सुनिए ऑडियोः पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की डरावनी आवाजें, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने किया जारी
दरअसल, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र एक जटिल और गतिशील आवरण है, जो ब्रह्मांडीय विकिरिणों और सूर्य से निकलने वाले आवेशित कणों से इसकी रक्षा करता है। ईएसए के अनुसार, टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के वैज्ञानिकों ने चुंबकीय संकेतों को ध्वनि संकेतों में परिवर्तित किया है, जिसकी आवाज काफी भयानक महसूस हो रही है। उनके मुताबिक नतीजे काफी डरावने हैं। पृथ्वी के इस चुंबकीय क्षेत्र को देखा तो नहीं जा सकता है, लेकिन पहली बार वैज्ञानिकों ने इसके संकेतों को ध्वनि संकेतों में बदलने में सफलता प्राप्त की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऑडियो में सुनिए आवाजें
टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के संगीतकार और प्रोजेक्ट सपोर्टर क्लॉस नीलसन (Klaus Nielsen) ने इस अभियान के बारे में बताया कि, ‘टीम ने यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के समूह सैटेलाइट के डेटा के साथ-साथ अलग स्रोतों का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही कोर क्षेत्र के ध्वनि प्रतिरूप का कुशलतापूर्व प्रयोग और उसे नियंत्रित करने के लिए इन चुंबकीय संकेतों का उपयोग किया। यह प्रोजेक्ट कला और विज्ञान दोनों को एक साथ लाने में निश्चित तौर पर पुरस्कृत किए जाने वाले अभ्यास की तरह रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईएसए (ESA) की मानें तो सभी को यह एहसास कराया गया है कि, चुंबकीय क्षेत्र मौजूद है और भले ही इसकी गड़गड़ाहट थोड़ी दिल दहला देने वाली है, लेकिन धरती पर जो जीवन है। वह इसी पर निर्भर है। नीलसन के मुताबिक, हमने कोपेनहेगन में सोल्बजर्ग स्क्वायर में जमीन में डाले गए 30 से ज्यादा लाउडस्पीकरों से युक्त एक बहुत ही रोचक ध्वनि प्रणाली हासिल की। हमनें इसे इस तरह से लगाया कि प्रत्येक स्पीकर पृथ्वी के अलग-अलग स्थानों का प्रतिनिधित्व करे और दिखाए कि पिछले 1,00,000 सालों में हमारे चुंबकीय क्षेत्र में कैसे उतार-चढ़ाव आया है। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की आवाज की जो खोज की है, उसका खुलासा 24 अक्टूबर, 2022 को किया गया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।