Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 22, 2024

नासा ने शेयर की बृहस्पति की दुर्लभ फोटो, पृथ्वी की तरह चमक रही है बिजली, यहां बढ़ जाता है तीन गुना वजन

इस ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए वैज्ञानिक लगातार अध्ययन कर रहे हैं। चंद्रमा को लेकर खोज जारी है। वहीं, मंगल में कई अंतरिक्ष यान उतारे गए हैं। साथ ही दोनों ग्रहों में इंसान को भेजने की तैयारी हो रही है। इनके अलावा दूसरे ग्रहों में भी जीवन की संभावनाओं, वहां के हालात को लेकर लगातार वैज्ञानिक जानकारी जुटा रहे हैं। वहीं, बृहस्पति ग्रह की नई तस्वीर सामने आई है। इसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के यान ने कैमरे में कैद किया। इस फोटो को देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि बृहस्पति ग्रह में भी हमारी पृथ्वी की तरह बिजली चमकती है। बिजली की बात करने से पहले हम बृहस्पति ग्रह की विशेषता पर चर्चा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बृहस्पति ग्रह के बारे में
बृहस्पति ग्रह सूर्य से 5वां और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसे गैस को दानव भी कहते हैं। पीले रंग के इस ग्रह को अंग्रेजी में ज्यूपिटर भी कहते हैं। बृहस्पति ग्रह को सभी ग्रहों में ऊपर रखा जाता है। इसका आकार इतना बड़ा है कि सारे ग्रह मिलाकर भी इसके अकेले के बराबर नहीं हो सकते हैं। रहस्यों से भरा बृहस्पति बेहद खूबसूरत भी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्रह की खासियत
बृहस्पति ग्रह 90 फीसद हाइड्रोजन, 10 फीसद हीलियम और कुछ मात्रा में मिथेन, पानी, अमोनिया और चट्टानी कणों से मिलकर बना हुआ है। बृहस्पति ग्रह को सौरमंडल का ‘वैक्युम क्लीनर’ भी कहा जाता हैं यह पृथ्वी को विनाशकारी हमलों से बचाता हैं। इसीलिए हिंदू धर्म में पूजा के समय इस ग्रह को भी पूजा जाता है। बृहस्पति बहुत ही ठंडा ग्रह हैं। इसका औसत तामपान 1145°C है। बृहस्पति ग्रह की कोई जमीन नहीं हैं यह पूरी तरह गैस के बादलों से बना हुआ ग्रह हैं। बृहस्पति ग्रह पर आज तक 7 यान भेजे जा चुके हैं। बृहस्पति ग्रह सबसे पुराने ग्रहों में से एक है। बृहस्पति के जरिये पृथ्वी की उत्पति के बारे में पता लगाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बढ़ जाता है तीन गुना वजन
बृहस्पति का मैग्नेटिक फील्ड बहुत मजबूत होता है। यदि हम बृहस्पति के सतह पर खड़े हो जाए तो हमारा वजन अपने असली वजन से 3 गुना ज्यादा होगा। बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से 11 गुना भारी और इसका द्रव्यमान 317 गुना ज्यादा है। बृहस्पति ग्रह का चंद्रमा गैनीमेडे है। ये हमारे पूरे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है। बृहस्पति के कम से कम 64 चन्द्रमा हैं। इसके सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर एक भूमिगत समंदर हैं। इसमें पूरी पृथ्वी से ज्यादा पानी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

