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September 29, 2025

साल का आखरी चंद्रग्रहणः खून जैसे लाल रंग में नजर आएगा चांद, जानिए समय, राशि पर प्रभाव, इन बातों का रखें ख्याल

सितंबर माह में साल का आखरी चंद्रग्रहण लगने वाला है। ये साल का दूसरा चंद्रग्रहण होगा। यह ग्रहण सात सितंबर की रात पड़ेगा और भारत समेत कई देशों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। 7-8 सितंबर की रात को चांद पर पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस दौरान जब पृथ्वी, सूरज और चांद के बीच आ जाएगी तो अपनी परछाई चांद पर डालेगी। ऐसे में चांद की सतह लाल-नारंगी रंग में चमक उठेगी। लोग इस चंद्रग्रहण को रात में नंगी आंखों से सुरक्षित रूप से देख सकते हैं। सूर्यग्रहण के उलट, इसे देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की जरूरत नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चंद्रग्रहण का समय
-2025 का अंतिम चंद्रग्रहण 7 सितंबर, रविवार की रात को भाद्रपद मास की पूर्णिमा के दिन लगेगा।
-ग्रहण का आरंभ (स्पर्श): रात्रि 9: 57 मिनट पर है।
-ग्रहण का मध्य (चरम अवस्था) रात्रि 11:01 मिनट पर है।
-ग्रहण का समापन रात्रि 01:26 मिनट पर है।
-इस तरह यह ग्रहण कुल 3 घंटे 29 मिनट तक रहेगा, जो इसे एक लंबे समय तक चलने वाला चंद्रग्रहण बनाता है।
नोटः यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए लोकसाक्ष्य उत्तरदायी नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस बार ब्लड मून
इस बार पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस दिन चांद नारंगी और लाल रंग में नजर आएगा। खून के रंग की तरह चांद के नजर आने पर ऐसे चंद्र ग्रहण को ब्लड मून भी कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए नजर आएगा। ग्रहण का सूतक काल पूरे भारत में मान्य होगा। क्योंकि यह भारत में पूर्ण रूप से दृश्य रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल के दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ, शुभ कार्य, यात्रा, भोजन आदि वर्जित माने जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देश और समाज पर भी पड़ सकता है असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस ग्रहण का असर केवल व्यक्तिगत जीवन पर नहीं, बल्कि देश और समाज पर भी पड़ेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक, पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन की आशंका बढ़ सकती है। कुछ क्षेत्रों में अकाल जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। राजनीतिक अस्थिरता और उथल-पुथल की आशंका भी जताई जा रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस कारण से लाल हो जाता है चांद
Space.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर महीने चंद्रग्रहण नहीं होता। क्योंकि चांद का रास्ता झुका हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी ग्रहण के लिए पृथ्वी, चांद और सूरज का एकदम सीधी लाइन में आना जरूरी है। जैसे ही ये होता है, चांद पर पृथ्वी की सबसे गहरी छाया पड़ती है। इसे अंब्रा कहते हैं। इस दौरान चांद लाल दिखने लगता है, क्योंकि यह एक प्रक्रिया होती है, जिसे रेले स्कैटरिंग (Rayleigh scattering) कहते हैं। यही प्रक्रिया सूरज ढलते समय आकाश को लाल बनाती है। इसी वजह से पूर्ण चंद्रग्रहण को ब्लड मून कहा जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारत सहित कई देशों में दिखेगा चंद्रग्रहण
अमेरिका के लोग इस बार इसे नहीं देख पाएंगे। क्योंकि उस समय वहां चांद दिखाई नहीं देगा। यूरोप, अफ्रीका और एशिया के देश जिसमें भारत भी शामिल है, यहां के लोगों को इसका कुछ या पूरा हिस्सा दिखाई देगा। शर्त ये है कि आसमान में बादल ना हों। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारत में रहेगा सूतक काल
भारत में यह ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा, इसलिए यहाँ इसका सूतक काल मान्य होगा। विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के लिए यह ग्रहण ज्योतिषीय दृष्टि से संवेदनशील प्रभाव वाला माना जा रहा है, क्योंकि यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राशियों पर असर
साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण एक विशेष ज्योतिषीय घटना के रूप में सामने आने वाला है, जो न केवल खगोलीय दृष्टि से अहम है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से भी इसका प्रभाव गहरा माना जा रहा है। यह ग्रहण 7 सितंबर की रात को लगेगा और भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण जिस राशि और नक्षत्र में लगता है, उसका असर उसी राशि और नक्षत्र के जातकों पर सबसे अधिक पड़ता है। इस बार का चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है, जो इसे खास बनाता है। साथ ही ग्रहों की स्थिति भी इस समय कई बदलावों के संकेत दे रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुंभ राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह चंद्र ग्रहण कुंभ राशि के जातकों के लिए फायदेमंद रहेगा। इस दौरान आपको विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। नौकरी करने वालों के लिए पदोन्नति के अच्छे योग बनते दिखाई दे रहे हैं। आपके काम की सराहना होगी और कार्यस्थल पर आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जो लोग व्यापार करते हैं, उनके लिए भी यह समय सकारात्मक परिणाम देने वाला रहेगा। लाभ के कई अवसर बन सकते हैं। इसके अलावा, धन प्राप्ति के कई स्रोत खुल सकते हैं, जिससे आर्थिक स्थिति और भी मजबूत हो सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व भाद्रपद नक्षत्र वालों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
जो लोग पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में जन्मे हैं, उनके लिए यह साल का अंतिम चंद्र ग्रहण सौभाग्य लेकर आने वाला है। करियर के क्षेत्र में तरक्की के संकेत हैं, खासकर जो लोग नौकरी में उन्नति चाहते हैं या विदेश में काम करने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए समय अनुकूल है। हालांकि, इस शुभ समय के बीच आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। साथ ही, अनावश्यक बहस या विवाद से बचना आपके लिए फायदेमंद रहेगा, वरना मानसिक तनाव हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस बार के चंद्रग्रहण से जुड़ी खास बातें
-यह ब्लड मून होगा, जिसमें चंद्रमा का रंग लालिमा युक्त दिखेगा।
-यह साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण होगा।
-यह भारत में पूरी तरह से दृश्य और मान्य होगा।
-चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी के आने से पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।
-इसी वजह से चंद्रमा का रंग खून की तरह लाल नजर आने लगता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस बातों का रखें ध्यान
– चंद्रग्रहण के दौरान खाना न बनाएं और न ही खाएं।
-भगवान की मूर्तियों का स्पर्श न करें।
-ग्रहण अवधि में सोने से परहेज करें।
-गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
-नुकीले उपकरण का उपयोग न करें।
-नकारात्मक या ऊर्जाहीन जगहों पर न जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्रहण के दौरान ऐसा करना फायदेमंद
-ग्रहण काल के समय भगवान के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
-ध्यान, साधना और शांति का अभ्यास करें।
-जरूरतमंदों को दान पुण्यकारी माना गया है।
-तुलसी पत्तों का उपयोग भोजन, जल में करें।
-ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान, दान-पुण्य करें।
-देव दर्शन के लिए आसपास के मंदिर जाएं।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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