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February 3, 2025

इतना बड़ा कमाल कभी नहीं देखा होगा, झंडे में डाल दिए बीज, कॉलेज में किया प्रयोग

है ना कमाल की बात। बैज के रूप तैयार किए गए तिरंगे में विभिन्न प्रजातियों के पौधों के बीज का भी इस्तेमाल कर दिया गया। जब तक ये तिरंगा आपकी शर्ट में लगा है तो तिरंगा है, लेकिन जब इसका इस्तेमाल खत्म हो जाए तो ये कई पौधों को जन्म देगा। इसी तरह के तिरंगे के बैज स्कूलों में बांटने कैा अनूठा प्रयोग किया गया। जब तक आपने कागज से बनी इन झंडियों का इस्तेमाल किया तो ठीक, लेकिन जब प्रयोग खत्म हो गया तो इसे गमले या अन्य ऐसे स्थान में डाल दो, जहां नया पौध उग सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजस्थान के जयपुर की रहने वाली पिंकी माहेश्वरी ने कुछ इसी तरह का प्रयोग किया। देशभक्ति के साथ जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण का उन्होंने अनोखा उदाहरण दिया। उन्होंने 15 अगस्त के लिए छात्रों के लिए तिरंगे के ऐसे बैज तैयार किए, जिसकी दूसरी तरफ विभिन्न प्रजातियों के पौधों के बीज की थैली भी है। ये थैली भी कागज की है। यानि जब मौका लगे और जहां संभव हो, वहां ऐसी झंडियों से बीच निकालकर जमीन पर डाला जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उत्तराखंड में वैज्ञानिकों की संस्थान स्पेक्स के सचिव डॉ. बृजमोहन शर्मा ने मुताबिक, जयपुरल में रहने वाली पिंकी माहेश्वरी भारत का विख्यात स्टार्टअप चलाती हैं। वह रिसाइकिल वेस्ट से पैकिंग और अन्य प्रोडक्ट बनाती हैं। उनके एक प्रोडक्ट में भारत का झंडा शामिल है। इसमे पिंकी ने सीड डाल दिया हैं। इसका स्लोगन Why Throw – When I can Grow है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने बताया कि पिंकी ने ऐसी फ्लैग को उन्हें भी भेजा। इस पर उन्होंने देहरादून स्थित फूल चंद नारी शिल्प गर्ल्स इंटर कॉलेज की शिक्षिका मोना बाली को ऐसे तिरंगे के बैज दिए। मोना ने बच्चो को फ्लैग का पूरा कांसेप्ट समझाया और उन्हें फ्लैग प्रदान किए। वहीं, बच्चों से थैंक यू पिंकी दीदी बोला। देखें वीडियो—-

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “इतना बड़ा कमाल कभी नहीं देखा होगा, झंडे में डाल दिए बीज, कॉलेज में किया प्रयोग

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