नई शिक्षा नीति पर कॉलेजों के शिक्षकों के लिए कार्यशाला और सेमिनार का आयोजन करेगी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की मेंबर सेक्रेट्री के सांग यांगजोम शेरपा और एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल की एक बैठक राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद दिल्ली में संपन्न हुई।

डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया की राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद और कॉलेजों के बीच में आपसी तालमेल ना होने के कारण विभिन्न प्रकार की दोनों पक्षों में भ्रांतियां होती हैं। इसके लिए विभिन्न अवसरों पर बैठकों का आयोजन आवश्यक है। मेंबर सेक्रेटरी ने बैठक में एसोसिएशन के प्रयास की सराहना की। साथ ही इस बात पर अपनी सहमति दी कि निकट भविष्य में देहरादून में उत्तराखंड के प्राइवेट कॉलेजों में नई शिक्षा नीति के संदर्भ में शिक्षकों की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जो 4 वर्षीय बीएड (b.ed) कोर्स आरंभ करना है, वह इस सत्र से प्रारंभ नहीं हो पाएगा। अगले सत्र से ही प्रारंभ हो पाएगा। इसी तरह से जो पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद एक वर्षीय बीएड (b.ed) का प्रावधान नई शिक्षा नीति में है। वह भी अभी अमल में नहीं आ पाएगा। अभी उसके लिए कोर्स करिकुलम तैयार किया जा रहा है। अभी फिलहाल दो वर्षीय b.ed कोर्स चलता रहेगा। नई शिक्षा नीति के तहत शुरू किए जाने वाले कोर्सों के लिए कॉलेजों को उचित समय दिया जाएगा।
उन्होंने कहा के राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद किसी कॉलेज को बंद करने की नहीं सोच रही है, लेकिन जो कॉलेज आधारभूत संरचना नहीं रखते हैं, उनको बंद किया जाएगा। जो कॉलेज अपने में सुधार कर रहे हैं, उनको पूरा मौका दिया जाएगा। बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या के मानक और उनकी उपलब्धता पर भी बैठक में चर्चा हुई। इसमें उन्होंने सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से कॉलेजों को परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरने के लिए कहा गया था। जिन कॉलेजों ने परफॉर्मेंसअप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरी थी, उनका 2022 -23 का सत्र राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने शून्य करने का आदेश जारी किया था। माननीय हाईकोर्ट द्वारा वह आदेश स्टे किया जा चुका हैष इस पर उनका कहना था कि यह स्टे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के आदेश पर सभी के लिए लागू है। मेंबर सेक्रेट्री के सांग यांगजोम शेरपा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद और कॉलेजों की एसोसिएशन के बीच वार्ता होती रहनी चाहिए।
एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने बताया कि अन्य प्रदेशों की तरफ से कभी कोई वार्ता करने आया ही नहीं उन्होंने उत्तराखंड एसोसिएशन की इस बारे में सराहना की एसोसिएशन द्वारा विभिन्न विषयों पर वार्ता की पहल की गई बैठक में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के अनुभाग अधिकारी अनिल शर्मा मेंबर सेक्रेटरी के सचिव अभिमन्यु एवं एसोसिएशन के सचिव गुरदेव सिंह वरने उपस्थित थे ।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।