उत्तराखंड के गौरवः कुमाऊं के वैज्ञानिक को मिली भारतीय भूगर्भ विज्ञान सर्वेक्षण संस्थान की कमान
कुमाऊं विश्वविद्यालय भूगर्भ विज्ञान विभाग के पूर्व छात्र व पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र के मूल निवासी डॉ. राजेंद्र सिंह गर्खाल को भारतीय भूगर्भ विज्ञान सर्वेक्षण संस्थान कोलकाता के महानिदेशक नियुक्त किया गया है।

कुमाऊं विश्वविद्यालय भूगर्भ विज्ञान विभाग के पूर्व छात्र व पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र के मूल निवासी डॉ. राजेंद्र सिंह गर्खाल को भारतीय भूगर्भ विज्ञान सर्वेक्षण संस्थान कोलकाता के महानिदेशक नियुक्त किया गया है। डॉ. गर्खाल इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने वाले कुमाऊं की पहली सख्शियत हैं। उनकी नियुक्ति से कुमाऊं विवि समेत उच्च हिमालयी क्षेत्र का जनजाति समाज गौरवान्वित हुआ है।
उत्तराखंड के सीमांत पिथौरागढ़ के जनजातीय क्षेत्र के मूल निवासी डॉ. राजेंद्र सिंह गर्खाल ने पूरे उत्तराखंड का देश में डंका बजाया है। प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक प्रो सीसी पंत ने बताया कि डॉ. गर्खाल 1982-83 बैच के भूगर्भ विज्ञान विभाग कुमाऊं विवि में अध्ययनरत रहे। प्रो पंत के अनुसार यह सम्मान कुमाऊं समेत पूरे राज्य के लिए गौरवान्वित करने वाला है। इससे पहले गढ़वाल मंडल के प्रो डीपी ढोढियाल भी डीजी रह चुके हैं, जबकि डॉ शिव प्रसाद नौटियाल डिप्टी डायरेक्टर जनरल जीएसआई बने थे।
प्रो पंत ने इसे भूगर्भ विज्ञान विभाग के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए बताया कि अब तक विभाग के चार दर्जन से अधिक मेधावी जीएसआई में वैज्ञानिक समेत अन्य संस्थानों के लिए चयनित हो चुके हैं। महान भुगर्भ वेता डॉ केएस वल्दिया ने इस विभाग की नींव रखी थी। डॉ गर्खाल के डीजी बनने पर कुलपति प्रो एनके जोशी, प्रो संतोष कुमार, प्रो राजीव उपाध्याय, डॉ प्रदीप गोस्वामी, डॉ जीके शर्मा, प्रो एसपीएस बिष्ट समेत अन्य प्राध्यापकों ने हर्ष जताते हुए बधाई दी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।