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April 19, 2025

उत्तराखंड में श्रमिक संगठनों का हल्ला बोल, डीएम को कार्यालय से बाहर बुलाया, किसान भी उतरे सड़कों पर

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर श्रमिकों की हड़ताल का उत्तराखंड में मिला जुला असर देखने को मिला। हालांकि, परिवहन सेवा पर इसका असर ज्यादा नहीं पड़ा, लेकिन विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार संस्थानों में सीटू और अन्य वामदलों के संगठनों से जुड़ी यूनियनों के तहत धरने और प्रदर्शन के आयोजन किए गए। राजधानी देहरादून में गांधी से जिला मुख्यालय के लिए रैली निकाली गई। यहां जिला प्रशासन के राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। स्किम वर्कर्स ने डीएम को ज्ञापन लेने के लिए कार्यालय से बाहर आने पर मजबूर किया। वहीं, किसानों के भारत बंद का का ज्यादा असर नहीं दिखा, लेकिन विभिन्न स्थानों पर किसानों ने प्रदर्शन जरूर किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कई यूनियनें हुई हड़ताल में शामिल
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के प्रांतीय सचिव लेखराज ने बताया कि सीटू से जुड़ी सभी यूनियनों के साथ ही एटक, इन्टक तथा महासंघों से जुड़ी सभी यूनियने हड़ताल पर रहीं। इसमे आंगनवाड़ी यूनियन, बालविकास, महिला शसक्तीकरण निदेशालय, उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन, उत्तराखंड आशा स्वस्थ्य कार्यकत्री यूनियन, आईएमए के वासरमेन, स्कूल कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हुए। परिवहन में भी कई यूनियनों में आईएसबीटी से विकासनगर डाकपत्थर चलने वाली बस सेवा, जिला देहरादून ड्राईवर कन्डक्टर यूनियन, दून ऑटो रिक्शा यूनियन, महानगर ऑटो चालक यूनियन, ई रिक्शा वर्कर्स यूनियन, के साथ ही नगर निगम से अनुबंधित संविदा यूनियन ने हड़ताल को समर्थन दिया। इसके साथ ही केंद्रीय संस्थानों की यूनियन भी हड़ताल में शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहले ही दे दिया था नोटिस
आंगनवाड़ी यूनियन द्वारा बालविकास एवं महिला शसक्तीकरण निदेशालय, उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन द्वारा शिक्षा निदेशालय, उत्तराखंड आशा स्वस्थ्य कार्यकत्री यूनियन द्वारा स्वास्थ्य निदेशालय में पहले ही नोटिस दिया गया था कि वे हड़ताल में रहेंगे। आईएमए के वासरमेन भी हड़ताल में शिरकत की स्कूल कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कई परिवहन सेवाएं भी रहीं बाधित
परिवहन में भी कई यूनियनों में आईएसबीटी से विकास नगर डाकपत्थर चलने वाली बस सेवा हड़ताल पर रही। जिला देहरादून ड्राईवर कन्डक्टर यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र पुंडीर ने बताया कि उन्होंने डाकपत्थर बस स्टैंड में एकत्रित हो कर सभी ड्राइवर कंडक्टरों ने हड़ताल कर प्रदर्शन किया। दून, डाकपत्थर यमुना वेली उत्तराखंड जल विद्युत निगम के सीटू से जुड़ी सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उन्होंने गोपाल बाल्मीकि के नेतृत्व में जलूस निकाल कर प्रदर्शन कर। यूजेवीएनएल के उप निदेशक को मांग पत्र दिया। महानगर ऑटो चालक यूनियन के अध्यक्ष मनिंदर सिंह बिष्ट, गौरव कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में ऑटो नही चले। ई रिक्शा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष सोनू कुमार, महामन्त्री बिलाल ने दावा किया कि सेलाकुई सहसपुर में ई रिक्शा हड़ताल पर रहे। हथियारी पवार हाउस में भी सीटू की संविदा कर्मियों द्वारा हड़ताल में शामिल रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

