आज के युग में बेटियों को अवश्य सिखाएं मार्शल आर्टः धस्माना
एसोसिएशन ऑफ ट्रेडिशनल शॉटकान कराटे की ओर से देहरादून के राजपुर रोड स्थित कन्या गुरुकुल महाविद्यालय में खिलाड़ियों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
उन्होंने कहा कि आज अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों की मैरिट की चिंता में रहते हैं और इसके फेर में वे बच्चों के व्यक्तित्व के लिए आवश्यक खेल कूद व सांस्कृतिक गतिविधियों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसके कारण बच्चे जब बड़े होते हैं तो उनके व्यक्तित्व में सार्वभौमिकता नहीं आ पाती। धस्माना ने कहा कि मार्शल आर्ट हमारे देश में प्राचीन काल से अलग अलग रूप में विद्यमान रही। इसे अब जापानी, चीनी व कोरियन खेलों के रूप में जाना जाता है।
धस्माना का महाविद्यालय की प्राचार्य संतोष, अजय गुरुंग व अमित चमोली ने पुष्प गुच्छ दे कर स्वागत किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में रचना पांधी, रमन दिवाकर, पंडित राजेन्द्र सेमवाल भी उपस्थित रहे। धस्माना ने अलग अलग वर्गों के 60 खिलाड़ियों को येलो, ऑरेंज व ब्लैक बेल्ट तथा प्रशशती पत्र दिए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।