14 जनवरी को मकर संक्रांति, जानिए शुभ मुहूर्त, राशियों के मुताबिक करें दान, बता रहे डॉ. आचार्य सुशांतराज

इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इसके बाद अन्य बड़े त्योहारों में 16 फरवरी को बसंत पंचमी, 11 मार्च को शिवरात्रि, 29 मार्च को होली, 26 मई को बुद्ध पूर्णिमा, 22 अगस्त के रक्षाबंधन, 30 अगस्त को जन्माष्टमी, 10 सितंबर से गणेश उत्सव, 7 अक्टूबर से नवरात्रि, 15 अक्टूबर को दशहरा, 4 नवंबर को दीपावली और साल के अंतिम महीने में 18 दिसंबर को दत्त जयंती मनाई जाएगी। मकर संक्रांति का महत्व, इस पर्व में राशि के मुताबिक क्या करें दान आदि पर विस्तार से प्रकाश डाल रहे हैं डॉ. आचार्य सुशांत राज।
धार्मिक महत्ता
मकर संक्रांति का भारतीय धार्मिक परम्परा में विशेष महत्व है। क्योंकि इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण में आता है। शास्त्रों के अनुसार यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है और इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति परंपरागत रूप से 14 जनवरी या 15 जनवरी को मनाई जाती आ रही है। मकर संक्रांति में ‘मकर’ शब्द मकर राशि को इंगित करता है जबकि ‘संक्रांति’का अर्थ संक्रमण अर्थात प्रवेश करना है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहते हैं।
सूर्य बदलता है अपनी दिशा
शास्त्रों के नियम के अनुसार रात में संक्रांति होने पर अगले दिन भी संक्रांति मनाई जाती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से अपनी दिशा बदलकर उत्तरायण हो जाता है। अर्थात सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन की लंबाई बढ़नी और रात की लंबाई छोटी होनी शुरू हो जाती है। भारत में इस दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। अत: मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं, जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं।
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा में स्नान करना लाभदायी होता है। इसके बाद दान संक्रांति में गुड़, तेल, कंबल, फल, छाता आदि दान करने से लाभ मिलता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मकर संक्रांति का यह त्योहार भारत भर में पतंजबाजी के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।
मकर संक्रांति 2021 का शुभ मुहूर्त
14 जनवरी, 2021
पुण्य काल मुहूर्त: 08:03:07 से 12:30:00 तक
अवधि: 4 घंटे 26 मिनट
महापुण्य काल मुहूर्त: 08:03:07 से 08:27:07 तक
अवधि: 0 घंटे 24 मिनट
संक्रांति पल: 08:03:07
मकर संक्रांति का महत्व
माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी भूलाकर उनके घर गए थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से व्यक्ति का पुण्य प्रभाव हजार गुना बढ़ जाता है। इस दिन से मलमास खत्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है। इस खास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है।
इसलिए मनाई जाती है मकर संक्रांति
डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि मकर संक्रांति के पर्व को लेकर कई सारी मान्यताएं प्रचलित हैं।इस विषय की जो सबसे प्रचलित मान्यता है, वह यह है कि हिंदू धर्म के अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करता है, तो उसे संक्रांति कहा जाता है और इन राशियों की संख्या कुल मिलाकर बारह हैं। इनमें मेष, मकर, कर्क, तुला जैसी चार राशियां सबसे प्रमुख हैं और जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का यह विशेष पर्व मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में पुण्यदायी है यह दिन
इस दिन को हिंदू धर्म में काफी पुण्यदायी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन किया जाने वाला दान अन्य दिनों के अपेक्षा कई गुना अधिक फलदायी होता है। इसके साथ ही यदि मकर संक्रांति के इस पर्व को समान्य परिपेक्ष्य में देखा जाये तो इसे मानने का एक और भी कारण है। यह वह समय होता है, जब भारत में खरीफ (शीत श्रृतु) के फसलों की कटाई की जाती है। क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए यह फसलें किसानों के आय तथा जीवनयापन का एक प्रमुख जरिया है। इसीलिए अपने अच्छी फसलों के प्राप्ति के लिए, वह इस दिन का उपयोग ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए भी करते हैं।
मकर संक्रांति पर राशि के अनुसार दान
डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया की मकर संक्रांति उत्सव और आनंद का पर्व है। यह वह समय भी होता है, जब भारत में खरीफ की नई फसल के स्वागत की तैयारी की जाती है। इसलिए इस त्योहार के दौरान लोगों में काफी प्रसन्नता और उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन किसान भगवान से अपनी अच्छी फसलों के लिए आशीर्वाद भी मांगते है। इसलिए इसे फसलों और किसानों के त्योहारों के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग सुबह में सर्वप्रथम स्नान करते हैं और उसके बाद दान कार्य करते हैं। इस दान को सिद्धा के नाम से भी जाना जाता है। जिसे ब्राम्हण या किसी गरीब व्यक्ति को दिया जाता है, इसमें मुख्यतः चावल, चिवड़ा, ढुंढा, उड़द, तिल आदि जैसी चीजें होती है।
मेष राशि के लिए दान
मेष राशि के जातकों को मकर संक्रांति के दिन तांबे की वस्तुओं की दान करना चाहिए। इसके साथ ही आप लाल मसूर की दान भी इस दिन दान कर सकते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके क्रोध में कमीं आएगी और आप अपने जीवन के फैसलों को पूरी बुद्धिमता के साथ ले सकेंगे।
वृषभ राशि के लिए दान
मकर संक्रांति के दिन वृषभ राशि के जातको को चांदी से बनी हुई किसी चीज का दान अवश्य करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके ऐश्वर्य में लगातार वृद्धि होती रहेगी। इसके साथ ही आप सफेद वस्त्रों का दान भी कर सकते हैं।
मिथुन राशि के लिए दान
मिथुन राशि के जातको को मकर संक्रांति के दिन हरी सब्जियों का दान अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही आप पीले वस्त्रों का दान भी कर सकते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में चल रही सभी प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।
कर्क राशि के लिए दान
कर्क राशि के जातको को मकर संक्रांति के दिन सफेद रंग का ऊन अवश्य दान करना चाहिए। इसके साथ ही आप मोती का दान भी कर सकते हैं।यदि आप इस दिन इन चीजों का दान करते हैं तो आपको मानसिक कष्टों में कमीं आएगी।
सिंह राशि के लिए दान
मकर संक्रांति के दिन सिंह राशि के जातको को मकर संक्रांति के दिन गुड़ का दान अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही इन्हें गेहूं का दान करना भी इनके लिए शुभ रहेगा। यदि सिंह राशि के जातक ऐसा करते हैं तो इनके मान- सम्मान में और भी अधिक वृद्धि होगी।
कन्या राशि के लिए दान
मकर संक्रांति के दिन कन्या राशि के जातको को हरे रंग की मूंग की दाल की खिचड़ी का दान करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको व्यापार में चल रही सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलेगी और आपके व्यापार में वृद्धि भी होगी।
तुला राशि के लिए दान
तुला राशि के जिन जातको का स्वास्थय अक्सर खराब रहता है। उन्हें मकर संक्रांति के दिन सात प्रकार के अनाज का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपका स्वास्थय पूरी तरह से ठीक हो जाएगा और आपको कभी भी गंभीर बीमारी का शिकार भी नहीं होना पड़ेगा।
वृश्चिक राशि के लिए दान
मकर संक्रांति के दिन वृश्चिक राशि के जातको को लाल रंग के कपड़ो का दान करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको नौकरी में प्रमोशन की प्राप्ति हो सकती है। इतना ही नहीं लाल वस्त्रों के दान से आपमें सोचने और समझने की शक्ति भी बढ़ेगी।
धनु राशि के लिए दान
धनु राशि के जातको को मकर संक्रांति के दिन सोने का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से आपको सूर्यदेव की विशेष कृपा की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही आप इस दिन पीले कपड़ों का दान भी कर सकते हैं।
मकर राशि के लिए दान
मकर संक्रांति के जिन जातको के अपने पिता के साथ संबंध खराब हैं उन्हें मकर संक्रांति के दिन काले रंग के कंबल का दान करन चाहिए। ऐसा करने से आपके संबंध अपने पिता के साथ पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे। इतना ही नहीं ऐसा करने से आपके और उनके बीच में प्रेम भी बढ़ेगा।
कुंभ राशि के लिए दान
मकर संक्रांति के दिन कुंभ राशि के जातको को घी का दान अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही आपको मंदिर में तिल से बनी चीजों का दान भी अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन की सभी परेशानियां पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगी।
मीन राशि के लिए दान
मीन राशि के जातको को मकर संक्रांति के दिन चने की दाल का दान अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही यदि आप गुड़ का दान भी कर सकें तो आपके लिए काफी उत्तम रहेगा। ऐसा करने से आपको न केवल सूर्य देव की बल्कि देवगुरु बृहस्पति की कृपा भी प्राप्त होगी।
आचार्य का परिचय
नाम डॉ. आचार्य सुशांत राज
इंद्रेश्वर शिव मंदिर व नवग्रह शनि मंदिर
डांडी गढ़ी कैंट, निकट पोस्ट आफिस, देहरादून, उत्तराखंड।
मो. 9412950046
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।