यूसीसी नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर सांसद महेंद्र भट्ट ने जताया धामी का आभार

उत्तराखंड भाजपा ने यूसीसी नियमावली को कैबिनेट मंजूरी पर प्रसन्नता जताई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट कहा कि इसका लागू होना, देश में समान नागरिक संहिता की आधारशिला रखने का काम करेगा। प्रदेशवासियों के इस गौरवशाली निर्णय पर, विपक्ष को अब अपनी भय और भ्रम फैलाने की राजनीति बंद करनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महेंद्र भट्ट ने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं प्रदेशवासियों की तरफ से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सभी मंत्रीगणों का आभार व्यक्त किया है। साथ ही यूसीसी लागू होने की इस अंतिम प्रक्रिया के पूरा होने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए बेहद गौरवशाली क्षण है कि यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बनेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य में इसके लागू होने के अनुभव और प्रभाव, आने वाले समय में देश में इस कानून के लागू होने का आधार मॉडल बनेगा। और इसे लागू करने के लिए तो देवभूमि से बेहतर कोई जगह हो ही नही सकती है। लिहाजा सनातन संस्कृति की भूमि वाली पहचान से जुड़े सवा करोड़ उत्तराखंडी, इसके सफल क्रियान्वहन से देश दुनिया में यूसीसी का संदेश देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने यूसीसी को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों को बेबुनियाद और समाज में विद्वेष, भय और भ्रम फैलाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि इसके लागू होने से प्रत्येक देवभूमिवासियों को एक समान कानून के फायदे मिलेंगे। वहीं स्पष्ट किया कि इससे किसी को घबराने की आवश्यकता नही है और न ही कांग्रेस की भय और अफवाह फैलाने की राजनीति में आने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इस कानून के लागू होने से किसी भी समुदाय के अधिकार नहीं छीनने वाले हैं, जबकि सभी लोगों को इससे मजबूती मिलेगी। इससे सबको बराबर कानूनी अधिकार मिले या समान प्रक्रिया का लाभ मिले, इसमें किसी को कैसे दिक्कत हो सकती है। उन्होंने कांग्रेस पर मुस्लिमों को छेड़ने और जनजातियों को छोड़ने का झूठ फैलाने का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बार बार यूसीसी में जनजातियों को इसमें छोड़ने की बात कहती है, जबकि सच्चाई यह कि ट्राइबल्स से जुड़े कुछ अधिकार केंद्र सरकार में सुरक्षित हैं। यह केंद्रीय विषय है, जिससे देश के अन्य स्थानों के लोगों के हित भी प्रभावित होते हैं। लिहाजा वर्तमान में इसे छोड़ा नहीं गया है, बल्कि इसे अलग रखा गया है। जैसे जैसे भविष्य में जनजाति समाज की आम सहमति होगी, इन्हें भी यूसीसी में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज समूचा प्रदेश यूसीसी लागू होने वाला पहला राज्य बनने पर गौरव की अनुभूति कर रहा है। ऐसे में स्थानीय कांग्रेसियों को भी इस मुद्दे पर अब अपना राजनैतिक चश्मा उतारने की जरूरत है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।