Video: सुनिए पूर्व सांसद तरुण विजय के लिखे गीत से उत्तराखंड की महिमा, साथ ही पढ़कर भी लें आनंद
जय जय उत्तराखण्ड
जय है उत्तराखण्ड ! जय है उत्तराखण्ड !!
जय जय उत्तराखण्ड बोलिये जय जय उत्तराखण्ड ।।
यहाँ देवता गाँव गाँव में, हर घर देवी नंदा है
वीरों का गर्वीला मेरा, ऊँचा खड़ा हिमालय है
धन्य हुए हम, धन्य हुए यहाँ गंगा बहे अखण्ड
भारत माँ का मुकुटमणि यह, जय जय उत्तराखण्ड
जय जय उत्तराखण्ड बोलिये, जय जय उत्तराखण्ड ।।
इस धरती ने दिए तपस्वी, दिए ज्ञान के शिखर महान
महिमामय बद्री विशाल हैं और पुण्य देते शिव खण्ड
हेमकुण्ड की महिमा न्यारी, सरल सरस केदार खण्ड,
जय जय उत्तराखण्ड बोलिये, जय जय उत्तराखण्ड ।।
वैज्ञानिक सर्वेक्षण करते नापा था सागरमाथा,
सागर तल ऊर्जा लाते, तेजस्वी इनकी गाथा,
दुनिया में सबसे ऊँचा, शिक्षा का पावन भूखण्ड
जय जय उत्तराखण्ड बोलिये, जय जय उत्तराखण्ड ।।
आओ लें संकल्प बढ़े हम, दुनिया भर में आगे
भारत माँ का अभिनन्दन, हो, दुश्मन डर से भागे
ज्ञान ओर विज्ञानं पढ़े हम, सैन्य धर्म को पालें
हमसे हिम्मत हमसे शिक्षा लेकर जन जन जागे
भारत का सबसे सुन्दर और प्यारा उत्तराखण्ड
जय जय उत्तराखण्ड बोलिये, जय जय उत्तराखण्ड ।।
लक्ष्मण जी तपस्थली और
द्रोणाचार्य यहाँ हुए
राम राय गुरु की महिमा के
चमत्कार से धन्य हुए
गायत्र के दिव्य स्वरों से गूंजे गंगा – खण्ड
जय जय उत्तराखण्ड बोलिये जय जय उत्तराखण्ड ।।
मोनाल कस्तूरी मृग हैं और
यमुनोत्री में माँ यमुना
लाल दहक देखो बुरांश की
देवदार – ऊँची गरिमा
जल में थल में नभ में – गौरवशाली उत्तराखण्ड
जय जय उत्तराखण्ड बोलिये जय जय उत्तराखण्ड ।।
कवि का परिचय
तरुण विजय (जन्म 2 मार्च 1956) भारतीय राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत पत्रकार एवं चिन्तक हैं। वह 1986 से 2008 तक करीब 22 सालों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पाञ्चजन्य के संपादक रहे। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत ब्लिट्ज़ अखबार से की थी। बाद में कुछ सालों तक फ्रीलांसिंग करने के बाद वह आरएसएस से जुड़े और उसके प्रचारक के तौर पर दादरा और नगर हवेली में आदिवासियों के बीच काम किया। वह उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य भी रहे। सांसद तरुण विजय राज्यसभा के सर्वश्रेष्ठ सांसदों में एक रहे। सभी दलों के नेताओं ने उनकी राज्यसभा में सक्रियता की प्रशंसा की। स्वतंत्र संसदीय समीक्षा संगठन पीआरएस ने उन्हें संसद के सर्वश्रेष्ठ सांसदों में से एक चुना है।