आइपा के मंच से उठाए गए कार्मिकों के प्रमुख मुद्दे, पुरानी पेंशन बहाली की पुरजोर वकालत
ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव पोलिटिकल एसोसिएशन (AIPPA) की देहरादून के होटल पैसिफिक में आयोजित सेमिनार में कर्मचारियों के ज्वलंत मुद्दे उठाए गए।

इस मौके पर NOPRUF के प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. डीसी पसबोला ने पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि एनपीएस का काला कानून वापस लेकर पुरानी पेंशन बहाल की जानी चाहिए। एक देश एक पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए। कर्मचारी तबका भी यही चाह रहा है। ऐसे में सरकार को जबरन नई व्यवस्था नहीं थोपनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी अपने-अपने चुनावी घोषणा पत्र (मैनिफेस्टो) में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।
डॉ. पसबोला राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ, उत्तराखंड के प्रदेश मीडिया प्रभारी भी हैं। ऐसे में सेमिनार में उन्होंने आयुष चिकित्सकों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जो कि आयुष प्रदेश भी है। इस राज्य के बनने के 21 वर्ष बाद भी सरकार ने आयुष चिकित्सकों की डीएसीपी लागू तक नहीं की। जो कि आयुष प्रदेश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण है। वहीं, एलोपैथ चिकित्सकों को प्रदेश में डीएसीपी के साथ-साथ एसडीएसीपी का भी लाभ दिया जा रहा है। ऐसे में सरकार का इस तरह का व्यवहार आयुष चिकित्सकों के प्रति सौतेला व्यवहार दर्शाता है। साथ ही उन्होंने सरकार से शीघ्र ही बेरोजगार आयुष चिकित्सकों को रोजगार देने की भी पुरजोर मांग की।
सेमिनार में वरिष्ठ राज्य आंदोलन कारी सुशीला बलूनी, बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी, उत्तरा पंत बहुगुणा, कांग्रेस से गरिमा मेहरा दसौंनी, आरुषी सुन्दरियाल, यूकेडी से सुनील ध्यानी, किरण रावत, आम आदमी पार्टी से उमा शिशोदिया आदि इत्यादि शामिल रहे। मीडिया से आइपा के साक्षी साहनी, मिस सकलानी, स्टेट न्यूज यूके से शागुफ्ता परवीन, उत्तराखंड आज से प्रदीप कुकरेती आदि मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।