अमित शाह के दौरे से पहले कई नेता छोड़ रहे हैं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का साथ
भाजपा नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार से बंगाल में दौरे पर जा रहे हैं। उनके बंगाल दौरे से पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी के नेता उनका साथ छोड़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे की ही बात करें तो तृणमूल कांग्रेस के चार नेता ममता का साथ छोड़ चुके हैं। ऐसे में चार महीनों बाद होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा को देखते हुए ममता के लिए यह बड़े संकट का वक्त है।
दो और नेताओं ने छोड़ा साथ
शुक्रवार को भी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के दो नेता और खो दिए। इनमें एक विधायक शामिल है। टीएमसी के विधायक शीलभद्र दत्ता और अल्पसंख्यक सेल के नेता कबीरुल इस्लाम ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी। गुरुवार को ही पार्टी के दो बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ी थी। कल सुवेंदु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी ने अपना-अपना इस्तीफा सौंपा था। इस तरह पिछले 24 घंटों में पार्टी के 4 नेताओं ने ममता बनर्जी का साथ छोड़ा है।
प्रशांत किशोर का किया था विरोध
बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्ता ने इस महीने खुलेआम चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का विरोध जताया था। कई बागी नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर चुनावों के लिए कैंडिडेट सेलेक्शन में ‘दखलंदाजी’ कर रहे थे। अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को ईमेल से भेजने के बाद दत्ता ने मीडिया से कहा कि मुझे लगता है कि मैं पार्टी में फिलहाल अनफिट हूं। लेकिन मैं विधायक पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। मैं विधायक पद से इस्तीफा क्यों दूं। मैं लोगों को वोट से जीता हूं। अगर मैं चला जाऊंगा, तो वो कहां जाएंगे।
दीप्तांशु चौधरी ने भी छोड़ा साथ
साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन और राज्य के शिकायत निगरानी सेल के प्रमुख कर्नल दीप्तांशु चौधरी (रिटायर्ड) ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ममता बनर्जी और गवर्नर को कल अपना इस्तीफा सौंप दिया था। कर्नल चौधरी ने बीजेपी छोड़कर तृणमूल का हाथ पकड़ा था। वो आसनसोल में पार्टी के पर्यवेक्षक और जितेंद्र तिवारी के सहयोगी थे।
अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में हो सकते हैं शामिल
इसके अलावा, पार्टी के निचले स्तरों पर भी कई इस्तीफे देखे जा रहे हैं। टीएमसी में एक के बाद एक इस्तीफे तब हो रहे हैं, जब शनिवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बंगाल की यात्रा पर जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कई बागी नेता अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल होंगे।
ममता को बाहर करने की तैयारी में भाजपा
बीजेपी की आक्रामक रणनीतियों का पहले से सामना कर रही तृणमूल के लिए स्थिति और गंभीर हो गई है। बीजेपी लंबे समय से ममता को सत्ता से बाहर करने की तैयारी में लगी है। इसकी शुरुआत 2017 में ममता बनर्जी की पार्टी में उनके दायां हाथ रहे मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने और फिर बीजेपी में शामिल होने के साथ हुई थी। मुकुल रॉय नारद स्टिंग ऑपरेशन और शारदा पोंज़ी स्कीम में जांच का सामना कर रहे हैं। पिछले साल के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उनकी भूमिका मानी जाती है।
बीजेपी के लिए अहम हो सकते हैं सुवेंदु
2016 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी की जीत सुनिश्चित करने का क्रेडिट लेने वाले सुवेंदु अधिकारी बीजेपी के लिए अहम साबित हो सकते हैं। राज्य के पश्चिमी इलाकों में अधिकारी का 50 से ज्यादा सीटों के स्थानीय नेताओं पर बड़ा प्रभाव माना जाता है। उनका पार्टी के साथ मतभेद चल रहा था, लेकिन पार्टी बड़े नेताओं की बातचीत के बाद भी उन्हें मनाने में सफल नहीं रही। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने अधिकारी की ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर से मुलाकात कराई थी और इसे सफल बताया था। अधिकारी ने अगले ही दिन रॉय को मैसेज कर कह दिया था कि वो ऐसे काम नहीं कर सकते।
सुनील मंडल भी छोड़ सकते हैं पार्टी
माना जा रहा है कि एक अन्य टीएमसी नेता सांसद सुनील मंडल भी जल्द ही पार्टी छोड़ सकते हैं। अमित शाह ने बंगाल बीजेपी के लिए इन चुनावों में 294 वाली सीटों में से 200 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।