कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना की कोविड-19 शहीद श्रद्धाजंलि यात्रा पहुंची कौलागढ़, पिता की मौत से मानसिक तनाव में बेटे का होगा इलाज
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व देवभूमि मानव सांसाधन विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना की ओर से शुरू की गई कोविड-19 शहीद श्रद्धाजंलि यात्रा आज कौलागढ़ पहुंची।
आज वह आधा दर्जन परिवारों से मिले, जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस वैश्विक महामारी में खोया। धस्माना भाजपा के कौलागढ़ में बूथ के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह भुशाल के घर गए। उनकी किरोना संक्रमण से मृत्यु हुई। उनकी माता जी व उनके सुपुत्र को सांत्वना देने के साथ ही किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया।
पति को याद करते हुए भावुक हुई महिला
कौलागढ़ की सैनिक बस्ती में रहने वाली अंजू सेठी से मिल कर धस्माना भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गईं। अंजू ने अपने पति को कोरोना में खो दिया। बातचीत में वे सुबक सुबक कर रो पड़ी। कहने लगी ये पॉजिटिव आये और खांसी जुखाम बुखार तेज हुआ तो दून अस्पताल से लेकर कहीं भी बेड नहीं मिला। मजबूरी में रायपुर स्थित राजीव गांधी स्टेडियम ले गए। जहां वे तीन दिन भर्ती रहे। अगल बगल में जब कोई मरीज मरता तो वे घबरा जाते। पांच छ घंटे तक बगल में शव देख कर ही उनको घबराहट हो रही थी। तीसरे दिन ही उनकी मृत्यु हो गयी। घर भी नहीं ला पाए। वहीं रायपुर में ही उनका दाह संस्कार कर दिया।
बेटा करने लगा अजीब हरकतें
वह रोते हुए ही बोली कि उनके जाने के बाद 16 साल का बेटा अजीब अजीब हरकतें कर रहा है। बड़बड़ाता रहता है कभी तालियां बजाने लगता है। वह अजीब अजीब बातें करने लगा है। वह बोली शायद उसके दिमाग में पिता के चले जाने का असर पड़ गया है। बताया कि दोनों बच्चे पढ़ने वाले हैं। चार पांच हजार रुपये महीने दोनों की फीस जाती है। अब कोई कमाने वाला घर में नहीं रहा। गुजारा चलाने के लिए एक छोटी सी दुकान घर के बाहर है। जिसे पति चलाते थे पर अब वे रहे नहीं तो अब भगवान ही मालिक हैं।
दिया मदद का भरोसा, देंगे फीस
धस्माना ने श्रीमती अंजू को मदद का आश्वासन दिया व उनके बेटे को अपने ट्रस्ट की ओर से किसी मनोचिकित्सक को दिखवा कर इलाज भी करवाने का भरोसा दिया। धस्माना ने कहा कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई जारी रक्खें उनकी फीस का इंतज़ाम भी वे अपने ट्रस्ट की ओर से करेंगे।
इनसे भी मिले, सुनाई आपबीती
धस्माना कौलागढ़ में कोविड काल में मृत स्वर्गीय सुख बहादुर गुरुंग, स्वर्गीय विनोद खत्री व स्वर्गीय अशोक राणा के परिजनों से भी मिले व उनको सांत्वना दी। नीरू राणा के पति अशोक राणा कोविड काल में चल बसे थे। उन्होंने भी विस्तार से अपनी आप बीती बताई। बताया कि उनकी बेटी जो ग्यारवीं कक्षा में पड़ती है, वह भी संक्रमित हो गई थी। साथ ही उनकी दो बहनें भी संक्रमित हो गईं। नीरू के पति अशोक राणा ज्यादा गम्भीर हुए तो उनको अस्पताल में भर्ती करवाने में बड़ी परेशानी हुई। 14 मई को उनकी मृत्यु हो गयी।
धस्माना ने कहा कि कोविड काल के कडुवे अनुभवों का व इंसानियत दोनों के अनगिनत किस्से सामने आ रहे हैं। वह क्षेत्र में के दो ऐसे परिवारों में भी गए जहां उन्होंने अपने ऑक्सीजन बैंक से सिलेंडर भिजवाए थे व रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था करवाई थी। यात्रा में प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव पिया थापा, कौलागढ़ कांग्रेस वार्ड अध्यक्ष घनश्याम वर्मा व धीरज थापा भी धस्माना के साथ थे। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा अनवरत चलती रहेगी, जब तक वे हर पीड़ित परिवार तक न पहुंच जाएं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।