Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 14, 2024

आजादी के आंदोलन से नेहरू हटे, सावरकर की एंट्री, कर्नाटक सरकार के विज्ञापन से नए विवाद को जन्म

कर्नाटक सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ विज्ञापन ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कर्नाटक सरकार ने पीएम मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित कराया है। इस विज्ञापन में देश की आजादी में बड़ी भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को जगह दी गई है। इन विज्ञापन में स्वतंत्रता सेनानियों की सूची से देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू गायब हैं। उनके स्थान पर विनायक सावरकर को जगह दी गई है। यह विज्ञापन 14 अगस्त को छपवाया गया है। राज्य सरकार के इस विज्ञापन को लेकर अब कर्नाटक कांग्रेस ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उधर, भारत के दूसरे ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के मौके पर भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए एक वीडियो जारी किया है, जिसमें भाजपा ने 1947 की घटनाओं पर अपना वर्जन जारी किया है. सात मिनट के इस वीडियो में भारत के बंटवारे के लिए जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार बताया गया है। मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग की पाकिस्तान बनाने की मांग के आगे नेहरू को झुकने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस ने इस वीडियो पर पलटवार किया है. कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ’14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के पीछे प्रधानमंत्री की वास्तविक मंशा सबसे दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना है। साथ ही उन्होंने कहा, ‘देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास आज भी जारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि पिछले साल 14 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि 1947 में विभाजन के दौरान भारतीयों के कष्टों और बलिदानों की देश को याद दिलाने के लिए हर साल 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने रविवार सुबह भी इसको लेकर ट्वीट किया है।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page