राफेल सौदे में खुलासाः बिचौलिए को दिए 65 करोड़, सीबीआइ और ईडी को थी जानकारी, अगस्ता वेस्टलैंड पर कांग्रेस ने पीएम को घेरा
फ्रेंच विमान निर्माता कंपनी दसॉ ने भारत को 36 राफेल फाइटर जेट बेचने का सौदा हासिल करने के लिए मिडिलमैन (बिचौलिये) को करीब 7.5मिलियन यूरो (लगभग 650 मिलियन या 65 करोड़ रुपये ) का भुगतान किया और भारतीय एजेंसियां दस्तावेज होने के बावजूद इसकी जांच करने में नाकाम रहीं।
Mediapart ने कथित झूठे Invoices प्रकाशित किए हैं, जो बताते हैं कि दसॉ ने कथित बिचौलिये सुशेन गुप्ता को गुप्त रूप से कमीशन का भुगतान किया। पोर्टल कहता है इन दस्तावेजों की मौजूदगी के बावजूद भारतीय संघीय एजेंसी ने मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया और जांच शुरू नहीं की। रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के पास अक्टूबर 2018 से सबूत हैं कि दसॉ ने राफेल जेट के बिक्री सौदे को हासिल करने के लिए सुशेन गुप्ता को घूस दी। रिपोर्ट में कहा गया है, सबूत गोपनीय दस्तावेजो में मौजूद हैं, जो दोनों एजेंसियों की ओर से एक अन्य भ्रष्टाचार मामले-अगस्तावेस्टलैंड की ओर से वीवीआईपी हेलीकॉप्टर्स की सप्लाई का घोटाला- की जांच में सामने आए हैं।
कांग्रेस ने पीएम से पूछा-बताएं इटली से क्या हुई सीक्रेट डील
कांग्रेस पार्टी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने और देश को भ्रम में रखने का आरोप लगाया है। पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीएम ने इटली की कम्पनी अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर कहा था कि यह भष्ट्राचारी कम्पनी है। उसके बाद मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत इस कम्पनी को हिस्सा लेने की अनुमति दी। अब मोदी सरकार ने इस कम्पनी से सभी प्रतिबंध हटा दिए हैं।
गौरव वल्लभ ने कहा कि पीएम मोदी अभी इटली गए थे। वहां एक बैठक में अगस्ता वेस्टलैंड कम्पनी को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक में अजित डोवाल और विदेश मंत्री जयशंकर भी शामिल हुए थे। पीएम के भारत आने के तुरंत इस कम्पनी पर लगे सभी प्रतिबंध हटा दिए गए। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री जी देश को बताएं कि अब यह कंपनी भ्रष्ट है या नहीं? क्या मोदी झूठ बोलने के लिए माफी मांगेंगे? कांग्रेस सरकार ने इस कंपनी के खिलाफ ने जो जांच शुरू करवाई थी क्या वो जारी रहेगी या बन्द कर दी जाएगी। हम पूछना चाहते हैं कि इस सीक्रेट डील में क्या बात हुई, देश यह जानना चाहता है। उन्होंने कहा कि हमने पहले कहा था-चोर मचाए शोर। आज यह साबित हो गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।