दो गज की दूरी मास्क है जरूरी, नियम नहीं तोड़े तो नेताओं की हसरत अधूरी
है ना कुछ अजीबोगरीब हैडिंग। सीधा लिखने के बजाय टेढ़ा जो लिख दिया गया है। ऐसा लिखने को नेता ही मजबूर कर रहे हैं। ऐसे नेता जिनका नारा ही है- दो गज की दूरी और मास्क जरूरी। बात सिर्फ नारों तक ही सीमित है। हकीकत में तो ये नेता ही नियम तोड़ने वालों में सबसे आगे हैं। पर है कोई माई का लाल जो इनके ऊपर एक भी केस दर्ज कर ले।
जी हां यहां बात हो रही है कोरोना के नियमों की। पुलिस अपने आंकड़े जब जारी करती है तो उसमें ये जिक्र होता है कि कोरोना के नियम तोड़ने पर अब तक कितनों का चालान किया। कितने मुकदमें दर्ज हुए। ये सारे चालान सिर्फ आम लोगों के लिए हैं। मजाल है कि किसी ऐसे नेता का चालान हुआ हो, जो सत्ताधारी दल से संबंध रखता हो।
कोरोना और उत्तरकाशी
अब चलते हैं उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में। यहां भी कोरोना के लिहाज से स्थिति बेहतर नहीं है। इस जनपद में अब तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 2579 है। वहीं, 2253 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 285 कुल एक्टिव केस हैं और नौ लोगों की अब तक इस जनपद में मौत हो चुकी है।
विधायक जी बने लापरवाह
गुरुवार को गंगोत्री विधायक गोपाल रावत प्रस्तावित बस अड्डे व पार्किंग का स्थलीय निरीक्षण कर संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान विधायक के साथ ही कई लोगों के मास्क नाक व मुंह से नीचे लटके हुए थे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 20 अक्टूबर को कोरोना के नियमों का पालन करने के लिए सातवीं बार देश के लोगों को संबोधित करना पड़ा। शायद उन्होंने पीएम मोदी का संदेश न सुना हो। इसलिए मास्क लटका कर ही निरीक्षण करते रहे।
अधिकारियों को दिए निर्देश
अब बात कार्यक्रम की न हो तो विधायकजी के प्रति अन्याय होगा। बताते हैं कि निरीक्षण में क्या हुआ। विधायक गोपाल रावत ने कहा कि वरूणावत त्रासदी के बाद से यहां बस अड्डे व पार्किंग का निर्माण न हो सका, जबकि इन डेढ़ दशक में नगर की आबादी में भारी वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस समस्या को समझते हुए स्थानीय मांग के अनुरूप बस अड्डे व पार्किंग के निर्माण की स्वीकृति दी है।
इसके बाद अब यहां चारधाम यात्रा, स्थानीय आवाजाही को देखते हुए बस अड्डे व पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। विधायक ने जिलाधिकारी को डीपीआर गठन समेत सभी प्रारंभिक औपचारिकता को समयबद्ध ढंग से पूरा करंए को कहा। वहीं, विधायक गोपाल रावत ने पेयजल निर्माण निगम को पंद्रह दिन के भीतर डीपीआर तैयार करने को निर्देशित किया। इस मौके पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, नगर अध्यक्ष भाजपा सूरत गुंसाईं, पूर्व जिला पंचायत सदस्य भरत सिंह बिष्ट समेत अन्य मौजूद रहे।
उत्तरकाशी से हरदेव पंवार की रिपोर्ट पर आधारित।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।