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April 2, 2025

यूपीएस का उत्तराखंड में भारी विरोध, किए गए प्रदर्शन, आंदोलन जारी रखने का ऐलान

एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का उत्तराखंड में भारी विरोध देखने को मिला। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर प्रदेशभर में आज मंगलवार एक अप्रैल को प्रदर्शन किए गए। वहीं, अन्य संगठनों ने भी इसका विरोध किया। साथ ही चेताया कि यदि जबरन इस योजना को लागू किया गया तो आंदोलन जारी रखा जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे एवं प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट के आह्वान पर एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का विरोध किए जाने के लिए घोषित कार्यक्रम का पूरे प्रदेश में जबरदस्त असर देखने को मिला। इसमें प्रदेश के दोनों मंडलों में परिषद से सम्बद्ध घटक संघों, जिला कार्यकारिणियों एवं मण्डल कार्यकारिणियों के पदाधिकारियों के नेतृत्व में प्रदेश के समस्त एनपीएस पीड़ित कार्मिकों ने नवीन अंगीकृत एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की प्रतियों का सामूहिक दहन किया गया। साथ ही संकल्प लिया गया कि पुरानी पेंशन योजना की प्राप्ति तक यह आन्दोलन अनवरत जारी रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांड एवं संरक्षक चौधरी ओमवीर सिंह ने उक्त कार्यक्रम के तहत देहरादून के आईटीआई निरंजनपुर में कर्मचारियों के साथ मिलकर यूपीएस के गजट की प्रतियां गई। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि राज्य कर्मचारी सयुक्त परिषद की ओर से पहली बार पुरानी पेंशन की लड़ाई के लिए इस तरह का प्रदेश स्तरीय व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमे पूरे प्रदेश के कार्मिकों ने बढ़चढ़कर हिस्सेदारी की। साथ ही यह घोषणा की गई कि शीघ्र ही प्रदेश मे पुरानी पेंशन की बहाली के लिए परिषद एक बड़ा कार्यक्रम भी घोषित करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

परिषद के प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि इस कार्यक्रम में केवल एनपीएस आच्छादित कार्मिकों ने ही नहीं, बल्कि पुरानी पेंशन प्राप्त कर रहे कार्मिकों द्वारा भी सहयोग प्रदान किया गया, जो कि अद्वितीय था। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कर्मचारी नेता आरपी जोशी ने ऐलान किया कि अब परिषद प्रदेश में पुरानी पेंशन आन्दोलन के नाम पर बने अलग अलग संगठनों को समर्थन न करके, स्वयं अपने सैकड़ों घटक संघों के बलबूते पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले उक्त लड़ाई को पुरानी पेंशन की प्राप्ति तक लड़ेगा। सभी राज्य कर्मचारियों के सहयोग से पुरानी पेंशन की लड़ाई में विजय प्राप्त भी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

ऊधर गढवाल मण्डल के पर्वतीय जिलों में परिषद के नेता एवं उत्तराखण्ड राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के प्रान्तीय महामंत्री रविन्द्र सिंह चौहान ने कर्मचारियों में आज के कार्यक्रम के लिए उत्साह भरने का कार्य किया तो वहीं कुमाऊं मण्डल में परिषद के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने आज के कार्यक्रम का नेतृत्त करते हुए पुरानी पेंशन के लिए आर पार की लड़ाई लड़ने की बात कही। साथ ही उनके द्वारा हुए राज्य के समस्त कर्मचारियों से पुरानी पेंशन हेतु एकजुट होने का आह्वान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हरिद्वार जिले में उत्तराखण्ड राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के प्रान्तीय महामंत्री प्रान्तीय अध्यक्ष अमरीश कुमार के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी प्रकार अल्मोडा, खूंट, टांडी, हल्द्वानी, डेलना, टनकपुर, पिथौरागढ, काशीपुर, चम्पावत, श्रीनगर, टिहरी, कर्णप्रयाग, चमोली सभी जिले की आईटीआई में विरोध प्रदर्शन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच ने भी किया विरोध
बीस साल पहले आज ही के दिन से लागू एनपीएस और अभी इसके नए वर्जन यूपीएस का राजकीय पेंशनर्स ने भी हरिद्वार में जोरदार विरोध दर्ज किया। साथ ही पुरानी पेंशन लागू करने की अपनी मांग दोहराई। पेंशनर्स ने कहा कि सरकारी पेंशन की 20वीं पुण्यतिथि पर देवभूमि उत्तराखण्ड के पेंशनर्स ने उन सभी पेंशन विहीन कार्मिकों का समर्थन किया है, जो अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजकीय पेंशन को समाप्त किये जाने की 20वीं बरसी पर उत्तर प्रदेश उत्तराखंड राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच ने एक बैठक कर पेंशन के लिए आंदोलित कार्मिकों का समर्थन करते हुए केंद्र और राज्यों की सरकारों को कर्मचारी विरोधी करार दिया है। पेंशनर्स मंच के संयोजक बीपी चौहान की अध्यक्षता और मुख्य संयोजक जेपी चाहर के संचालन में कनखल स्थित एक निजी संस्थान पर बैठक कर इसके विरोध में सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैठक में केंद्र सरकार पर पेंशन को अपदस्त करने का भी आरोप लगाया है। मंच के मुख्य संयोजक जे पी चाहर ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पेंशनर विरोधी वित्त विधेयक पास कर पेंशनर्स के हितों पर डाका डालने का प्रयास किया है। इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा और प्राणर्पण तक इसका विरोध किया जाएगा। चाहर ने बताया कि जिस तरह विधेयक पास कर 2004 से सरकारी पेंशन को खत्म किया गया था, उसी तरह सरकारी पेंशन को आठवें वेतन आयोग में पुनरीक्षण से अलग कर पेंशनर्स को बाँटदेना चाहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मंच के वरिष्ठ संयोजक एलसी पाण्डे, बीपी चौहान ने केंद्र सरकार के दोगले रवैया पर आक्रोश जताते हुए कहा कि पेंशनर विरोधी विधेयक लोकसभा में पास करना व राज्य सभा की तौयारी और दूसरी ओर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लीपापोती के वयान पेंशनर्स को आंदोलन के लिए उकसाने वाले हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मंच के एक अन्य वरिष्ठ संयोजक आरके जोशी ने चेतावनी दी है कि यदि आठवें वेतन आयोग का जल्दी गठन नहीं किया गया और उसमें पेंशन संशोधन को शामिल नहीं किया गया तो राष्ट्रव्यापी भीषण आंदोलन होगा तथा वरिष्ठ नागरिक श्रेणी के पेंशनर सड़क पर उतरेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर बीपी चौहान, जेपी चाहर, आरके जोशी, ललित पाण्डेय के अलावा, मधू सिंह, मंजू सिंह, पवन कुमारी, पंकज गुप्ता, अनिरुद्ध शर्मा, ई पीके सिंह, ई वीर सिंह, ई एमपी सिंह, मनोज शर्मा, अतर सिंह, विमल प्रताप सिंह, डॉ सत्यवीर सिंह, ई रामवीर सिंह , रामसरीख, भूपेंद्र सिंह, मोहन लाल शर्मा, रमेश चंद सैनी, आर के जैन, सुखवंश सिंह, रामअवतार आदि ने भी विचार व्यक्त किये।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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