Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 8, 2024

अलग राज्य उत्तराखंड का मुलायम सिंह यादव ने किया था समर्थन, फिर हल्ला बोल के आह्वान से बन गए उत्तराखंड के विलेन

सपा नेता एवं पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने सोमवार की सुबह अस्पताल में अंतिम सांस ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जमीनी राजनीति का प्रभाव उत्तराखंड में भी रहा है। अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौरान एक समय उत्तराखंड क्षेत्र में समाजवादी पार्टी बेहद मजबूत थी। वर्ष 1994 में सपा के गढ़वाल और हरिद्वार से छह विधायक थे, जबकि उत्तराखंड क्रांति दल के दो विधायकों का समर्थन सपा सरकार को मिला हुआ था। उत्तराखंड आंदोलन में सपा का विरोध होने के बावजूद उन्होंने इस क्षेत्र से अपने पारिवारिक रिश्ते बनाए। उनकी दोनों पुत्र वधुएं उत्तराखंड से हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अलग राज्य का किया था समर्थन
वर्ष 1994 में एक तरफ यूकेडी नेता इंद्रमणि बडोनी अलग राज्य की मांग को लेकर पौड़ी में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। वहीं, यूपी की सपा सरकार ने ओबीसी को आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया। इसका उत्तराखंड के छात्रों ने विरोध किया और जगह जगह आंदोलन होने लगे। ऐसे में यूकेडी, कांग्रेस, सहित अन्य दल भी अलग राज्य की मांग को लेकर सड़कों पर आ गए। अलग राज्य केंद्र को बनाना था। प्रदेश की सपा सरकार ने इसके गठन को लेकर बड़थ्वाल समिति और कोशिक समिति का गठन किया था। वर्ष 92 और 93 में सपा नेता अलग राज्य को लेकर लोगों के सुझाव जानने के लिए पूरे गढ़वाल और कुमाऊं में रथयात्रा निकाल रहे थे। फिर ऐसा क्या हुआ जब मुलायम सिंह यादव उत्तराखंड में विलेन बनने लगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हल्ला बोल का किया था आह्वान
आरक्षण के विरोध में जब आंदोलन ने जोर पकड़ा और पूरे उत्तराखंड में छात्रों के साथ ही अन्य राजनीतिक दल सड़कों पर आ गए। ऐसे में उत्तराखंड में दो समाचार पत्र अमर उजाला और दैनिक जागरण में छात्रों के आंदोलन और राज्य आंदोलन को काफी कवरेज दी। इस पर मुलायम सिंह यादव इन दोनों समाचार पत्रों से खफा हो गए और उन्होंने हल्का बोल का आह्वान कर दिया। नतीजन, दोनों समाचार पत्रों की प्रतियां सपा नेता जलाने लगे। हाकरों की पिटाई होने लगी। यहीं ये मुलायम सिंह यादव सबसे पहले मीडिया के बीच विलेन बने। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अलग अलग गोलीकांड के बाद मुलायम सिंह यादव बने विलेन
अलग राज्य की मांग को लेकर जहां केंद्र में कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन होना चाहिए था, वहीं सपा नेता मुलायम सिंह यादव और बसपा नेता मायावती के खिलाफ आंदोलन होने लगे। तब सपा और बसपा की संयुक्त रूप से यूपी में सरकार थी। इसके बाद एक सितंबर को खटीमा गोलीकांड, दो सितंबर को मसूरी गोलीकांड, दो अक्टूबर को मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा में गोलीकांड के बाद तो मुलायम सिंह यादव और सख्त होते चले गए। ऐसे में पूरे प्रदेश में वर्ष 94 में उत्तराखंड में ना तो रामलीलाओं का आयोजन किया गया। ना ही दशहरा और दीपावली जैसे त्योहार लोगों ने मनाए। उस दौरान सपा के सारे नेता उत्तराखंड में भूमिगत हो गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पत्रकारों की करते थे इज्जत
राज्य आंदोलन के दौरान जहां मुलायम सिंह यादव पत्रकारों से खफा हो गए थे और उन्होंने हल्ला बोल का आह्वान किया, लेकिन इससे पहले वह पत्रकारों को काफी तव्वजो देते थे। कुठालगेट में वर्ष 92 में सपा के सम्मेलन था। तब सभी कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को जमीन पर बैठक खाना खिलाया गया। उस दौरान मैं हिमाचल टाइम्स के लिए रिपोर्टिंग कर रहा था। जब सपा नेताओं ने आग्रह किया तो मैं भी भोजन के लिए पंगत में बैठ गया। इसी बीच मुलायम सिंह यादव आए और मेरी बगल में बैठ कर उन्होंने खाना खाया। इसी तरह राज्य बनने से पहले वीआइपी देहरादून में सर्किट हाउस में आते थे। ऐसे में पत्रकार भी सर्किट हाउस में ही जमे रहते थे। वहीं बैठकर समाचार लिखते थे। अब वहां गवर्नर हाउस है। एक किस्सा पत्रकार मित्र हिमांशु घल्डियाल ने सुनाया। उन्होंने बताया कि एक कमरे में वह समाचार लिख रहे थे। तभी मुलायम सिंह यादव पहुंच गए। उन्होंने कहा कि बेटा यदि आपको डिस्टर्व ना हो तो मैं कुछ देर बिस्तर में लेट जाऊं।

 

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page