अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में मृतका की मां ने उछाला वीआईपी का नाम, पुलिस बोली- सबूत दें, मिलेगा इंसाफ
उत्तराखंड में चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब नया मोड़ आ गया है। अभी तक अंकिता पर जिस वीआईपी को खुश करने के लिए या एक्सट्रा सर्विस देने के लिए दबाव बनाने की बात कही जा रही थी, अब अंकिता की मां ने ही सोशल मीडिया में उसका नाम उजागर कर दिया। उक्त वीआईपी का संबंध बीजेपी और आरएसएस से होने से उत्तराखंड की सियासत में भूचाल आ गया है। कांग्रेस इस मामले में बीजेपी के खिलाफ हमलावर हो गई है और 14 जनवरी से तीन दिन के लिए उत्तराखंड में अंकिता न्याय यात्रा निकालेगी। वहीं, बीजेपी भी बचाव में उतरते हुए कांग्रेस पर बगैर सबूत के आरोप लगाने की निंदा कर रही है। साथ ही कानूनी कार्रवाई की भी बात कर रही है। उधर, अब उत्तराखंड पुलिस को भी इस मामले में सफाई देनी पड़ रही है। पुलिस ने भी कहा कि यदि अंकिता के परिजनों के पास कोई सबूत हैं तो जांच की जाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा। हालांकि, पुलिस खुद भी इस मामले की जांच कर सकती है कि आखिर अंकिता की मां की ओर से लगाए गए आरोपों में कितनी सच्चाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अंकिता भंडारी हत्याकांड
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित रिसोर्ट से 18 सितंबर 2022 की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया था। इस मामले में चर्चा ये भी रही कि किसी वीआईपी को खुश करने के लिए अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अंकिता की मां ने मचाई खलबली
अंकिता भंडारी के परिजनों ने उसकी हत्या के सवा साल बाद आरोप लगाया कि हत्याकांड में जिस वीआईपी की बात हो रही है, वह भाजपा और आरएसएस का बड़ा नेता है। इस संबंध में अंकिता की मां का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें वह वीआईपी के नाम का खुलासा कर रही हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर कांग्रेस लगातार आंदोलन कर न्यायिक जांच या सीबीआई से जांच की मांग कर रही थी। वहीं, अब नाम उजागर होने पर कांग्रेस ने आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विधायक पर भी हैं सबूत नष्ट करने के आरोप
अंकिता भंडारी हत्याकांड का खुलासा होने के बाद जैसे ही आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, तो उसी दौरान जिस रिजॉर्ट में अंकिता काम करती थी, उसमें आग लगा दी गई। साथ ही रिडॉर्ट में बुलडोजर भी चला दिया गया। बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को विपक्षी दलों ने सबूत नष्ट करने का प्रयास बताया था। इस मामले में यमकेश्वर से बीजेपी विधायक रेनू बिष्ट और स्थानीय एसडीएम का नाम भी मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करने वालों के तौर पर उछला था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अंकिता के मैसेज में भी था वीआईपी का जिक्र
वहीं, अंकिता के व्हास्टएस मैसेज के मुताबिक, उस पर किसी बीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए वनन्तारा रिजॉर्ट के प्रबन्धन की तरफ से दबाव डाला जा रहा था। इसी रिजॉर्ट में अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी। हालांकि, वीआईपी के संबंध में शायद की कोई जांच गंभीरता से की गई हो। वहीं, बीजेपी ने भी वीआईपी के मुद्दे को विपक्ष की साजिश करार दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड पुलिस भी सफाई की मुद्रा में
उत्तराखंड पुलिस भी इस प्रकरण में सफाई की मुद्रा में नजर आने लगी है। साथ ही इस मुद्दे पर बयान देने को मजबूर हो गई है। पुलिस ने कहा कि मीडिया एवं सोशल मीडिया पर अंकिता भण्डारी के माता-पिता की तरफ से तथाकथित वीआईपी बीजेपी नेता के बाबत जारी बयान में तमाम गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पूर्व में हुई विवेचना में इस नाम को शामिल नहीं नहीं किया गया था। पहले अदालत और पुलिस की जांच में खामोश रहने वाली सोनी देवी के पास अब साक्ष्य हैं तो विशेष जांच दल (SIT) के सामने उनको पेश करें। उनको इन्साफ जरूर मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है पुलिस का बयान
पुलिस महानिरीक्षक पीएम एवं प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि मीडिया एवं सोशल मीडिया पर अंकिता भण्डारी के माता-पिता द्वारा वर्तमान में अंकिता भण्डारी केस से सम्बन्धित तथाकथित वीआईपी के बारे में कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता को नामित करते हुए ये आरोप लगाया है कि पूर्व में हुई विवेचना में इन महानुभाव से संबंधित तथ्यों को सम्मिलित नहीं किया गया है और इनके संबंध में अग्रिम विवेचना की मांग की गई है। उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय इन आरोपों के संबंध में स्थिति निम्नवत रूप से स्पष्ट करना चाहती है- (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
1. जनपद पौड़ी गढ़वाल के राजस्व क्षेत्र उदयपुर, पल्ला-2, तहसील यमकेश्वर पर पंजीकृत मुअसं 1/2022 में शासन द्वारा गठित एसआईटी द्वारा समस्त साक्ष्य संकलित कर सम्पूर्ण विवेचना के उपरान्त धारा 354ए/302/201/120बी भा०दं०वि० तथा 5(1) (डी) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में अभियुक्तगण पुलकित आर्य, अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता व सौरभ भास्कर के विरूद्ध दिनांक 16.12.2022 को आरोप पत्र मा न्यायालय में प्रेषित किया गया है, जो अभी न्यायालय में विचाराधीन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2. एसआईटी की विवेचना के दौरान वादी श्री वीरेन्द्र भण्डारी एवं अंकिता भण्डारी की मां सहित सभी गवाहों के विस्तृत बयान अंकित किये गये थे तथा विचारण के दौरान इनके द्वारा न्यायालय में भी अपने कथन अंकित करा लिये गये हैं। उल्लेखनीय है कि न तो विवेचना के दौरान और न ही न्यायालय में गवाही के दौरान उनके द्वारा किसी वीवीआईपी के बारे में कोई बयान या साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं। आरोप पत्र दाखिल होने के लगभग 13 माह के बाद मीडिया में पुलिस विभाग की कार्यवाही पर इस प्रकार आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
3. पुलिस विभाग की एसआईटी का नेतृत्व एक डीआईजी स्तर की अनुभवी और निष्ठावान महिला अधिकारी द्वारा किया गया था। यदि अंकिता के माता पिता के पास इस केस से संबंधित कोई नए साक्ष्य आए हैं तो वो आज भी एसआईटी के सामने उन्हें प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र है। पुलिस विभाग उनके द्वारा प्रस्तुत सभी नए तथ्यों के बारे में विधिसम्मत और त्वरित कार्यवाही करेगा। हम अंकिता के माता पिता के प्रति पूरी सहानुभूति रखते है और उन्हें पुनः विश्वास दिलाते हैं कि अंकिता को न्याय दिलाने में हम कोई कसर छोड़ेंगे।
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