लो कर लो बातः भारत का झलका चीन प्रेम, अमेरिका को पछाड़कर बने सबसे बड़े व्यापारिक पार्टनर
अक्सर होली, दीपावली या कोई दूसरे त्योहारों में बाजार जब संबंधित उत्पादों से सजने लगते हैं तो देश में एक भक्त विशेष लोगों के मन में देश प्रेम पनपने लगता है। या फिर ऐसा उन मौकों पर भी होता है, जब सीमा पर तनाव बढ़ता है। फिर सोशल मीडिया में चीन के उत्पादों के बहिष्कार की बात चलने लगती है। ऐसी बातों को विशेष दल भी हवा देता है। जनता मूर्ख बनती है, उसे ये तक पता नहीं होता कि जिस चीन के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। वही, चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर बन चुका है। यदि कोई पत्रकार सरकार की आलोचना करे तो ऐसे भक्त उसे भी चीनी करार देने लगते हैं। अब उन्हें ये खबर पढ़नी चाहिए। फिर समझना चाहिए कि सरकार तो चीन के साथ निरंतर व्यापार कर रही है, फिर वे क्यों विरोध का माहौल बनाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चीन के साथ मजबूत हुए भारत के व्यापारिक संबंध
सच्चाई ये है कि चीन और भारत के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हुए हैं। ताजा रिपोर्ट में पता चला है कि वित्त वर्ष 2023-2024 में चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा। इससे पहले दो साल तक (FY22 और FY23) ये दर्जा अमेरिका को मिला हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक, FY 2024 में चीन से 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का इंपोर्ट हुआ है। भारतीय करंसी के हिसाब से 83,52,88,00,00,000 (8 लाख 25 हजार करोड़ रुपये)। यानि कि अमेरिका को पछाड़कर भारत और चीन सबसे बड़े व्यापारिक पार्टनर बन चुके हैं। साल 2024 में एक बार फिर चीन ने भारत के सबसे बड़े व्यापार सहयोगी का दर्जा हासिल कर लिया है। बीते साल ये स्थान अमेरिका का था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं ताजा आंकड़े
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार 2024 के वित्त वर्ष में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 118.4 अरब डॉलर का रहा है। जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने चीन से हो रहे आयात में कमी करने के लिए एंटी डम्पिंग टैक्स और क्वॉलिटी कंट्रोल से जुड़े नियम लागू किए हैं, लेकिन इनका असर भारत के आयात पर होता नहीं दिखता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2024 वित्त वर्ष में भारत ने चीन से 2.2 अरब डॉलर के लीथियम आयन बैटरी खरीदे जो इस सेक्टर में होने वाले आयात का 75 फ़ीसदी है। वहीं टेलिकॉम उपकरण और फ़ोन से जुड़े आयात का 44 फ़ीसदी चीन से आयात किया, जिसका मूल्य क़रीब 4.2 अरब डॉलर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मौजूदा साल में व्यापार में हुई बढ़ोत्तरी
ताज़ा आंकड़ों के अनुसार चीन अब भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशियेटिव के आकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में दोनों देशों के बीच व्यापार $118.4 बिलियन पर पहुँच गया है। चीन से भारत में आयात 3.24 फ़ीसदी बढ़कर $101.7 बिलियन हो गया है। भारत से चीन को निर्यात 8.7 फ़ीसदी बढ़कर $16.67 बिलियन हो गया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आंकड़े थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव GTRI ने जारी किए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है स्थिति
