Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 23, 2024

नासा ने खोज ली चांद पर कब्र, जानिए क्या है सच्चाई, पढ़िए पूरी खबर

दुनिया भर के वैज्ञानिक चांद सहित अन्य ग्रहों पर खोज कर रहे हैं और अध्ययन कर रहे हैं। साथ ही वहां जीवन की संभावनाओं को लेकर शोध किए जा रहे हैं। इस बीच ऐसी खबर आई कि नासा के वैज्ञानिकों ने चांद पर कब्र को खोज लिया है। अब सवाल उठता है कि जब कोई मरा नहीं तो उसकी कब्र कैसे बन सकती है। इस कब्र का तात्पर्य वैज्ञानिक सिद्धांत से है। यानि कब्र का मतलब उस प्राइवेट मून लैंडर से है जो पिछले महीने चांद पर क्रैश होकर खत्‍म हो गया था। उसकी अंतिम जगह को नासा ने खोज लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हाल की में दो रोबर हुए थे क्रेश
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जापानी कंपनी आईस्‍पेस (ispace) के मून लैंडर के आखिरी विश्राम स्‍थल को देखा है। आईस्‍पेस का HAKUTO-R M1 लैंडर 25 अप्रैल को चंद्रमा पर लैंडिंग के दौरान बर्बाद हो गया था। उसके साथ गया संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का राशिद रोवर भी चांद पर लैंड नहीं कर पाया था। लैंडिंग से पहले ही ग्राउंड टीम का रोवरों के साथ कम्‍युनिकेशन टूट गया था। कुछ घंटों बाद आईस्‍पेस ने मिशन के फेल होने की पुष्टि की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नासा ने की क्रैश साइट की खोज
अब नासा के लूनार रीकानसन्स ऑर्बिटर (LRO) ने कुछ तस्‍वीरें लेते हुए क्रैश साइट की खोज की है। ये तस्‍वीरें 26 अप्रैल को ली गई थीं, घटना से ठीक एक दिन बाद। एलआरओ में लगे नैरो एंगल कैमरा की मदद से लैंडिंग साइट के आसपास की 10 तस्‍वीरें ली गई थीं। लूनार रीकानसन्स ऑर्बिटर की ग्राउंड टीम ने तस्‍वीरों की जांच शुरू कर दी थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उसने चंद्रमा की सतह पर मलबे के कम से कम 4 टुकड़े और वहां कुछ बदलाव देखे हैं। इस जगह का अभी और विश्‍लेषण किया जाएगा, ताकि और जानकारी हास‍िल हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

दो बार कोशिशें हुई नाकाम
ऐसा दूसरी बार हुआ, जब किसी प्राइवेट कंपनी ने चंद्रमा पर अपने मिशन को लैंड कराने की कोशिश की थी। दोनों ही कोशिशें कामयाब नहीं हो पाई थीं। चंद्रमा के लिए पहला प्राइवेट मिशन इस्राइल की कंपनी स्पेस आईएल ने लॉन्‍च किया था। साल 2019 में लैंडिंग के दौरान कंपनी का अपने लैंडर से कम्‍युनिकेशन टूट गया था। उस लैंडर की क्रैश साइट को भी लूनार रीकानसन्स ऑर्बिटर ने खोज निकाला था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रफ्तार कम की, लेकिन नहीं मिली सफलता
आईस्‍पेस को पूरी उम्‍मीद थी कि उसका लैंडर चंद्रमा पर उतरने में कामयाब हो जाएगा। स्‍पेसक्राफ्ट ने 6000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लैंडिंग शुरू की थी, जिसे आखिरी वक्‍त में शून्‍य तक कम कर दिया गया था। बावजूद इसके सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई। लैंडिंग के फेल होने से आईस्‍पेस को तो झटका लगा ही। यूएई का राशिद रोवर भी खत्‍म हो गया था। इस विफलता के बावजूद आईस्‍पेस अपने दूसरे और तीसरे मून मिशन पर काम कर रही है। इन्‍हें अगले साल से लॉन्‍च किया जाएगा।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब (subscribe) कर सकते हैं।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page