मणिपुर में दो माह बाद खुला नेशनल हाईवे 2, ताजा हिंसा में चार की मौत

मणिपुर में 60 दिन से सिलसिलेवार हिंसा की घटनाएं देखने को मिलने रही हैं। इस बीच सरकार की पहल का असर भी देखने को मिलने लगा है। ऑपरेशन सस्पेंशन के तहत मणिपुर के दो संगठनों ने रविवार को दो महीने बाद नेशनल हाइवे-2 को खाली कर दिया है। यहां पर कुकी समुदाय के दो संगठनों का कब्जा था और आवागमन बंद चल रहा था। कुकी समुदाय ने कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर कांगपोकपी जिले में दो महीने से चली आ रही नाकेबंदी हटा ली है। वहीं, मणिपुर में रविवार रात ताजा हिंसा भड़क उठी। इसमें कम से कम चार लोग मारे गए हैं। एक मामले में पुलिस ने कहा कि पीड़ित का सिर काट दिया गया था। मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि यह घटना चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों की सीमा पर स्थित खोइजुमंतबी गांव में रविवार आधी रात को हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बयान में कहा गया है कि आज लगभग 12.05 बजे आसपास की पहाड़ियों से आ रहे अज्ञात बदमाशों ने बिष्णुपुर जिले के खोइजुमंतबी हिल्स में तैनात ग्राम स्वयंसेवकों पर गोलीबारी की। हमार समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संघ ने दावा किया कि मृत व्यक्तियों में से एक उनकी जनजाति का था और उसे “आतंकवादी” बताकर मार दिया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घटना के बाद बिष्णुपुर में 12 घंटे की कर्फ्यू छूट को घटाकर पांच घंटे कर दिया गया। राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि सुबह पांच बजे से सुबह 10 बजे तक कर्फ्यू में कटौती की गई। इस बीच इंफाल पश्चिम जिले में 3 जुलाई को सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू प्रतिबंधों में ढील दी गई। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तीन मई को पहली बार शुरू हुई झड़प के बाद से जातीय हिंसा में 135 से अधिक लोगों की जान चली गई है। 50 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं और शिविरों में रह रहे हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।