जानिए इनकी 22 फीट लंबी मूंछ का राज, संभालने के लिए करनी पड़ती है कितनी मेहनत
क्या किसी व्यक्ति की मूंछ 22 फीट हो सकती है। यदि होगी तो इतनी बड़ी मूंछ की देखभाल कैसे की जाएगी। इन्हीं सवालों का सिर्फ एक ही व्यक्ति के पास जवाब है। वो हैं उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के नवाबगंज के मटकापुर गांव के 62 वर्षीय ठाकुर राम सिंह। उनका शौक ही दूसरों के लिए कोतूहल का विषय बना हुआ है। उनकी मूंछे तो उस फिल्म के नत्थूलाल से भी कई गुना बड़ी हैं, जिसके बारे में अमिताभ बच्चन का डायलॉग था कि-मूंछे हों तो नत्थूलाल जैसी। मूछों को इतना बड़ा करने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है, इसका खुलासा भी ठाकुर राम सिंह ने पत्रकारों से किया। ठाकुर राम सिंह की मूछों की लंबाई करीब 22 फीट है।
उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में भगवती जागरण के लिए ठाकुर राम सिंह पहुंचे तो वह सभी लोगों के लिए उत्सुकता का विषय बन गए। राम सिंह को बांसुरी व हारमोनियम बजाने में महारत हासिल है। इसीलिए वह जागरण पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
कभी नहीं चलाई कैंची
राम सिंह बताते हैं कि वह मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। उनके पूर्वज मूंछें रखा करते थे। उन्होंने भी बड़ी मूंछें रखने का इरादा किया। बालों को मजबूत व लंबा बनाने के लिए जैतून का तेल लगाते हैं। मूंछों को शतरीठा व मुलतानी मिट्टी से धोते हैं। जिंदगी में कभी मूंछों पर कैंची नहीं चलाई।
संवारने में लगते हैं दस मिनट
लंबी मूंछ पालने के शौकीन राम सिंह उनकी देखरेख भी अच्छी तरह से करते हैं। मूंछों को संवारने में दस मिनट का समय लगाते हैं। इस दौरान मूंछ को चोटी का रूप दिया जाता है। लंबी मूंछों के लिए कई बार उन्हें सम्मानित भी किया गया है। ठाकुर राम सिंह ने बताया कि वह अपनी लंबे मूंछों को लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी दोनों तरफ की मूंछों की लंबाई मिलाकर 22 फीट से अधिक है।
इतनी लंबी मूंछ करने में लग गए 42 साल
बरेली जिले के नवाबगंज के मटकापुर गांव के ठाकुर राम सिंह अपनी मूछों को 42 साल से सहेज रहे हैं। इनकी मूछें किसी रिकार्ड बुक में भले ही शामिल न हों, लेकिन वह कई पुरस्कार जीते चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह किसान हैं। खेतीबाड़ी ही उनका पेशा है। उनकी पहचान मूछों से है। हारमोनियम, ढोलक, बांसुरी बजाने में माहिर राम सिंह घुड़सवारी का भी शौक भी रखते हैं। उनका दावा है कि घोड़े उनके एक इशारे पर रफ्तार पकड़ते हैं।
20 साल की उम्र से बढ़ा रहे हैं मूंछ
राम सिंह के अनुसार जब वह 20 साल के थे तभी मूछें बढ़ाने का ख्याल आया। सोचा कि कुछ अलग किया जाए। यही कारण था कि अब तक मूछों पर कैंची नहीं लगाई। नतीजा यह हुआ कि न केवल क्षेत्र बल्कि प्रदेश भर में उनकी मूछों की चर्चा होने लगी। मुलायम सिंह, अखिलेश सिंह, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार पा चुके राम सिंह का कहना है कि अच्छा लगता है जब आपके शौक की कद्र होती है। नाम मिलता है।
प्रयास किए मगर पहचान नहीं मिली
इतनी लंबी मूछों को रिकॉर्ड बुक में अब तक जगह न मिलने के सवाल पर राम सिंह का कहना है कि प्रयास तो किए, मगर सफलता नहीं मिली। वह इसी से संतुष्ट हैं कि लोग उन्हें जानते हैं, बुलाते हैं। उनका कहना है जैसे मेरे खेत की फसल लहलहाती है वैसे ही मेरी मूछें बढ़ती हैं। मूछों को काले रंग से रंगता हूं ताकि बुढ़ापा न दिखे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।