ये हैं मांगे
ये हड़ताल चारों श्रम संहितायें वापस लेने, श्रम कानूनों को शसक्त बनाने, न्यूनतम वेतन 26 हजार करने, नये एमवी एक्ट को वापस लेने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, रेहडी पटरी व फुटपाथ व्यवसायियों का उत्पीड़न बंद करने, ई रिक्शा वर्कर्स का उत्पीड़न बंद करने, एमएसपी पर कानून बनाने, बैंक, बीमा, रेलवे, रक्षा, पोस्टल सहित सार्वजनिक संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगाने, बिजली बिल 2022 वापस लेने, राज्य सरकार द्वारा जल जल संस्थान, गढ़वाल मंडल विकास निगम के निजीकरण पर रोक लगाने, बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के निर्णय वापस लेने, स्किम वर्कर्स आशा, आंगनवाड़ी, भोजनमाताओ को राज्य कर्मचारी घोषित करने, ठेका प्रथा समाप्त करके रेगुलर भर्ती करने, संविदा पर लगे कर्मचारियों रेगुलर करने, समान काम का समान वेतन, भत्ते देने आदि मांगों को लेकर की जा रही है। कुल मिलाकर 21 सूत्रीय मांगे हैं (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस अवसर पर इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व केबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि आज मजदूर किसान आंदोलन ने मोदी सरकार को बेनकाब किया है। स्वतः स्फूर्त हड़ताल कामयाब रही। इससे यह साबित होता है कि मजदूरों के बीच सरकार के प्रति व्यापक गुस्सा है, जो कि आने वाले 2024 के लोक सभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल कर देंगे। इस अवसर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि आज देश के अंदर श्रम कानून के धज्जियां उड़ाकर मालिकों के पक्ष में कानून बनाए जा रहे हैं। 29 श्रम कानून को समाप्त कर कर श्रम संहिता बनाई गई है। इससे मजदूरों को गुलामी की तरह जीवन व्यक्त करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूर और किसानों ने मिलकर मोदी सरकार को ललकार है। 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस अवसर पर एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि आज आंगनवाड़ी, भोजन माता, आशा वर्कर, तमाम हड़ताल पर रहने के बाद यहां पर इकट्ठा हुए हैं। यह सरकार उनके मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जो की सरासर गलत है और मजदूर विरोधी है। उन्होंने कहा कि चाय बागान के श्रमिकों को उनकी जमीन पर मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग किया कि 26000 न्यूनतम वेतन समय की जरूरत है। ताकि मजदूर अपने जीवन स्तर को उठा सके। वहीं, मोदी सरकार धामी सरकार इन मुद्दों को सांप्रदायिकता के आधार पर समाप्त कर देना चाहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीटू के राज्य सचिव लेखराज ने कहा कि आज देश व्यापी हड़ताल के अवसर पर मजदूरों ने मोदी सरकार के साम्प्रदायिक एजेंडे को दरकिनार करते हुए उनके मजदूर विरोधी फैसलों को वापस लेने व मजदूरों की आवाज को सुनने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जनविरोधी मोटर वाहन अधिनियम को वापस लेना ही पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस अवसर पर अटैक के सीपीआई उपाध्यक्ष समर भंडारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री यूनियन की अध्यक्ष जानकी चौहान, रेखा नेगी, किसान सभा के प्रांतीय अध्य्क्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण, महामंत्री गंगाधर नौटियाल, कोषाध्यक्ष शिव प्रसाद देवली, बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, इंटक के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार, वीरेंद्र कुमार, धीरज भंडारी, डीएवी पीजी कालेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष संग्राम सिंह पुंडीर, अनंत आकाश ने भी विचार व्यक्त किए। भोजन माता कामगार यूनियन की महामंत्री मोनिका, आशा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष शिव दुबे ने अपनी यूनियन के संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

स्किम वर्कर्स ने मांग की कि जिलाधिकारी देहरादून स्वयं उनका ज्ञापन लेने आये। इस पर डीएम खुद ज्ञापन लेने पहुंची तब जाकर वे वहाँ से हटी। इस अवसर पर भोजन माता यूनियन से चारु, विमला कौसल, सुमन राय पूनम, रजनी, सुनीता, बबिता, रोशनी, देवेश्वरी, बबिता, हेमा, शकुंतला, शुशोला रावत, शकुंतला, गीता देवी, आंगनवाड़ी यूनियन से चित्रकला, सुनीता रावत, जानकी चौहान, रजनी गुलेरिया, लक्ष्मी पंत, मनीषा राणा, रजनी बड़थ्वाल, आशा गुरुंग, विमल भंडारी, किरण नेगी, सुनीता, ज्योति बाला, रेखा रावत, मीना चंदेल, गीता पाल, सटेश्वरी, तारा बिष्ट, अनीता साईं, अनुराधा, ऊषा भंडारी, सुनीता, जगोड़ी, प्रेमा, जम्मा देवी, नैना देवी, किरण, सुमित्रा, वैजयंती, उषा, गुलनाज, नीलम, उत्तराखंड आशा स्वस्थ्य कार्यकत्री यूनियन से कलावती चन्दोला, सुनिता चौहान, बबिता, लोकेश देवी, गुड्डी देवी, सीमा देवी, रामप्यारी डोभाल, संगीता लेखवार, शैल यहूना, वंदना रावत, रीता साईनाथ, सीमा देवी, आरती, प्रतिमा आदि बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

किसानों ने डोईवाला तहसील पर किया प्रदर्शन
भारत बंद के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा ने देहरादून के डोईवाला में प्रदर्शन कर ट्रैक्टर रैली निकाली। किसानों ने कहा कि एसएमपी की गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसान आंदोलन जारी रखेंगे। हालांकि डोईवाला में भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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