गलत नहीं होगा। क्योंकि बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर बैंक खाताधारकों से जुर्माना वसूलते हैं। सरकारी बैंकों ने पिछले पांच सालों में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से 8500 करोड़ रुपये की कमाई की। देश के बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौड़ा, इंडियन बैंक. केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने मिनिमम बैलेंस पर जुर्माना वसूलकर करोड़ों की कमाई की। हालांकि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने फाइनेंशियल ईयर 2020 से ही मिनिमम बैलेंस पेनल्टी वसूलना बंद कर दिया है। इसके बावजूद पिछले पांच सालों में सरकारी बैंकों की मिनिमम बैलेंस पेनेल्टी की रकम में 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इतनी की इन बैकों ने कमाई
सरकारी बैंकों ने फाइनेंशियल ईयर 2020 से 2024 के दौरान मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से 8500 करोड़ रुपये कलेक्ट किए है। SBI ने 2019-20 में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से 640 करोड़ रुपये कमाए। वहीं PNB ने 2023-24 में 633 करोड़ रुपये कमाए। इसी तरह से वित्तीय वर्ष 2023-24 में बैंक ऑफ बड़ौदा ने 387 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक ने 369 करोड़ रुपये, केनरा बैंक ने 284 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया ने 194 करोड़ रुपये कमाए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर पेनेल्टी
बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर सरकार आपसे जुर्माना वसूलती है। हालांकि, सरकार ज्यादा खाते खुलवाने को अपनी उपलब्धी भी मानती है, लेकिन खाताधारकों की बचत में लूट से भी पीछे नहीं है। इस मिनिमम बैलेंस की लिमिट शहरों और गांवों के हिसाब से अलग-अलग होती है। जैसे शहर में पंजाब नेशनल बैंक खाते के लिए न्यूनतम बैलेंस 2000 रुपये है, वहीं छोटे शहरों के लिए 1000 तो गांवों के लिए 500 रुपये है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अगर पीएनबी के खाताधारकों ने अपने बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखा तो शहर के ग्राहकों से जुर्माने के तौर पर 250 रुपये, छोटे शहरों के ग्राहकों से 150 रुपये और गांवों में खाताधारकों से 100 रुपये पेनेल्टी के तौर पर वसूले जा रहे हैं। बैंकों ने मिनिमम बैलेंस और जुर्माने की रकम तय कर रखी है। अगर आपके खाते में इसस कम बैलेंस रहता है तो बैंक मंथली, क्वार्टरली वसूलते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल गांधी ने की आलोचना
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बैंकों द्वारा मिनिमल बैलेंस पर पेनेल्टी वसूले जाने पर कटाक्ष किया। राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के अमृतकाल में आम भारतीयों की ‘खाली जेब’ भी काटी जा रही है। मित्र उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ माफ कर देने वाली सरकार ने ‘मिनिमम बैलेंस’ तक मेंटेन न कर पा रहे गरीब भारतवासियों से 8500 करोड़ रुपए वसूल लिए हैं। ‘जुर्माना तंत्र’ मोदी के चक्रव्यूह का वो द्वार है, जिसके जरिये आम भारतीय की कमर तोड़ने की कोशिश हो रही है। पर याद रहे भारत की जनता अभिमन्यु नहीं, अर्जुन है। वो चक्रव्यूह तोड़ कर आपके हर अत्याचार का जवाब देना जानती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्यसभा सांसद डॉ. नरेश बंसल ने भी सदन में उठाया मामला
उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष डा. नरेश बंसल ने सदन मे बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक ग्राहकों से जुर्माना वसूलने संबंधित जनहित का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर ग्राहकों से राशि काटी जाती है। इससे बैंकों के ग्राहकों में इससे आक्रोश है। इसे बंद किया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो या उससे अधिक बैंक में खाता है तो जानिए नियम
आज के समय में अधिकांश लोग एक से अधिक बैंक खाते रखते हैं। यह प्रवृत्ति अपने वित्तीय जीवन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने की इच्छा से उपजी है। हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने इस संबंध में कुछ नए नियम जारी किए हैं। यदि आपके पास भी एक से ज्यादा बैंक खाते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विभिन्न प्रकार के बैंक खाते
1. बचत खाता (सेविंग अकाउंट): यह सबसे लोकप्रिय खाता है, जिसमें ब्याज भी मिलता है।
2. चालू खाता (करंट अकाउंट): व्यापारियों द्वारा अधिक उपयोग किया जाता है।
3. वेतन खाता (सैलरी अकाउंट): नौकरीपेशा लोगों के लिए, जिसमें न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता नहीं होती।
4. संयुक्त खाता (ज्वाइंट अकाउंट): दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा साझा किया जाने वाला खाता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरबीआई के नए नियम
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि कोई भी भारतीय नागरिक अपनी आवश्यकता के अनुसार असीमित संख्या में बैंक खाते खोल सकता है। साथ ही इसके लिए कई नियम हैं। इन नियमों का ध्यान रखना होगा।
1. न्यूनतम शेष राशि: प्रत्येक खाते में न्यूनतम मासिक शेष राशि बनाए रखनी होगी।
2. जुर्माना: न्यूनतम शेष राशि न रखने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
3. सिबिल स्कोर: यह नियम आपके सिबिल स्कोर को प्रभावित कर सकता है।
4. बैंकिंग शुल्क: कई खातों के कारण अधिक बैंकिंग शुल्क देना पड़ सकता है।
5. आयकर रिटर्न: विभिन्न खातों से आय का हिसाब रखना जटिल हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बहु बैंक खातों के फायदे
1. विभिन्न उद्देश्य: अलग-अलग खाते बचत, निवेश, व्यवसाय आदि के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
2. जोखिम का बंटवारा: सभी पैसे एक ही बैंक में न रखकर जोखिम को कम किया जा सकता है।
3. विविध सेवाएं: विभिन्न बैंकों की विशेष सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बहु-बैंक खातों के नुकसान
1. प्रबंधन की चुनौती: कई खातों को ट्रैक करना मुश्किल हो सकता है।
2. अतिरिक्त शुल्क: विभिन्न बैंकों में न्यूनतम बैलेंस और अन्य शुल्क देने पड़ सकते हैं।
3. कर संबंधी जटिलताएं: कई खातों से आय का हिसाब रखना और कर रिटर्न भरना जटिल हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सावधानियां और सुझाव
1. नियमित निगरानी: सभी खातों की नियमित जांच करें।
2. न्यूनतम बैलेंस: हर खाते में आवश्यक न्यूनतम राशि बनाए रखें।
3. अनावश्यक खाते बंद करें: जो खाते जरूरी नहीं हैं, उन्हें बंद कर दें।
4. सुरक्षा: ऑनलाइन बैंकिंग के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।
5. अपडेट रहें: बैंकों के नियमों और शुल्क में बदलाव पर नज़र रखें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कानूनी अनुपालन
1. सभी खातों को कानूनी रूप से बनाए रखना आवश्यक है।
2. प्रत्येक खाते के लिए केवाईसी (Know Your Customer) नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
3. सभी खातों से होने वाली आय का सही हिसाब रखें और उसे आयकर रिटर्न में घोषित करें।
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