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November 21, 2024

विपक्षी दलों की बैठक, सभी नेताओं ने एकसुर में कहा-मिलकर लड़ेंगे चुनाव, बीजेपी को हराने को कॉमन एजेंडा

केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के ख़िलाफ़ बिहार के मुख्यमंत्री तथा जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार के प्रयासों से मैराथन बैठक करने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने घोषणा की कि वे लोग लोकसभा चुनाव 2024 मिलकर ही लड़ेंगे। रणनीति तय करने के लिए विपक्षी दलों की अगली बैठक जल्द ही शिमला में आयोजित की जाएगी। इस मीटिंग में आगामी लोकसभा चुनाव-2024 में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर मैदान में उतरने की साझा रणनीति पर मंथन किया गया। विपक्षी दलों का ये महामंथन करीब 4 घंटे तक चला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस बैठक के बाद ज्वाइंट पीसी में नीतीश कुमार ने कहा कि आज की विपक्ष की बैठक में देश की सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया। यह एक अच्छी बैठक थी जिसमें मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में अगली बैठक होगी। एकसाथ चलने पर बात हुई है। अगली मीटिंग, अंतिम मीटिंग होगी। हम सब साथ रहेंगे। हम बीजेपी को 100 सीटों पर रोकेंगे। हम सब साथ रहे तो बीजेपी जरूर पराजित होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अगली बैठक में तय होगा कौन कहां से लड़ेगा
नीतीश कुमार ने कहा कि अगली बैठक में तय होगा कि कौन कहां लड़ेगा। जो शासन में है वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं। वे सब इतिहास बदल रहे हैं। हम सबका अभिनंदन करते हैं। हम सभी विपक्षी पार्टियों ने ये निर्णय लिया है कि हम आगे से सभी एक साथ मिलकर लड़ेंगे। बीजेपी देश का इतिहास बदल रही है। अगर यह देश में फिर से जीत कर आ जाते हैं तो देश का संविधान भी बदल देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शिमला में होगी अगली बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम सभी एक साथ लड़ने के लिए एक आम एजेंडे पर आने की कोशिश कर रहे हैं। हम अगली बार 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर मिलेंगे। 2024 के लोकसभा चुनावों को एक साथ लड़ने के लिए साझा एजेंडे को अगली बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राहुल गांधी बोले- कांग्रेस बलिदान देने को तैयार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश बचाने के लिए कांग्रेस बलिदान देने को तैयार है। विपक्ष की बैठक की बड़ी बात ये है कि हम सब साथ हैं। बीजेपी और आरएसएस हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रही है। यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं। हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे। यह विपक्षी एकता की प्रक्रिया है जो आगे बढ़ेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ममता बनर्जी भी उत्साहित
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पटना में जो बैठक हुई है वो अच्छी हुई है। हमने तीन चीज पर जोर दिया है- हम लोग एक हैं, हम लोग एक साथ लड़ेंगे, अगली बैठक शिमला में होगी। हम एकजुट हैं, हम एकजुट होकर लड़ेंगे। इतिहास यहीं से शुरू हुआ है, बीजेपी चाहती है कि इतिहास बदला जाए और हम चाहते हैं कि बिहार से इतिहास बचाया जाए. हमारा उद्देश्य है इस फासीवादी सरकार के खिलाफ बोलें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शरद पवार ने कही ये बात
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे और हम पिछले 25 सालों से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन सब कुछ भूलकर हम साथ आए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मेजबानी में ये बैठक मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित की हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये दिग्गज हुए मीटिंग में शामिल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी समेत कई दिग्गजों ने बैठक में भाग लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आम आदमी पार्टी ने छेड़ा अपना राग
पटना में जब 16 विपक्षी पार्टियां एकता की बात कर रही थीं, उस वक्‍त आम आदमी पार्टी ने अपना राग छेड़ दिया। पार्टी ने ऐलान कर दिया कि वह विपक्षी पार्टियों की किसी भी आगामी मीटिंग का तब तक हिस्‍सा नहीं बनेगी, जब तक कि कांग्रेस सार्वजनिक रूप से केंद्र सरकार के दिल्‍ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण वाले अध्‍यादेश का विरोध नहीं करती है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह तय करने की जरूरत है कि वह दिल्ली की जनता के साथ है या मोदी सरकार के साथ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूत्रों ने बताया कि पार्टी का यह ऐलान पटना में आयोजित विपक्षी पार्टियों की बैठक के दौरान कांग्रेस और AAP के बीच तीखी नोकझोंक के बाद आया है। AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश मुद्दे पर सबसे पुरानी पार्टी का रुख पूछा। इस पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने AAP की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के उस आरोप को उठाया, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि भाजपा के साथ समझौते के कारण कांग्रेस कोई रुख नहीं अपना रही है। प्रियंका कक्कड़ ने बैठक से कुछ मिनट पहले एडीटीवी को बताया था कि उन्हें विश्वसनीय स्रोतों से इस बारे में पता चला है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच आम सहमति है। इसी के चलते कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं कर रही है।
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