बदला गया नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी का नाम, पीएम मोदी के जीवन पर बनेगी गैलरी

केंद्र में हो या फिर राज्यों में बीजेपी की सरकार हो। बीजेपी की सरकारों ने नया बनाने से ज्यादा पहले से स्थापित स्थलों के नाम बदलने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है। गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम रखना, इसका एक उदाहरण है। अब दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी (एनएमएमएल) का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया है। तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास था। वहीं खबर ये भी है कि सितंबर तक तीन मूर्ति भवन परिसर के अंदर “लोकतंत्र की जननी” गैलरी और पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन, शासन और उपलब्धियों पर केंद्रित एक गैलरी बनाने की तैयारी की जा रही है। प्रधानमंत्री संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद से भारत के सभी 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक म्यूजियम है। इसे लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संस्कृति मंत्रालय ने दी नाम बदलने की जानकारी
संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एनएमएमएल की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलने का फैसला किया गया है। बताया कि सोसाइटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की। बयान में बताया गया है कि सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए ‘नाम में बदलाव के प्रस्ताव का स्वागत’ किया। क्योंकि अपने नए प्रारूप में यह संस्थान जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेन्द्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान और उनके सामने आई विभिन्न चुनौतियों के दौरान उनकी प्रतिक्रियाओं को दर्शाता है। राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्रियों को एक संस्था बताते हुए और विभिन्न प्रधानमंत्रियों की यात्रा की इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों से तुलना करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ‘इंद्रधनुष को सुंदर बनाने के लिए उसके सभी रंगों का उचित अनुपात में प्रतिनिधित्व किया जाना’ चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
तीन मूर्ति भवन परिसर पंडित जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास था। इसमें वे 16 साल तक रहे थे। उनके निधन के बाद उनके सम्मान में इस आवास को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी में परिवर्तित कर दिया गया था। पिछले साल 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया था। इसमें देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की जीवन गाथाएं हैं। इस संग्रहालय को लेकर भाजपा ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि यह सांस्कृतिक स्थल का लोकतंत्रीकरण है। इसमें देश के प्रत्येक प्रधानमंत्री को वह स्थान मिल रहा है जिसके वे हकदार हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले के जानकारों के अनुसार, संग्रहालय में तीन नई गैलरियां बनाई जा रही हैं। ओरिएंटेशन, लोकतंत्र की जननी और एक अन्य विशेष रूप से पीएम मोदी पर केंद्रित गैलरी अगले तीन महीनों में तैयार होने की संभावना है। ओरिएंटेशन गैलरी आने वालों को कुछ ही मिनटों में पूरे संग्रहालय की एक झलक दिखाएगी। लोकतंत्र की जननी गैलरी में यह दिखाया जाएगा कि पिछले 75 वर्षों में भारत ने लोकतंत्र के रूप में कैसे प्रगति की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम मोदी पर गैलरी
पीएम मोदी की गैलरी में उनके जीवन और प्रेरणा, प्रधानमंत्री के रूप में उनके व्यक्तित्व, उनकी शासन शैली, कूटनीति और नीति निर्माण, उनके व्यक्तित्व के अन्य पहलुओं के साथ-साथ उनकी मां के साथ उनके संबंध, पर्यावरण पर उनके विचार आदि को प्रदर्शित किए जाने की संभावना है। संग्रहालय में यह भी प्रदर्शित किया जाएगा कि भारत खेल, कला, शिक्षा, अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में कैसे आगे बढ़ा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, “यह विभिन्न प्रधानमंत्रियों को जोड़ने वाले रैंप पर प्रदर्शित किया जाएगा। अब तक हर दिन कम से कम 3,000 लोग आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी पर कसा तीखा तंज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एनएमएमएल का नाम बदले जाने की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय 59 वर्षों से अधिक समय से एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का खजाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री स्मारक एवं सोसाइटी कहा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी भारतीय राष्ट्र के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे? अपनी असुरक्षा के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खड़गे ने भी की आलोचना
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि ‘जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं। Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।