-FY 2024 में चीन से इंपोर्ट- 101.7 बिलियन डॉलर- करीब 8 लाख करोड़ रुपये (2023 की तुलना में 3.34% की बढ़ोतरी)
-FY 2024 चीन को एक्सपोर्ट- 16 बिलियन डॉलर- करीब 1 लाख करोड़ रुपये (2023 की तुलना में 8.7% की बढ़ोतरी)
कुल मिलाकर, FY 2024 में चीन के साथ भारत का 118.4 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ. यानी 9 लाख 88 हजार करोड़ रुपये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चीन से की जा रही है ये खरीद
भारत कुछ जरूरी प्रॉडक्ट्स जैसे टेलिकॉम-स्मार्टफोन के पार्ट्स, फार्मा और एडवांस टेक्नॉलजी प्रॉडक्ट्स के लिए चीन पर निर्भर है। GTRI के आंकड़ों के मुताबिक, FY24 में भारत ने 4.2 बिलियन डॉलर के टेलीकॉम-स्मार्टफोन पार्ट्स चीन से इंपोर्ट किए। चीन से लैपटॉप और PC का आयात कुल 3.8 बिलियन डॉलर का था। इसके अलावा तेजी से उभरते EV (Electric Vehicle) सेक्टर में भी भारत की चीन पर काफी निर्भरता है। FY 24 में चीन से इंपोर्ट की गई लिथियम-आयन बैटरियों का मूल्य 2.2 बिलियन डॉलर था। रिपोर्ट में पता चला है कि पिछले 6 सालों में चीन को एक्सपोर्ट में तो ज्यादा बदलाव नहीं आया, लेकिन इंपोर्ट में लगभग 45 फीसदी की वृद्धि हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
US के साथ ट्रेड
-FY 2024 में US से इंपोर्ट- 40.8 बिलियन डॉलर- करीब 3 लाख करोड़ रुपये (2023 की तुलना में 20 फीसदी घटा)
-FY 2024 US को एक्सपोर्ट- 77.5 बिलियन डॉलर- करीब 6 लाख करोड़ रुपये (2023 की तुलना में 1.32 फीसदी घटा)
कुल मिलाकर, FY 2024 में US के साथ भारत का 118.3 बिलियन डॉलर का व्यापार।
पांच सालों के आंकड़ें
FY 2019 से लेकर FY 2024 के बीच -अमेरिका के साथ व्यापार में बढ़ोतरी हुई है. एक्सपोर्ट में 47.9 फीसदी और इंपोर्ट में 14.7 फीसदी।
-रूस के व्यापारिक आंकड़ों में भी अच्छी बढ़ोतरी देखी गई। एक्सपोर्ट 78.3 प्रतिशत बढ़ा और इंपोर्ट 952 प्रतिशत।
-सऊदी अरब को एक्सपोर्ट दोगुना से ज्यादा हुआ। 107.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इंपोर्ट 11.7 फीसदी बढ़ा।
– UAE के साथ एक्सपोर्ट 18.3 फीसदी बढ़ा और इंपोर्ट 61.2 फीसदी बढ़ा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत चीन में कब कब बढ़ा तनाव
जिस वक्त भारत कोविड महामारी के दौर से गुज़र रहा था उस वक्त चीन ने भारत के साथ लगी अपनी सीमा के पास सैनिकों की संख्या बढ़ा दी थी।
-इससे पहले साल 2017 में भारत और चीन के बीच भूटान के पास सटी सीमा पर तनाव रहा जो 71 दिन तक चला।
-इसके बाद 15 जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि, कहा गया कि 40 से अधिक चीनी सैनिक भी मारे गए। इसके बाद से भारत और चीन के बीच तनाव जारी है।
-गलवान के बाद दोनों देशों ने सरहद पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है।
-साथ ही भारत ने क्वाड सहयोग संगठन के तहत जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ सुरक्षा को लेकर बातचीत बढ़ाई है।
-इसके बाद भारत सरकार ने जून 2020 में कई चीनी मोबाइल ऐप बंद कर दिए। भारत ने सुरक्षा ख़तरों और निजता का हवाला देते हुए कुल 59 ऐप्स पर पाबंदी लगा दी थी।
-इसके बाद 29 जून को, फिर 10 अगस्त को 47 ऐप, एक सितंबर को 118 ऐप और फिर 19 नवंबर को सरकार ने 43 मोबाइल ऐप बंद कर दिए।
-जून 2020 को बंद किए गए मोबाइल ऐप्स में टिकटॉक भी शामिल था।
-विपक्ष आरोप लगाता है कि चीन भारत की सीमा में कब्जा कर बैठा है। ऐसे आरोपों को भारत सरकार खारिज करती है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।