नासा की खोज, बृहस्पति से बड़े हैं ये दो ग्रह, एक ग्रह में पानी का भंडार, इनमें कुछ ही दिन के हैं साल

सौरमंडल से बाहर दूसरे ग्रहों में जीवन की संभावना, वहां के वातावरण की जानकारी को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक लगातार खोज कर रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपनी सैटेलाइट और टेलिस्कोप की मदद से अन्य ग्रहों की जानकारी की तस्वीरें भी जुटाती रहती है। इसी बीच दो ग्रहों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। इनमें नासा ने सौर मंडल के बाहर एक ग्रह पर पानी की खोज की है। इस ग्रह का नाम WASP-18b है और इसे 2009 में ट्रांसिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS), हबल और स्पिट्जर टेलिस्कोप की मदद से खोजा गया था। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने यहां पानी की खोज की है। यह ग्रह पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर है और एस्ट्रोनॉमर्स को इसके वातावरण में भाप और गैस मिली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
23 घंटे के बराबर है एक साल
इसे अल्ट्रा हॉट गैस जायंट कहा जाता है। इस ग्रह की खासियत ये है कि ये ग्रह बृहस्पति से 10 गुना बड़ा है। यहां एक साल 23 घंटे के बराबर होता है। WASP-18b ने 2,700 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रिकॉर्ड किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने अधिक तापमान के कारण पानी वाष्पित होकर वातावरण में फैल गया है। नासा ने कहा कि यह ग्रह हमेशा अपने तारे के सामने होता है। ठीक वैसे ही जैसे चंद्रमा का एक हिस्सा हमेशा पृथ्वी के सामने होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे ग्रह की खासियत
दूसरे ग्रह के संबंध में भी नासा को अहम जानकारी मिली है। इस ग्रह का नाम WASP-39b है। पिछले साल सौर मंडल के बाहर एक्सोप्लैनेट WASP-39b पर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का पता चला था। यह ग्रह पृथ्वी से 700 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। यह ग्रह सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा कर रहा है। इसका वजन बृहस्पति के वजन का एक चौथाई है, गैस के कारण बृहस्पति की तुलना में WASP-39b 30% फूला हुआ दिखाई देता है। हालांकि, इसका डायामीटर (व्यास) बृहस्पति से 1.3 गुना ज्यादा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
WASP-39b पर तापमान लगभग 900 डिग्री सेल्सियस है. यह अपने तारे के बहुत करीब घूमता है। यहां एक साल 4 दिन के बराबर होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस ग्रह की खोज 2011 में ही हो गई थी, लेकिन इसकी तस्वीर अब सामने आ गई है। इसे रेडियो टेलीस्कोप की मदद से खोजा गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हबल और स्पिट्जर टेलीस्कोप ने WASP-39b के वातावरण में जल वाष्प, सोडियम और पोटेशियम का पता लगाया। अब जेम्स वेब टेलीस्कोप ने CO2 की उपस्थिति का पता लगाया है। गैस के रंग को देखकर वैज्ञानिकों को इस बात का पता चला है। दरअसल, गैसें कुछ खास तरह के रंगों को सोख लेती हैं जिससे हम उनका पता लगा सकते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।