उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के दौरान अब तक जब्त की गई साढ़े तीन करोड़ से अधिक की धनराशि
उत्तराखंड में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि अभी तक इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) के अन्तर्गत राज्य में अभी तक तीन करोड़ 60 लाख मूल्य की जब्ती की गई है। सबसे अधिक जब्ती 81 लाख मूल्य की हरिद्वार में, 71 लाख मूल्य की उधमसिंह नगर में और 67 लाख मूल्य की देहरादून में जब्ती हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि एनडीपीए एक्ट के मामलों में 01 करोड़ एक लाख मूल्य की जब्ती, एक्साइज की 01 करोड़ 03 लाख मूल्य की जब्ती और 48 लाख रूपये कैस की जब्ती हुई है। पुलिस ने 3.25 करोड़ मूल्य की जब्ती, आबकारी विभाग ने 27 लाख की जब्ती आचार संहिता लगने के बाद की है। ई.एस.एम.एस पर सभी एक्टिविटी को दर्ज किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन टीमों को पोलिंग बूथ तक लेने के लिए जिन वाहनों का इस्तेमाल किया जायेगा, इस बार उनका किराया बढ़ाया गया है। पहले छोटे वाहनों के लिए 750 रूपये, बड़े वाहनों के लिए 1800 रूपये उनके किराये का शुल्क तय किया गया था, इस बार इसको बढ़ाते हुए छोटे वाहनों के लिए 1430 रूपये बड़े वाहनों के लिए 2840 रूपये और 30 सीटर से बड़े वाहनों के लिए 3800 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से किराया शुल्क तय किया गया है। ईंधन का शुल्क अलग से वहन किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वाहन चालकों के लिए पहली बार 150 रूपये प्रतिदिन उनके खानपान के लिए और 200 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय उपलब्ध कराया जायेगा। पोलिंग पार्टियों के साथ जाने वाले वाहनों के चालकों को रहने और खाने की व्यवस्था संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से की जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जानकारी मिली है कि निर्वाचन के समय शादियों की तिथियां भी आ रही है, इसको देखते हुए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, आरटीओ और एआरटीओ को निर्देश दिये गये हैं कि इस तरह से वाहनों का प्रबंध करें कि वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए प्रर्याप्त संख्या में वाहन उपलब्ध रहें।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।