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December 14, 2024

पुरानी पेंशन बहाली के लिए कार्मिकों ने टि्वटर के माध्यम से भरी हुंकार, सीएम और पीएम को किए ट्विट

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने ट्विटर पर महाभियान छेड़ दिया है। देश के 73 लाख एनपीएस कार्मिकों ने 30 जून से पुरानी पेंशन बहाली के लिए ट्विटर पर हल्ला बोला।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने ट्विटर पर महाभियान छेड़ दिया है। देश के 73 लाख एनपीएस कार्मिकों ने 30 जून से पुरानी पेंशन बहाली के लिए ट्विटर पर हल्ला बोला। इसके तहत राज्य के 78000 कार्मिकों ने ट्विटर के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली के लिए मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ट्वीट किए। देश और प्रदेश में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रीय अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया दिवस कार्मिकों ने अपनी ताहत दिखाकर केंद्र व राज्य सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
दावा किया गया है कि संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में देश मे चल रहे पुरानी पेंशन बहाली के अभियान को प्रदेश के कार्मिकों ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय को लाखों ट्वीट किए। अभियान के बारे में मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने बताया की 30 जून को अंतराष्ट्रीय सोशल मीडिया दिवस होने के कारण 1 माह से टविटर के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को सरकारों के समक्ष रखा जाना था। क्योंकि 21 वीं सदी सोशल मीडिया की सदी है और आंदोलनों को भी समय के साथ चलना आवश्यक है। इसी क्रम में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर राष्ट्रीय ट्विटर अभियान में नम्बर एक पर #RestoreOldPension # NPS_QUIT_INDIA को ट्रेंड कराकर लाखो कार्मिकों ने ट्वीट कर दिखाया गया कि हमारी यह मांग कितनी अहम और जरूरी है। इसके लिए हम प्रदेश के हर कार्मिक का, मीडिया बंधुओ का आभार व्यक्त करते हैं कि आपने हमें भरपूर सहयोग किया।
प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि कोरोना काल मे सोशल मीडिया ही एक माध्यम है, जिसके जरिये हम अपनी बात सरकारों तक पहुंचा सकते हैं। हालांकि जमीन पर लड़ाई लड़ने का अवसर जब भी आएगा तब यह आन्दोलम राज्य में एक नया इतिहास लिखेगा। आज लाखो कार्मिक एकता चीख चीख कर कह रही है कि इस नई पेंशन व्यवस्था में हमारा बुढापा सुरक्षित नहीं है। हमें पुरानी पेंशन व्यवस्था लौटा दीजिए। आशा है कि प्रधानमंत्री कार्मिकों इन मांग को गम्भीरता से लेकर कार्मिकों की मूल समस्या का अवश्य कोई हल निकालेंगे।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. डीसी पसबोला ने कहा कि जब समस्या है, तो यह आसान हो जाता है कि उसका हल कैसे निकाला जाए। अब जब स्पष्ट है कि नई पेंशन व्यवस्था से कार्मिक संतुष्ट नहीं तो उन्हें उनके हिस्से का हक मिलना चाहिए। केवल बातों से कार्मिकों का गुस्सा और बढ़ने की आशंका है। इसलिए शीघ्र इसका हल निकाल कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो।
डॉ. पसबोला ने बताया कि सोशल मीडिया दिवस और कार्मिकों के आह्वान को एक नया रूप राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने दिया है। जिसमे लाखो कार्मिकों ने लगातार लाखो ट्वीट्स के माध्यम से अपनी मांग रखी। प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट ने कहा सोशल मीडिया दिवस पर 2004-05 के बाद नियुक्त कार्मिको ने सोशल मीडिया पर यह दिखा दिया है कि हर जगह पुरानी पेंशन बहाली की आवाज़ गूंजती रहेगी। सरकारों को अब समझने की जरूरत है कि अब केवल कोरी बातों से कुछ नही होगा। ससंद में लोगोंको इसलिए भेजा गया है कि इसका हल निकालें। अन्यथा सरकार स्वयं जिम्मेदार होंगी।
प्रदेश महिला उपाध्यक्ष योगिता पन्त ने कहा कि ये आंदोलन में महिला प्रतिभागिता के बिना अधूरा है। इस अभियान से सरकारें अंदाज़ा लगा सकती हैं कि इस मांग से सरकारों और कार्मिकों दोनो का भविष्य जुड़ा है। प्रदेश संगठन मंत्री रज्जन कफलटिया ने कहा कि संगठन के पक्ष में देखा जाए तो राजनीति हमारा काम नहीं। ना ही आंदोलन करना, लेकिन जब लगातार किसी मांग को अनसुना किया जाय तो और चारा क्या रह जाता है। आने वाला भविष्य कार्मिकों और उनके परिवारों दोनो के लिए उज्ज्वल हो। यही हमारी कामना है। देश के विकास में निरन्तर ईमानदारी से काम करके यदि कार्मिकों का भविष्य और बुढापा ही गर्त में जा रहा हो तो ऐसे समर्पण और सेवाभाव का क्या फायदा। इसलिए सरकार कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाल कर कार्मिकों को कृतार्थ करे। साथ ही नई पेंशन के अभिशाप से मुक्ति दिलाए।

 

 

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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