2016 से लगातार की जा रही है खोज
बृहस्पति मुख्यत: हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से बैना है। इस पर दिखने वाले पट्टे और इस पर चलने वाले कुछ तूफान इसे रंगीला ग्रह बनाते हैं, जो बेहद खूबसूरत लगता है। इसका व्यास 1,43000 किलोमीटर बताया जाता है। यह सूर्य से पांचवें नम्बर का ग्रह है जो सौरमंडल में मौजूद है। जूनो मिशन 2016 से इस पर खोज कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रोमन देवताओं के नाम से रखा इसका नाम
सातवीं या 8वीं शताब्दी की प्रजाति ने सबसे पहले इस ग्रह को देखा था। इसका नाम रोमन देवताओं के राजा के नाम पर रखा गया है। बृहस्पति हमारी आकाश गंगा का सबसे बड़ा ग्रह है, यह इतना बड़ा है कि यदि शेष सभी ग्रह को आपस में जोड़ दिया जाए तो वह संयुक्त ग्रह भी बृहस्पति से छोटा ही रहेगा। अगर धरती का आकार एक मटर जितना कर दें, तो बृहस्पति इससे 300 मीटर दूर होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विशाल गड्ढे में आग की लपटें
बृहस्पति ग्रह पर एक विशाल गड्ढा है जिसमें से आग की लपटे निकलती रहती है जिसमें यह विशाल लाल धब्बे जैसा दिखाई देता है। बृहस्पति पर पाए जाने वाला लाल धब्बा दरअसल एक बड़ा तूफान है जो कम से कम 350 सालों से उफान पर हैं। ये तूफान इतना ज्‍यादा बड़ा है कि इसमें तीन पृथ्‍वी समा सकती हैं। सोलर सिस्‍टम का चौथा सबसे ज्‍यादा चमकने वाला बृहस्पति ग्रह है। इसके अलावा जो अन्‍य ग्रह चमकते हैं, वह सूर्य, चंद्र और शुक्र हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सबसे छोटा दिन
बृहस्पति पर सभी ग्रहों के मुकाबले सबसे छोटा दिन होता है। ये अपनी धुरी पर हर 9 घंटे 55 मिनट में घूमता है। जल्‍दी-जल्‍दी घूमने के चक्‍कर में ये थोड़ा चपटा नजर आता है। बृहस्पति ग्रह को देखने के लिए किसी यंत्र की जरूरत नही होती। इसे खुली आंखो से देखा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नासा को दिखाई दी चमकती बिजली
NASA के Juno स्पेसक्राफ्ट को इसके उत्तरी ध्रुव यानि नॉर्थ पोल पर बिजली चमकती दिखाई दी है। नासा का जूनो मिशन जुपिटर यानि बृहस्पति के बारे में खोज करने के लिए चलाया गया है। स्पेस एजेंसी ने अब ऑर्बिटर द्वारा ली गई एक फोटो शेयर की गई है जो बहुत ही रहस्यमयी है। नासा का जूनो मिशन लगातार बृहस्पति के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने अब 20 दिसंबर 2020 को ली गई एक फोटो शेयर की है जो तेजी से वायरल हो रही है। इसमें जुपिटर पर बिजली कड़कती दिखाई दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तस्वीर की खासियत
जूनो स्पेसक्राफ्ट ने ये फोटो बृहस्पति की 31वीं उड़ान के दौरान ली थी। नासा के मुताबिक, साइंटिस्ट केविन एम गिल ने इस इमेज को कच्चे डेटा से निकाला है। यह JunoCam द्वारा ली गई है। फोटो लेने के समय जूनो स्पेसक्राफ्ट 32 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धरती के समान चमकती है बिजली
चमकती बिजली की इस फोटो के बारे में नासा का कहना है कि जैसे धरती पर बिजली चमकती दिखती है, वैसे ही बृहस्पति पर भी दिख सकती है। धरती पर यह पानी भरे बादलों के कारण दिखता है और अधिकतर भूमध्य रेखा पर घटता है। लेकिन बृहस्पति पर ऐसा नहीं है। यहां पर अमोनिया के बादल मौजूद हैं। यहां भी बिजली चमकती है लेकिन यह ध्रुवों पर होता है। यह डेटा बताता है कि धरती पर भी बृहस्पति के जैसे ही बिजली चमक सकती है लेकिन दोनों ग्रहों की संरचना का कहीं भी मेल नहीं है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *