अखिल गढ़वाल सभा का कोथिग 2022 शुरू, सुबह निकाली सांस्कृतिक सद्भावना रैली, शाम को सीएम धामी ने किया उद्घाटन
1 min readसांस्कृतिक सद्भावना रैली का शुभारंभ गांधी पार्क से हुआ। इसे को गढ़वाल सभा अध्यक्ष रोशन धस्माना व महासचिव गजेंद्र भंडारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले सांस्कृतिक सचिव पंडित उदय शंकर भट्ट ने अखिल गढ़वाल सभा के ध्वज का पूजन किया। सांस्कृतिक सद्भावना रैली में सबसे पहले सभा का ध्वज चला। उसके पीछे चारों धर्मों के धर्मगुरु चले। रैली में बहुत बड़ी संख्या में उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों से आए हुए लोग कलाकारों के साथ-साथ बहुत बड़ी संख्या में लोग अपने सांस्कृतिक परिधानों में नजर आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चारों धर्म गुरुओं के ठीक पीछे चमोली गढ़वाल से आई पिंडर घाटी बधानी समिति के कलाकार अपनी प्रस्तुति देते चले। उसके पीछे कुर्मांचल सांस्कृतिक परिषद रजवाड़ कमल रजवार के संरक्षण में कलाकार थे। उनके पीछे सम्मानित अध्यक्ष पदम सिंह थापा के नेतृत्व में गोरखाली सुधार सभा के सभी कार्यकर्ता शामिल हुए। उनके साथ ही नीति मना घाटी समिति के समस्त कलाकार, पिथौरागढ़ से पधारे हुए प्रकाश रावत के संचालन में छोलिया दल के कलाकार, संवेदना समूह के कलाकार उत्तरकाशी, कुमाऊं के सुदूर अल्मोड़ा क्षेत्र से पधारी ममता वाणी जी के नेतृत्व में विहान सांस्कृतिक दल सदस्य इसमें शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इनके अलावा बंटी राणा के निर्देशन में थारू जनजाति के लोक कलाकार, जौनसार बावर क्षेत्र से नंदलाल भारती के नेतृत्व में प्रसिद्ध सारे लोग कलाकार, महिला मंच से जुड़ी महिलाएं, सरस्वती विहार समिति के सदस्य शामिल थे। इनके अतिरिक्त जोशीमठ से प्रेम हिन्दवाल का दल व राज्य आंदोलनकरियों मंच भी इसमें शामिल हुआ। रैली के संयोजक सूर्य प्रकाश भट्ट थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद रैली रेसकोर्स ग्राउंड में पहुंची जहां उत्तराखंड के उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने मेला स्थल का उद्घाटन रिबन काट कर किया। इस अवसर पर गढ़वाल सभा की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट, प्रवक्ता अजय जोशी, अब्बल सिंह नेगी, सूर्य प्रकाश भट्ट, लोकगायिका संगीता ढोंडियाल, द्वारिका बिष्ट, पंडित दामोदर सेमवाल, आदि शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शाम को सीएम धामी ने किया सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन
आयोजन स्थल पर शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। सभा अध्यक्ष रोशन धस्माना ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर उत्तराखंड के लोकनृत्य में सबसे पहले पिथौरागढ़ से प्रकाश रॉवत के नेतृत्व में आये दल ने छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद जोशीमठ से आये भोटिया जनजाति के दल ने वहां का लस्पा नृत्य प्रस्तुत किया, जो वहां धान बुवाई व कटाई के समय किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद देवीधुरा क्षेत्र से पधारे विहान सांस्कृतिक दल ने मा वाराही की वंदना के साथ चार खामों के युद्ध को अपने नृत्य नाटिका में बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया। संवेदना समूह के कलाकारों ने जय प्रकाश राणा जी के नेतृत्व में गंगा घाटी क्षेत्र का नृत्य प्रस्तुत किया, जिसके बोल थे- जो ऊँचु हिमालय काँठी, निसि गंगा कु घाट।। इनकी दूसरी प्रस्तुति थी- नौन्याली जादू की, थी। इसके बाद जौनसार से आये नंद लाल भारती जी के दल ने हरूल नृत्य प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने महासू देव की वंदना के साथ नृत्य प्रस्तुत किया जो वीर रस के साथ आगे बढ़ा और दीप नृत्य के साथ समाम्प्ट हुआ। संचालन प्रवक्ता अजय जोशी ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम धामी का संबोधन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को रेसकोर्स बन्नू चौक स्थित गुरूनानक बालिका इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित 10 दिवसीय अखिल गढ़वाल सभा देहरादून द्वारा आयोजित कोथिग उत्तराखण्ड महोत्सव में शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अखिल गढ़वाल सभा जैसी संस्थाएं न केवल सामाजिक दायित्वों को पूरा कर रही है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। जो निश्चित रूप से सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि अखिल गढ़वाल सभा के लिये भूमि उपलबध कराये जाने के प्रयास किये जायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव में पहाडों के लोक गीत, लोक नृत्य और संस्कृति के विविध रूप दर्शकों को देखने को मिलेंगे। इससे हमारी संस्कृति के साथ पारम्परिक परिधानों व उत्पादों को पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब हमारी युवा पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक विरासत के महत्व को पहचानेगी तभी इससे उनका जुड़ाव भी होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को देश और दुनिया का नम्बर वन पर्यटन प्रदेश बनने के साथ ही अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने के लिये भी हम प्रयासरत हैं। उत्तराखंड की संस्कृति, मेलों, उत्सवों के संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण का महा अभियान चल रहा है। उसमें उत्तराखंड भी अपना योगदान दे रहा है। उत्तराखंड में भी केन्द्र सरकार के सहयोग से प्राचीन धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों के पुनर्द्धार और संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमने अपना राज्य स्थापना दिवस मनाया, राज्य स्थापना के इन 22 वर्षों में राज्य ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अपेक्षा की कि हम सब मिलकर देवभूमि को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का स्वप्न साकार करने में सहयोगी बने। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, प्रमोद नैनवाल, सुरेश गढ़िया भी उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।