धूल से बना डालो हल्दी, ये चमत्कार नहीं-चालाकी है जनाब, जानिए विधि

यदि आप हथेली में धूल लेकर कहो कि इसे हल्दी में बदल दोगे तो शायद कोई इस पर यकीन नहीं करेगा। फिर भी आप ऐसा करके सामने वाले को दिखा सकते हैं। ये चमत्कार नहीं, बल्कि आपके हाथ ही सफाई है। जो निरंतर अभ्यास से आती है। यहां हम आपको इसकी विधि बताने जा रहे हैं।
आवश्यक सामग्री और विधि
इस काम के लिए हमें अंगूठे के खोल का इस्तेमाल करना पड़ेगा। ये खोल प्लास्टिक का होता है। इसका रंग हाथ के रंग वाला होना चाहिए। अंगूठे पर खोल पहनने के बाद किसी को आसानी से ये नजर नहीं आता कि आपने अंगूठे पर खोल पहना है। हल्दी पाउडर और रेत की भी इस खेल में जरूरत पड़ती है।
खेल शुरू करने से पहले हम अंगूठे के खोल पर इतना हल्दी पाउडर भर लेते हैं कि खोल आसानी से अंगूठे में पहना जा सके। फिर इसे दाहिने हाथ के अंगूठे पर पहनकर खेल दिखाते हैं। अब हम खेल दिखाते हैं। दाहिने हाथ की हथेली पर रेत लेते हैं। उसे सब को दिखाते हैं। फिर रेत को मुट्ठी में बंद कर लेते हैं। मंत्र पढ़ने का ढोंग करते हैं। हाथ को धीरे धीरे हिलाते हैं। ताकी ऐसा लगे की हम जादू कर रहे हैं।
फिर चुपके से अंगूठे के खोल को ढीला करके उसके भीतर की हल्दी को मुट्ठी पर सरका लेते हैं। जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाए तो खोल को पहन सकते हैं या फिर चुपके से उसे गिरा सकते हैं। इसके बाद दाहिने हाथ को ऊपर ले जाकर हल्दी और रेत के मिश्रण को दूसरे हाथ में गिराकर दिखाते हैं। देखने वाला अचरज में पड़ जाएगा।
तथ्य और सावधानी
अंगूठे जैसे रंग के खल को हस्त कौशल के बगैर ये खेल दिखाना संभव नहीं है। रेत की मात्रा कम हो। ताकि हल्दी भी नजर आए। इस काम के लिए काफी अभ्यास की जरूरत है।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।