एक जुलाई से बदलने जा रहे हैं कई नियम, बदलेगी ऑफिस की टाइमिंग, महंगाई की पड़ सकती है मार
जून का महीना खत्म होने को है और जुलाई का महीना शुरू होने वाला है। अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 जुलाई से नियमों में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। इसका सीधा असर आपकी जेब पड़ेगा। श्रम संहिता के तहत ऑफिस की टाइमिंग बढ़ जाएगी।

पैन कार्ड और आधार का लिंक
अगर आपने अभी तक अपना आधार-पैन कार्ड लिंक नहीं किया है तो अब आपके पास सिर्फ कुछ दिन ही बचे हैं। अपने आधार को पैन से फटाफट लिंक करा लें। आधार पैन को लिंक करने की आखिरी तारीख 30 जून है। आपको बता दें कि अगर आप 30 जून से पहले यह काम करवा लेते हैं तो आपको 500 रुपये जुर्माना देना होगा, लेकिन उसके बाद आपको दोगुना हर्जाना यानि कि एक हजार रुपये देना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को झटका
एक जुलाई से क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को बड़ा झटका लगने वाला है। अगले महीने से सभी क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा। फिर चाहे उसे मुनाफे में बेचा गया हो या नुकसान में। आपको बता दें कि साल 2022-23 से क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले इनकम पर 30 फीसदी टैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला किया है। अब एक जुलाई से क्रिप्टो के लेन देन पर एक फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा।
महंगे हो जाएंगे एयर कंडीशनर
अगले महीने से आपको एयर कंडीशनर खरीदना महंगा पड़ेगा। दरअसल, BEE यानी Bureau of Energy Efficiency ने एयर कंडीशनर्स के लिए एनर्जी रेटिंग रूल्स में बदलाव कर दिया है। यह बदलाव एक जुलाई से लागू होगा। इसका मतलब है कि एक जुलाई से 5-स्टार एसी की रेटिंग सीधे 4 स्टार हो जाएगी। नई एनर्जी एफिशिएंसी दिशानिर्देशों के परिणामस्वरूप, भारत में एसी की कीमतों में आने वाले समय में 7-10 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
बदल जाएगी ऑफिस की टाइमिंग
देश में 4 लेबर कोड (श्रम संहिता) के लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो 1 जुलाई से लेबर कोड के नए नियम लागू हो जाएंगे। इसके लागू होने के साथ ही इन हैंड सैलरी, कर्मचारियों की ऑफिस टाइमिंग, पीएफ कंट्रीब्युशन के अलावा ग्रेच्युटी आदि पर असर पड़ने की संभावना है। प्रस्ताव के मुताबिक, कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। कर्मचारियों को 4 दिन में 48 घंटे यानी हर दिन 12 घंटे काम करना होगा। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम का भी प्रस्ताव है।
एलपीजी की कीमत में बदलाव
गैस सिलेंडर की कीमत हर महीने की पहली तारीख को संशोधित की जाती है। सिलेंडर के दाम जिस तरह से लगातार बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए अनुमान है कि 1 जुलाई को रसोई गैस की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है।
ट्रेडिंग अकाउंट केवाईसी
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आप 30 जून तक अपना ट्रेडिंग अकाउंट केवाईसी करवा लें वरना आपका अकाउंट अस्थायी रूप से बंद हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो आप 1 जुलाई से शेयरों में ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे।
होम लोन ईएमआई
एक जुलाई, 2022 से उन होमलोन ग्राहकों की ईएमआई महंगी हो जाएगी। जिनके होमलोन के रीसेट डेट 1 जुलाई, 2022 है। जुलाई महीने से होम ग्राहकों की ईएमआई महंगी हो जाएगी। आरबीआई के रोपे रेट बढ़ाने के फैसले के बाद सभी बैंकों और हाउसिंग फाइनैंस कंपनी ने होमलोन महंगा कर दिया है। जिनके होमलोन का रीसेट तारीख 1 जुलाई है उन्हें इस महीने से ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना होगा।
दिल्ली वालों का प्रोपर्टी टैक्स
अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपका अपना घर है तो हर साल आपको प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) दिल्ली नगर निगम (MCD) को करना होता है। अगर आप प्रॉपर्टी टैक्स पर 15 फीसदी का डिस्काउंट (Discount) चाहते हें तो 30 जून, 2022 से पहले प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान कर दें। एक जुलाई, 2022 या उसके बाद आप प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करते हैं तो आप 15 फीसदी डिस्काउंट के हकदार नहीं होंगे।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड धारकों के लिए अच्छी खबर
सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड धारकों के लिए एक अच्छी खबर है। अब ऑनलाइन व्यापारी ग्राहकों के कार्ड डेटा को स्टोर नहीं कर पाएंगे। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डेबिट और क्रेडिट कार्ड टोकन नियम जारी किया था। इस नियम के तहत, व्यापारी अपने सर्वर पर ग्राहकों की कार्ड डेटा संग्रहीत नहीं कर सकेंगे। ये कार्ड टोकन नियम 1 जुलाई, 2022 से लागू होने वाला है।
भारतीय रिजर्व बैंक क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड टोकन नियम (Tokenisation Rules) लागू होने के साथ ही ऑनलाइन व्यापारियों को ग्राहक डेटा स्टोर डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी, कार्ड की समाप्ति तिथि और अन्य संवेदनशील जानकारी स्टोर करने की अनुमति नहीं होगी। देश भर में कार्ड टोकन अपनाने की समय सीमा पहले 1 जनवरी, 2022 थी. जिसे 1 जुलाई, 2022 तक छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. यानी अगले महीने ये नियम लागू होने वाला है।
हालांकि कार्ड टोकनाइजेशन सिस्टम अनिवार्य नहीं रखा गया है। डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड टोकनकरण प्रक्रिया अनिवार्य नहीं होने पर ग्राहक ये चुन सकता है कि उसके कार्ड को टोकन दिया जाए या नहीं। कार्ड का टोकन नहीं लेने पर ग्राहक को हर बार ऑनलाइन सामान खरीदते समये सभी कार्ड विवरण जैसे नाम, कार्ड नंबर और कार्ड की वैधता दर्ज करनी होगी।
यदि कोई ग्राहक कार्ड टोकननाइजेशन के लिए सहमत है, तो उसे लेनदेन करते समय केवल सीवीवी या वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) विवरण दर्ज करना होगा। टोकन प्रणाली पूरी तरह से नि: शुल्क है और यह किसी के कार्ड के डेटा की सुरक्षा के साथ-साथ आसान भुगतान अनुभव प्रदान करती है। साथ ही टोकनाइजेशन केवल घरेलू ऑनलाइन लेनदेन पर लागू होता है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।