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November 22, 2024

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर छात्रों को दी गई विज्ञान और तकनीकी की जानकारी, विजेताओं को किया पुरस्कृत

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र और देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का एकीकृत दृष्टिकोण, थीम पर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र और देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का एकीकृत दृष्टिकोण, थीम पर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों विषय विशेषज्ञों ने विज्ञान एवं विभिन्न तकनीकी की विस्तार से जानकारी दी। वहीं, उत्तरकाशी में भी छात्रों की भाषण व मॉडल प्रतियोगिता आयोजित की गई।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर डॉ अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क की ओर से उत्तराखंड राज्य में प्रति वर्ष वसंत पंचमी पर्व को “खेती बाड़ी दिवस” के रूप में मनाया जाएगा। इसमें विभिन्न तकनीकियों का प्रयोग करते हुए धरातलीय कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रथम चरण में यूसर्क द्वारा उत्तराखंड के तीन सीमांत जनपदों चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ के तीन चयनित विद्यालयों में STEM प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है।

इसके अलावा विज्ञान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में यूसर्क एवं विद्या सार (स्मार्ट लीप एजुकेशन लीप प्राइवेट लिमिटेड) देहरादून के साथ एम ओ यू किया गया। इसमें विद्यार्थियों को गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, अंग्रेजी विषयों पर कक्षा 9 से 12 तक का स्टडी मैटेरियल ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों रूप से यूसर्क के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूसर्क द्वारा युवाओं में विज्ञान अभिरुचि बढ़ाने, सृजन दृष्टिकोण एवं मौलिकता के साथ विज्ञान शिक्षा एवम् अनुसंधान संबंधी कार्यों को पूरे प्रदेश में संचालित किया जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति शरद पारधी ने सभी से गंभीरता के साथ विज्ञान चिंतन करने एवम् कार्य करने का आवाहन किया। विभिन्न विद्यालयों से आए विद्यार्थियों ने अपनें नवाचार संबंधी विचारों को प्रस्तुत किए। इसके विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने यूसर्क की ओर से आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया। साथ ही उनकी उपयोगिता की जानकारी दी। उन्होंने मेंटरशिप कार्यक्रम में पंजीकरण, ज्ञानकोष पोर्टल, यूसर्क यूट्यूब चैनल आदि के बारे में बताया। यूसर्क द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियां जैसे ई कंटेंट बनाने कार्य, मेंटरशिप कार्यक्रम, तकनीकी आधारित विज्ञान शिक्षा, ज्ञानकोष पोर्टल, जल शिक्षा कार्यक्रम, जल गुणवत्ता अध्ययन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्मार्ट इको क्लब, टिंकरिग प्रयोगशालाओं की स्थापना आदि पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवम् मुख्य वक्ता पर्यावरणविद् सच्चिदानंद भारती ने अपने संबोधन में कहा कि हमको पर्यावरण के संरक्षण करने के लिए परंपरागत ज्ञान के साथ साथ वैज्ञानिक सोच के साथ कार्य करना होगा और छोटे छोटे प्रयोगों के माध्यम से लगातार कार्य करते हुए आगे बढ़ना होगा। उन्होंने जल संरक्षण के लिए पहाड़ी भूभाग में चलाए गए पाणी राखो आंदोलन, चाल खाल बनाने आदि के बारे में बताया।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में स्पेक्स के सचिव एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बृजमोहन शर्मा ने विभिन्न छोटे छोटे वैज्ञानिक प्रयोगों के प्रायोगिक प्रदर्शन के द्वारा जल परीक्षण, खाद्य पदार्थों का परीक्षण करना आदि को सिखाया एवं विज्ञान को समझने पर बल दिया। सैनिटाइजर की शुद्धता को मापन, पर्यावरण स्नेही प्राकृतिक रंगों को बनाना, मसालों में मिलावट का पता लगाना आदि को बहुत कम खर्च में जांचना सिखाया। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थीओं बताया कि विज्ञान के प्रयोगों के द्वारा हम समाज को जागरूक करके पर्यावरण के साथ साथ मानव स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते है।

