चीन में फैली रहस्यमय बीमारी, बच्चे और बुजुर्ग आ रहे चपेट में, कोविड 19 की तरह लक्षण, रखें ये सावधानी
चीन में इस वक्त एक रहस्यमयी बीमारी फैली हुई है। इस बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा चपेट में बच्चे और बुजुर्ग आए हैं। ये बीमारी श्वसन संबंधी है। राजधानी बीजिंग और उत्तरी चीन के अस्पतालों में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। ठीक एक साल पहले ही चीन में कोविड को लेकर लागू सख्त नियमों को हटाया गया। ऐसे में ठीक एक साल बाद इस सर्दी में बच्चों और बुजुर्गों को इस रहस्यमयी बीमारी से जूझना पड़ रहा है। इसके लक्षण भी कोविड 19 की तरह की देखे जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घंटों करना पड़ रहा चिकित्सकों का इंतजार
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों को दिखाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। चीन के प्रमुख शहरों के अस्पतालों में सैकड़ों की संख्या में लोगों को लाइन लगाकर इलाज के लिए इंतजार करते देखा गया है। बीजिंग चिल्ड्रन हॉस्पिटल के एक अधिकारी का कहना है कि हर रोज 7000 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं, जो क्षमता से ज्यादा है। सभी डिपार्टमेंट्स को मिलाकर लगभग 13 हजार से ज्यादा बच्चों का इलाज किया जा रहा है। ये संख्या बढ़ती ही जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉक्टर से मिलने में लग रहा पूरा दिन
बीजिंग फ्रेंडशिप हॉस्पिटल में जब अप्वाइंटमेंट को लेकर बात की गई, तो एक स्टाफ मेंबर ने कहा कि बच्चे के डॉक्टर को दिखाने में पूरा दिन लग जा रहा है। स्टाफ मेंबर ने बताया कि फिलहाल हमारे यहां बहुत सारे बच्चे हैं। जिन लोगों ने कल इमरजेंसी अप्वाइंटमेंट बुक किया था। वे अभी सुबह तक डॉक्टर्स को नहीं दिखा पा रहे हैं। ऐसे हालात लगभग बीजिंग समेत प्रमुख शहरों का है, जहां पर लोगों को घंटों इंतजार के बाद डॉक्टर से अपने बच्चों को दिखाने का मौका मिल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
निमोनिया की तरह है ये बीमारी
चीन के अधिकारियों का कहना है कि श्वसन संबंधी बीमारी के बीच कोविड प्रतिबंधों का खत्म होना है। इसके अलावा इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया सहित पैथोजॉन्स का फिर से उभरना भी इसकी वजह है। माइकोप्लाज्मा निमोनिया एक तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो आमतौर पर बच्चों को शिकार बनाता है। इसके लक्षण कुछ-कुछ कोविड-19 की तरह होते हैं, जिसकी वजह से टेंशन ज्यादा बढ़ गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फेफड़ों के संक्रमण का खतरा
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, ‘माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया आमतौर पर श्वसन तंत्र (सांस लेने में शामिल शरीर के हिस्से) में हल्के संक्रमण की वजह बनता है। कभी-कभी ये बैक्टीरिया अधिक गंभीर फेफड़ों के संक्रमण की वजह भी बन सकता है। इसके चलते अस्पताल में देखभाल की जरूरत पड़ती है। पिछले तीन साल के मुकाबले इस साल सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं। ठंड बढ़ने के साथ केस भी बढ़ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डब्ल्यूएचओ चिंतित
चिकित्सकों के मुताबिक, सांस की बीमारियों के साथ अस्पतालों में जाने वाले छोटे बच्चों की संख्या में वृद्धि ने चीन में स्थिति को अस्त-व्यस्त कर दिया है। डब्ल्यूएचओ (WHO) निश्चित रूप से इसके बारे में बहुत चिंतित है। वह चीन में अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। ताकि यथासंभव अधिकतम जानकारी प्राप्त की जा सके। अब तक जो तस्वीर सामने आ रही है, वो यह है कि सांस की बीमारियों के साथ अस्पतालों में जाने वाले छोटे बच्चों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। कई स्कूलों ने बच्चों को स्कूल के अंदर अपनी कक्षाओं में नहीं आने के लिए कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत में अभी कोई मामला नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से देश के बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों और निमोनिया में वृद्धि पर विस्तृत जानकारी का अनुरोध किया, जिसमें 5 जनवरी, 2020 के समान हालात का जिक्र किया गया है, जो कि COVID-19 के संबंध में महामारी से पहले था। विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि भारत में इस बीमारी को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि देश में अभी तक इसके लक्षण नहीं देखे गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एन95 और एन99 मास्क का उपयोग करें
दिल्ली के डॉक्टर की ओर से मास्क की यह सलाह तब दी गई है, जब चीन में अनिर्धारित निमोनिया का प्रकोप बच्चों पर भारी पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्टों में कई स्थानों पर बच्चों के अस्पतालों में भीड़ होने की जानकारी दी जा रही है। ऐसे में बेहतर होगा कि आपको एन95 और एन99 मास्क का उपयोग करना चाहिए। साथ ही समय-समय पर अपने हाथ धोएं और सुरक्षित, स्वस्थ व्यवहार बनाए रखें।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।