श्रमिक संगठनों ने कार्यालयों और घरों में झंडारोहण कर मनाया मई दिवस
मई दिवस के मौके पर आज एक मई को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) तथा एटक, बैंक, रक्षा क्षेत्र, बीमा व अन्य यूनियनों ने अपने कार्यालयों में झंडारोहण किया। साथ ही श्रमिकों ने घरों में ही झंडारोहण कर इस दिन को मनाया और श्रमिकों के हित में लगातार संघर्ष करने का संकल्प लिया। संयुक्त मई दिवस समारोह समिति के आह्वान पर कोरोना महामारी के चलते आज मई दिवस को सीमित कर दिया गया। इस मौके पर शिकागो के श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी गई।
सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने बताया कि इस बार मई दिवस को अलग -अलग स्थानों पर मनाया गया। कोरोना के मद्देनजर हर साल की तरह इस बार जुलूस का कार्यक्रम स्थगित किया गया। गांधी ग्राम कांवली रोड स्थित सीटू के प्रांतीय कार्यालय पर सीटू के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी ने झंडारोहण किया। इस अवसर पर प्रान्तीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी ने वक्तवत में कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा शासित सरकार कोविड से लड़ाई मे फेल हो चुकी है। इस कारण स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। गरीब मर रहा है। उसके इलाज की कोई व्यवस्था नही है। जिससे प्रवासी मजदूरो के सामने रोजी -रोटी का संकट तो पैदा हो ही गया है। वहीं इलाज न मिलने से बड़ी संख्या में मौते हो रही है, जिसे सरकार छुपा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार का हमला मजदूरों पर है, जिस कारण मजदूर गुलामी की ओर धकेला जा रहा है। इससे वर्तमान में मई दिवस की प्रासंगिकता ओर अधिक बढ़ जाती है। देश का मजदूर एक दिन इस भ्र्ष्ट निजाम को उखाड़ फेंकेगा। इस अवसर पर अर्जुन रावत, रामराज रविन्द्र नौडियाल, अनन्त आकाश, मामचंद अतुल नौडियाल आदि उपस्थित थे।
सीटू ने देहरादून में राजपुर रोड स्थित अपने जिला कार्यालय पर झंडारोहण कर मई दिवस के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी शहादत को याद किया गया।
सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि सीटू मजदूरों के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करती रहेगी। पिछले वर्ष मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में मजदूरों की जान चली गई थी। जिस कारण कई करोड़ मजदूरों की नौकरियां व रोजगार समाप्त हो गया था। मजदूरों के सामने भुखमरी के हालात पैदा हो गए थे, किंतु सरकार ने मजदूरों की रोजी रोटी का इंतजाम करने के बजाय मानसून सत्र में गैर जनतांत्रिक तरिके से आपदा को पूंजीपतियों के पक्ष में अवसर में बदल दिया। सरकार ने 29 श्रम कानूनों रद्द कर चार श्रम सहिंताये बना दी। इसे सरकार 31 मार्च 2021 तक लागू करने का प्रयास करती रही, किन्तु मजदूर संगठनों के भारी विरोध के चलते इसे लागू नही कर सकी ।
उन्होंने कहा कि 1 मई 1886 को काम के घंटे निर्धारित करने को लेकर शिकागो शहर में हुए आंदोलन में बड़ी संख्या में पुलिस की गोली से लोग शहीद हुए थे। उन्हीं मजदूरों की याद में मई दिवस को मनाया जाता है। दुनिया की सरकारों ने काम के घंटे 8 किए। वर्तमान में भारत की मोदी सरकार की ओर से काम के घंटे बढ़ा कर 12 किए जा रहे हैं। इसे मजदूर कभी लागू नई होने देगा।
इसी प्रकार श्रमिको के विभिन्न श्रम कानूनों को बड़ी शहादतों व कुर्बानियो के बाद हासिल किए गए थे। जिसे मोदी सरकार समाप्त कर रही है। इस अवसर पर सीटू के कोषाध्यक्ष रविन्द्र नौडियाल, उपाध्यक्ष राम सिंह भंडारी, अतुल कुमार उपस्थित थे।
सीटू से सम्बद्ध संविदा श्रमिक संघ हथियारी, जुड़ो, लांघा रोड स्थित टॉब्रोस उद्योग, सहसपुर स्थित जीबी स्प्रिंग, मसूरी, ऋषिकेश, डोईवाला आदि स्थानों पर सीटू का झंडारोहण कर मई दिवस के शहीदो को श्रधंजलि दी गयी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।