कार्यक्रम में आए सभी प्रतिभागियों को देव संस्कृति विश्वविद्यालय का भ्रमण कराया गया जिसमें उनको सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट, बायोगैस प्लांट, पेपर प्लांट आदि का भ्रमण कराया गया। कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक व कार्यक्रम समन्वयक डा भवतोष शर्मा, डा राजेंद्र सिंह राणा, उमेश जोशी, राजदीप जंग, एवम् देव संस्कृति विद्यालय के डा अरुणेश पाराशर, डॉ उमाकांत इंदौलिया, चन्द्र शेखर, हेमन्त गुप्ता आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। इससे पहले कार्यक्रम का स्वागत भाषण देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के स्कूल ऑफ इंडोलॉजी विभाग के डीन प्रोफेसर सुरेश लाल बरनवाल ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में हरिद्वार एवम ऋषिकेश के 6 विभिन्न शिक्षण संस्थाओं गायत्री विद्यापीठ हरिद्वार, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश, डी एस बी इंटरनेशनल स्कूल ऋषिकेश, जी जी आई सी रुढ़की, जी आई सी गैन्डीखाता, जी जी आई सी ज्वालापुर के 125 विद्यार्थियों सहित 140 लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ ओमप्रकाश नौटियाल ने किया।

विद्यार्थियों की नवाचार संबंधी प्रस्तुति पर ये रहा परिणाम
1. प्रथम स्थान: कृष्णा गर्ग एवम् कुशाग्र, कक्षा 11, डी एस बी इंटरनेशनल स्कूल, ऋषिकेश। (संयुक्त रूप से)
2. द्वितीय स्थान: अपराजिता, कक्षा 12, डॉ हरी राम आर्य इंटर कॉलेज, मायापुर, हरिद्वार।
3. तृतीय स्थान: निशांत सिंह कक्षा 10 एवम् युवराज तायल कक्षा 7, डी एस बी इंटरनेशनल स्कूल। ऋषिकेश (संयुक्त रूप से)
4. प्रथम सांत्वना: आस्था सेमवाल, कक्षा 11, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, रुड़की।
5. द्वितीय सांत्वना: ज्योति, कक्षा 11, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, ज्वालापुर, हरिद्वार।

विज्ञान दिवस पर उत्तरकाशी में आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताएं
राम चन्द्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी और यूसर्क के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का सफल आयोजन किया गया। इस मौके पर छात्रों की विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरुवात प्राचार्य प्रो सविता गैरोला द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम में विज्ञान संकाय के विषय विशेषज्ञों ने छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। विज्ञान संकाय के भौतिक विज्ञान के विभाग प्रभारी डॉ अरविन्द रावत ने रमन इफेक्ट को विस्तार से छात्रों को समझाया। वनस्पति विज्ञान के विभाग प्रभारी तथा कार्यक्रम के समन्वयक डॉ एम पी एस परमार ने पावर पॉइंट के माध्यम से छात्रों को स्टार्टअप तथा विभिन्न सरकारी लाभकारी योजनाओं से अवगत कराया।
रसायन विभाग के विभाग प्रभारी डॉ के के बिष्ट ने भी छात्रों को साइंस को व्यावहारिक जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया। जन्तु विज्ञान के डॉ आकाश चंद्र मिश्र ने विज्ञान और आज के नवीन भारत के निर्माण के लिए छात्रों को नयी ऊर्जा, मेहनत और लगन के साथ काम करने को कहा। साथ ही छात्र छात्रों के लिए भाषण एवं मॉडेल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। भाषण प्रतियोगिता का शीर्षक विज्ञान और तकनीकी की सत्तत भविष्य के निर्माण में भूमिका, था। इसमें मनीष प्रथम, अनुराधा द्वितीय तथा बलिराम तृतीय स्थान पर रहे। मॉडल प्रतियोगिता का शीर्षक “कबाड़ से जुगाड़” था। इसमें आरती प्रथम स्थान पर रही। शोएब, अवन्तिका, नेहा दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे। जन्तु विज्ञान विभाग की वरिस्ठ प्राध्यापिका प्रोफेसर वासंतिका कश्यप ने सभी छात्रों को विज्ञान को सभी विषयों का आधार बताया और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन यू सर्क की कार्यक्रम नोडल अधिकारी और वनस्पति विज्ञान विभाग की डॉ ऋचा बधानी ने किया। इस अवसर पर डॉ जयलक्ष्मी रावत, डॉ विपिन , डॉ आराधना , डॉ अंजली, डॉ पवन, डॉ कैलाश, डॉ प्रेरणा आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे।

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