ग्राफिक एरा में राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता शुरू, जस्टिस राजेश टंडन बोले- कानूनों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने की जरूरत

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजेश टंडन ने कहा कि आज हमारी जीवनचर्या में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हर क्षेत्र में उपयोग हो रहा है। वही एआई से जुड़े अपराध भी सामने आ रहे हैं। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े अपराधों के मद्देनजर इसे कानून से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने इसे इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज राइट्स (आईपीआर) और आईटी लॉ से जोड़ने पर बल दिया। जस्टिस टंडन ने कहा कि नई तकनीक के दौर में बदलते समाज के साथ, समाज की जरूरत के हिसाब से कानून में भी बदलाव आ रहा है। और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े मामलों के लिए कानून जरूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कानून के विद्यार्थियों में कानूनी दांवपेच,वाद प्रस्तुत करने की कुशलता को समझने व परखने के उद्देश्य से ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय में आज से तीन दिवसीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- ‘संवैधानिक और आपराधिक कानून‘ विषय पर मूट कोर्ट प्रतियोगिता शुरू हुई। ग्राफिक एरा हिल यूनिवसिर्टी के स्कूल ऑफ लॉ और दिल्ली के चैंबर ऑफ अभिनव मिश्रा एडवोकेट एंड सॉलिसिटर के सहयोग से हो रही इस प्रतियोगिता में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली, शिमला समेत देशभर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की 30 टीमें प्रतिभाग कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मूट कोर्ट वास्तविक अदालत की प्रतिकृति होती है, इसमें छात्र-छात्राओं की टीमें कानून के विषयों पर बहस करेगी। इस प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं को वाद विवाद प्रस्तुत करने की कुशलता के साथ कानूनी ज्ञान बनाने और उसे परखने का मौका मिलता है। इस मूट कोर्ट प्रतियोगिता में सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ-साथ कॉर्पोरेट लॉ से जुड़े अधिवक्ता प्रतिभागी टीमों का मूल्यांकन करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रथम,द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाली टीमों को नगद पुरस्कार दिया जाएगा साथ ही प्रथम स्थान पाने वाली टीम को फिनिक्स लीगल की इंटर्नशिप प्रदान की जाएगी। प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की प्रभारी कुलपति प्रो रूपा खन्ना, रजिस्ट्रार डॉ अरविंद धर, स्कूल ऑफ लॉ की विभागाध्यक्ष डॉ शालिनी बहुगुणा बछेती, शिक्षक और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।