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November 22, 2024

लोजपाः पांच सांसदों ने चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया, चिराग ने पांचों सांसदों को पार्टी से निकाला

बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी में विवाद लगातार बढ़ रहा है। चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के दो धड़ों में पार्टी बंट गई है।

बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी में विवाद लगातार बढ़ रहा है। चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के दो धड़ों में पार्टी बंट गई है। पशुपति पारस के साथ ही पांच सांसदों के धड़े ने चिराग को लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह सूरजभान को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सूरजभान पार्टी के नए अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराएंगे। खबरों के मुताबिक, एक व्यक्ति एक पद के नियम के तहत चिराग को हटा दिया गया है। पांच दिनों के भीतर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला कर नए अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। इससे पहले एलजेपी ने चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से भी हटा दिया था। लोजपा के 6 सांसद थे, इनमें से पांच ने बगावत कर लोकसभा स्पीकर से इसके लिए गुजारिश की थी। इसे स्वीकार कर लिया गया।
वहीं ये खबर सामने आने के बाद चिराग के समर्थकों ने पटना में एलजेपी के दफ्तर में बवाल काटा। आक्रोशित समर्थकों ने बागी सांसदों के पोस्टरों पर कालिख पोत दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर माहौल को शांत कराने की कोशिश की। उधर, चिराग पासवान ने भी पांचों सांसदों को पार्टी से निकाल दिया।
पशुपति को चुनाव संसदीयल दल का नेता
पशुपति कुमार पारस को एलजेपी संसदीय दल का नया नेता चुना गया था। चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने के साथ चाचा और भतीजे के बीच सुलह समझौते की सारी संभावनाएं भी टूटती नजर आ रही हैं। माना जा रहा है कि पशुपति कुमार पारस 20 जून से पहले लोक जनशक्ति पार्टी के नए अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ने दी मान्यता
पशुपति पारस दिवंगत नेता रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं। लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के नेता बनने के साथ उन्होंने पार्टी में अपनी पकड़ मजबूत करने के संकेत दिए थे। स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता भी दे दी है। एलजेपी के पांच सांसदों ने महबूब अली कैसर को उपनेता चुना है। चंदन सिंह को पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया गया है।
लोक जनशक्ति पार्टी में सांसद चिराग पासवान के खिलाफ बागी तेवर दिखाने वाले सांसदों में पशुपति पारस के अलावा चंदन सिंह, प्रिंस राज, वीणा देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं। माना जा रहा है कि पशुपति पारस या एलजेपी के किसी और नेता को मोदी सरकार के संभावित कैबिनेट विस्तार में भी जगह मिल सकती है।
ऐसा माना जा रहा था कि चिराग पासवान के लोजपा अध्यक्ष रहते एनडीए में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और एलजेपी का साथ आना मुश्किल था। समझा जाता है कि जेडीयू ने चिराग पासवान को एनडीए में किसी भी प्रकार से समायोजित करने का तीखा विरोध किया था, जबकि बगावत का झंडा बुलंद करने वाले पशुपति पारस ने नई ताकत पाने के साथ ही नीतीश कुमार की तारीफ में कसीदे काढ़े हैं। एलजेपी सांसद महबूब अली ने भी कहा है कि चिराग पासवान द्वारा नीतीश को बुरा-भला करना सही नहीं था।
दूसरे खेमे से आया जवाब, बागी सांसदों को पार्टी से निकाला
चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बागी सांसदों के फैसले के कुछ घंटों के भीतर ही दूसरे खेमे से भी जवाब आया। पार्टी की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में एलजेपी के पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया गया है। लोक जनशक्ति पार्टी के लेटर हेड पर चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर दिखाया गया है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति ने एकमत से पार्टी सांसद पशुपति कुमार पारस, वीणा देवी, चौधरी महबूब अली कैसर, चंदन सिंह और प्रिंस राज को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पार्टी की ओर से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है।
पार्टी कार्यालय पर हंगामा
उधर, चिराग पासवान को पार्टी सांसदों द्वारा अध्यक्ष पद से हटाने जाने के ऐलान के बाद मंगलवार शाम को पटना में लोजपा के दफ्तर में हंगामा हो गया। चिराग पासवान के समर्थकों ने पार्टी के पांचों अन्य सांसदों के पोस्टर पर कालिख पोत दी और जमकर नारेबाजी की। इस कार्यकारिणी की बैठक में ज्यादातर सदस्य शामिल थे। उनको पहले ही नोटिस दिया गया था।
बिहार लोक जन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष राजू तिवारी का कहना है कि ज्यादातर नेता चिराग के साथ हैं और सांसदों के कहने से कुछ नही होता है। तिवारी ने कहा कि जब विधानसभा चुनाव के समय ये सांसद आहत थे तो कुछ क्यों नही कहा। उचित फोरम में कभी नही बोले और तब भी ये सब नही बोले कि 15 सीट पर नही लड़ेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले जाने की बात हुई थी। हमारा पार्टी का जनाधार है। चिराग बिहार में निकलेंगे, लेकिन अभी वो बहुत आहत हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नही है। यह किसके इशारे पर हो रहा है सबको पता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी पर किस खेमे का आगे नियंत्रण रहता है। संभावना है कि यह लड़ाई चुनाव आयोग के दरवाजे तक पहुंच जाए।

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