Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 26, 2025

मरकज से नहीं की जा सकती कुंभ की तुलना, वो विदेशी थे, ये हैं अपनेः तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए। वो कार्यक्रम बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए। वो कार्यक्रम बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी। कुंभ में अपने लोग हैं। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के साप्ताहिक ‘टॉक शो’ में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कुंभ और मरकज के बीच कोई तुलना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ को मरकज से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था ,जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है।
मुख्यमंत्री से सवाल किया गया था कि दो धार्मिक आयोजनों (निजामुददीन मरकज और कुंभ) को एक जैसा क्यों नहीं माना जा सकता। क्योंकि कुंभ में भी भीड़ आ रही है जो कोरोना की दूसरी लहर को और तेज कर सकती है। हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच अन्य अंतर बताते हुए रावत ने यह भी कहा कि कुंभ में आ रहे श्रद्धालु बाहर के नहीं, बल्कि अपने ही हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जब मरकज हुआ था तब कोरोना के बारे में कोई जागरूकता नहीं थी और नाही कोई दिशा-निर्देश थे। उन्होंने कहा कि यह भी किसी को नहीं पता कि मरकज में शामिल हुए लोग कितने समय उस बंद जगह में रहे, जबकि अब कोविड-19 के बारे में ज्यादा जागरूकता है और उससे बचने के लिए दिशानिर्देश भी हैं।
उन्होंने कहा कि कुंभ बारह साल में एक बार आता है और यह लाखों लोगों की आस्था तथा भावनाओं से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के बीच दिशा-निर्देशों के सख्त अनुपालन के साथ इसे सफलतापूर्वक आयोजित कराना हमारा लक्ष्य है। रावत ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है, लेकिन आस्था के मामलों को भी पूर्ण रूप से अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हाल में निस्संदेह कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई है, लेकिन हम स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं और स्वस्थ होने की दर भी अच्छी है।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति का पालन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बड़े पैमाने पर मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है और कोविड-19 दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के लिए पूरी मशीनरी दिन रात लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में प्रवेश और मेले में आने से पहले सीमाओं पर लोगों की जांच की जा रही है और इस दौरान रैंडम जांच की जा रही है।
कोरोना के लिहाज से उत्तराखंड की स्थिति चिंताजनक
उत्तराखंड में कोरोना का इस साल का सबसे बड़ा विस्फोट हुआ। मंगलवार 13 अप्रैल स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे के भीतर 1925 नए संक्रमित मिले। 13 की मौत हुई और 405 लोग स्वस्थ हुए। वर्तमान में एक्टिव केस की संख्या 9353 हो गई है। उत्तराखंड में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 112071 हो गई है। इनमें से 98897 स्वस्थ हो चुके हैं। 1780 की मौत हो चुकी है। ये प्रदेश में कोरोना का दूसरा सर्वाधिक आंकडा है। इससे पहले 19 सितंबर को सर्वाधिक मामले सामने आए थे। तब एक दिन में 2078 मामलों का रिकार्ड दर्ज है। वहीं, प्रदेश में इस साल सर्वाधिक मौत दर्ज की गई। इससे पहले 18 दिसंबर को पंद्रह मौत हुई थी, जबकि 21 दिसंबर, 22 व दिसंबर 26 को मौत का आंकड़ा तेरह था।
कोरोना संक्रमितों की बात करें तो मंगलवार को सर्वाधिक 775 संक्रमित देहरादून जिले में मिले। हरिद्वार में 594, नैनीताल में 217, उधमसिंह नगर में 172 संक्रमित मिले। बढ़ते मामलों को देख प्रदेश के 54 स्थानों पर लॉकडाउन लगाया हुआ है। यहां बनाए कंटेनमेंट जोन में सख्त प्रतिबंध हैं।
नाइट कर्फ्यू में आधा घंटा की छूट, 54 स्थानों पर लॉकडाउन
उत्तराखंड के देहरादून में नगर निगम क्षेत्र, कैंट क्षेत्र और क्लेमंटाउन क्षेत्र में नाइट कर्फ्यू है। इसमें अब सीएम तीरथ सिंह रावत के आदेश पर आधा घंटा की छूट दी जा रही है। यानी अब नाइट कर्फ्यू रात साढ़े दस बजे से सुबह पांच बजे तक रहेगा। वहीं, कंटेनमेंट जोन में देहरादून में 30, हरिद्वार में छह, नैनीताल में 17, पौड़ी में एक कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।

 

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *