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August 4, 2025

मातृ भाषा दिवसः ग्राफिक एरा में शिक्षाविदों ने समझाया भाषा और संस्कृति का महत्व, स्थानीय बोली पर डाला प्रकाश

देहरादून स्थित ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय में विश्व मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में प्रख्यात संस्कृति शिक्षाविद प्रोफेसर डीआर पुरोहित एवं पहल संस्था के संस्थापक कमला पंत ने उत्तराखंड की लोक भाषा और संस्कृति पर अपना व्याख्यान दिया।

देहरादून स्थित ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय में विश्व मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में प्रख्यात संस्कृति शिक्षाविद प्रोफेसर डीआर पुरोहित एवं पहल संस्था के संस्थापक कमला पंत ने उत्तराखंड की लोक भाषा और संस्कृति पर अपना व्याख्यान दिया। शिक्षाविद डॉ. पुरोहित ने कहा कि भाषा संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण अंग है अगर भाषा ज़िंदा रहती है तो कोई भी संस्कृति उसके बलबूते पर जीवित रह सकती है। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की लोक संस्कृति रमांड, जागर, पांडव नृत्य में उपयोग की जाने वाली स्थानीय बोली पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विलुप्त होते उत्तराखंड के पारंपरिक संसाधन जैसे घराट, कृषि उपकरण से संबंधित शब्दावली समाप्त हो रही है।
लोक संस्कृति और भाषा के क्षेत्र में काम कर रही पहल संस्था की अध्यक्षा और शिक्षाविद कमला पंत ने कहा कि मातृभाषा दिवस केवलऔपचारिक कार्यक्रम तक सीमित ना रहे, बल्कि हमें इस पर ठोस चिंतन कर मातृभाषा को व्यवहार में लाना होगा। इसकी शुरुआत घर, स्कूलऔर कार्यक्षेत्र में होने चाहिए। वर्चुअल व्याख्यान में ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ जे कुमार, प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ ज्योति छाबड़ा, रजिस्ट्रार कैप्टन हिमांशु धूलिया, शिक्षक, छात्र-छात्राएं भी शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रमोद थपलियाल ने किया।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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