कोरोना के टीके से ज्यादा मजबूत है नेचुरल इम्युनिटी, अमेरिका में अध्ययन से हुआ खुलासा
एक स्टडी में कहा गया है कि अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट से आई कोरोना की लहर के दौरान वैक्सीन न लगाने वाले संक्रमण की स्थिति में वैक्सीन लगाने वाले उन लोगों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित थे, जो पहले संक्रमित नहीं हुए थे।
हालांकि, शोध के लेखकों ने चेतावनी दी है कि टीकाकरण करवा चुके लोगों की तुलना में बिना टीका लेने वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने, दीर्घकालिक प्रभाव और मौत होने का अधिक जोखिम होता है। यूएस सेंटर्स फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने बयान में कहा कि वायरस लगातार स्वरूप बदल रहे हैं, जिसमें कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस भी शामिल है।
उसने कहा कि वैक्सीनेशन से मिली सुरक्षा और संक्रमण के बाद मिली सुरक्षा के स्तर पर स्टडी की अवधि के दौरान बदलाव देखा गया है। हालांकि, कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण अब भी सबसे सुरक्षित रणनीति है। यह विश्लेषण ओमिक्रॉन वैरिएंट के उदय से पहले किया गया था। ओमिक्रॉन वैरिएंट ने टीके और संक्रमण के बाद पैदा होने वाली इम्युनिटी दोनों कमतर दिखाते हुए लोगों को संक्रमण का शिकार बनाया। नए अध्ययन में 30 मई से 30 नवंबर, 2021 के बीच न्यूयॉर्क और कैलिफ़ोर्निया के मरीजों को शामिल किया गया था।
डेल्टा वैरिएंट के कहर से पहले, वैक्सीनेशन ने संक्रमण की तुलना में अधिक प्रतिरक्षा प्रदान की, लेकिन इस स्थिति में जून अंत और जुलाई में तब बदलाव आया, जब डेल्टा ने व्यापक पैमाने पर लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया। अक्टूबर महीने की शुरुआत में देखा गया कि ऐसे वैक्सीनेटेड लोग जिन्हें पहले कोरोना नहीं हुआ था, उनके बीच मामलों की दर ऐसे लोगों की तुलना में कम थी, जो अन वैक्सीनेटेड थे और कोविड का शिकार भी नहीं हुए थे।
कैलिफोर्निया में यह दर 6 गुनी और न्यूयॉर्क में 5 गुनी कम थी। हालांकि, उन लोगों के बीच मामलों की यह दर और कम होती जाती है, जिन्हें पहले से कोरोना हुआ था। अनवैक्सीनेटेड के साथ कोविड का शिकार नहीं हुए लोगों की तुलना में उनमें मामलों की दर करीब 29 गुना (कैलिफोर्निया) और 15 गुना (न्यूयॉर्क) कम थी।
टीकाकरण के साथ पहले से कोरोना का शिकार हो चुके लोग कोविड-19 के खिलाफ सबसे अधिक सुरक्षित दिखे. अस्पताल में भर्ती होने की सूरत में भी यह पैटर्न देखने को मिला। अन्य शोधों में भी इसी तरह पाया गया कि है कि डेल्टा के मामलों में तेजी के दौरान टीकों की तुलना में प्राकृतिक प्रतिरक्षा क्षमता अधिक शक्तिशाली थी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।