सांसद डा. नरेश बंसल ने राज्यसभा में मजबूत बाढ़ आपदा प्रबंधन प्रणाली का उठाया विषय, बताए बाढ़ नियंत्रण के तरीके
बीजेपी के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य डा. नरेश बंसल ने सदन मे एक मजबूत बाढ़ आपदा प्रबंधन प्रणाली का गंभीर विषय उठाया। उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से मांग की कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सूखे क्षेत्रों में अतिरिक्त पानी को चैनलाइज करने के लिए नहरों और फीडर नेटवर्क का निर्माण किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डा. नरेश बंसल ने कहा कि अनिश्चित और लंबे मानसून के मौसम के कारण भारत बाढ़ के प्रति काफी संवेदनशील है। यह महत्वपूर्ण है कि भारत में जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए एक मजबूत बाढ़ आपदा प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाए। उन्होंने सदन मे कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, केरल और ओडिशा भारत के सबसे बुरी तरह बाढ़ प्रभावित राज्यों में से कुछ हैं। उन्होंने कहा कि हर मानसून के मौसम में बाढ़ की पुनरावृत्ति से जान-माल का भारी नुकसान होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है की डा. नरेश बंसल केन्द्र सरकार द्वारा बनाई गई एनपीडीआरआर (National Platform for Disaster Risk Reduction) के सदस्य भी हैं, जो आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय मंच है। डा. बंसल ने सदन का ध्यान कुछ बाढ़ नियंत्रण के तरीको पर भी दिलाया। उन्होंने कहा कि दिलाते हुए कहा कि पानी को बनाए रखने के लिए वनीकरण, ढलान के प्रवाह को रोकने के लिए छत की ढलान, बांधों का निर्माण, मानव बस्तियों में पानी आने से रोकने के लिए तटबंध आदि बाढ़ नियंत्रण के प्रभावकारी तरीके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि फ्लड प्रूफिंग और बाढ़ के मैदानों के ज़ोनिंग पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। वृक्षारोपण और वनस्पति के रोपण से मिट्टी को अतिरिक्त पानी को बनाए रखने और अवशोषित करने में मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया में बाढ़ की घटनाओं में कमी आएगी। डा. नरेश बंसल ने सरकार से मांग की कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सूखे क्षेत्रों में अतिरिक्त पानी को चैनलाइज करने के लिए नहरों और फीडर नेटवर्क का निर्माण, वैज्ञानिक ढंग से जलाशयों और बांधों का निर्माण करना चाहिए। जिनका उपयोग बाढ़ के दौरान अतिरिक्त पानी को जमा करने के लिए किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए एक मास्टर प्लान होना चाहिए जो किसी विशेष क्षेत्र की जरूरतों के लिए विशिष्ट होना चाहिए। यदि इन कदमों को ठीक से लागू किया जाता है तो यह बाढ़ राहत, पूर्वानुमान आदि पर आवर्ती व्यय को बड़े अंतर से कम कर सकता है। देश में बाढ़ के प्रकोप से मानव जीवन, भूमि और संपत्ति की रक्षा के लिए प्रभावी बाढ़ प्रबंधन कार्य की आवश्यकता हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।