आलोचनाओं से घिरे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आहत, अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-मार्गदर्शन कीजिए

राज्यपाल ने पत्र में लिखा कि महापुरुषों का अपमान या अनादर करने के बारे में वह सपने में भी नहीं सोच सकते। राज्यपाल ने अपने पत्र में यह भी कहा कि मौजूदा हालात में कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तियों को आदर्श बताने का मतलब यह बिल्कुल नहीं कि महापुरुषों का अपमान किया गया है। शिवाजी महाराज को लेकर विवादों में घिरे भगत सिंह कोश्यारी ने पहली बार विस्तार से अपनी भूमिका गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के सामने रखी। उन्होंने यह भी बताया कि शिवनेरी, सिंहगढ़, रायगढ़ प्रतापगढ़ और सिंदखेड जैसी पवित्र जगह पर भी जा चुके हैं। मेरा आपसे अनुरोध है कि वर्तमान संदर्भ में उचित मार्गदर्शन करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोश्यारी ने लिखा ये पत्र
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पत्र में लिखा है कि मेरे भाषण के एक छोटे से अंश को निकालकर कुछ लोगों ने संपूर्ण संदर्भ से अलग इसे राज्यपाल की आलोचना का विषय बना दिया है। युवा पीढ़ी के सामने अपने आदर्श व्यक्तियों के उदाहरण हो, तो वे उनसे प्रेरणा लेते हैं। मैंने छात्रों को बताया कि जब हम पढ़ते थे तो कुछ विद्यार्थी महात्मा गांधी जी, तो कुछ पंडित नेहरू जी, तो कुछ नेताजी सुभाष चंद्र बोस आदि को अपना आदर्श मानकर उत्तर देते थे। स्वाभाविक है कि युवा पीढ़ी, वर्तमान पीढ़ी के कर्तव्यशील व्यक्तियों का भी उदाहरण चाहता है। महाराष्ट्र के संदर्भ में बात करते हुए मैंने कहा कि आज के संदर्भ में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक अच्छे उदाहरण हो सकते हैं। इसका अर्थ तो यही था कि छात्र डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, होमी भाभा आदि अनेक कर्तव्यशील व्यक्तियों को आदर्श के रूप में ले सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोश्यारी ने आगे लिखा कि-आज यदि कोई युवा इन व्यक्तियों का या विशेषकर आज विश्व में भारत का नाम ऊंचा कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को आदर्श मानता है तो उसका अर्थ पूर्व के महापुरुषों का अपमान करना तो नहीं होता। यह कोई तुलना का विषय भी नहीं था। जहां तक छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रश्न है वह न केवल महाराष्ट्र के अपितु पूरे देश के गौरव हैं। मैंने इस उम्र में भी वह भी जब कोविड-19 काल में बड़े-बड़े लोग अपने घर से बाहर नहीं निकलते थे। तब शिवनेरी, सिंहगढ़, रायगढ़ और प्रतापगढ़ जैसे पवित्र स्थलों का पैदल चलकर दर्शन लाभ लिया है। मैं शिवाजी महाराज जैसे वंदनीय पुत्र को जन्म देने वाली माता जिजाऊ के जन्मस्थान सिंदखेड राजा का दर्शन करने वाला संभवत पिछले 30 वर्ष से अधिक समय में पहला राज्यपाल हूं। वह भी हवाई मार्ग से नहीं, बल्कि मोटर मार्ग से चलकर। वस्तुतः मेरे कथन का तो यही अर्थ था कि शिवाजी महाराज हमेशा के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।