जानिए चावल पकाने का सही तरीका, कायम रहेंगे पोषक तत्व, मोटापे का नहीं रहेगा डर, गुणों से भरपूर है मांड

भारत में अमूमन सभी चावल खाना पसंद करते हैं। हम चावल को प्रेशर कूकर में बनाने लगे हैं और चावल बनाने का पुराना तरीका भूल चुके हैं। ऐसे में चावल कई बार स्वास्थ्य के लिए फायदा नहीं दे पाता है। वहीं कुछ लोग मोटापे के चलते चावल को अवॉइड भी करते हैं। उनका मानना होता है कि चावल खाने से वजन बढ़ता है। अगर आप चावल को सीमित मात्रा में खाएंगे तो आपका वजन कंट्रोल में रहेगा। साथ ही अगर आप चावल को गलत तरीके से पकायेंगे तो आपका वजन बढ़ेगा भी और आपकी सेहत के लिए नुक्सान दायक भी हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार चावल को हमेशा ऐसे बर्तन में पकाना चाहिए, जिससे भाप निकलती रहे। ये ही चावल पकाने का पुराना तरीका भी है। तो आइये जानते हैं चावल पकाने का सही तरीका। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चावल बनाने का तरीका
सबसे पहले कम से कम 2 से 3 बार पानी में चावल को तब तक धोना चाहिए। चावल को पानी में अच्छी तरह धोने के बाद एक बर्तन में पानी भरकर भिगोकर कम से कम एक घंटे के लिए रखना चाहिए। आयुर्वेद में कहा जाता है कि चावल को बनाने से पहले पानी में भिगोने से उसके पोषक तत्व बढ़ जाते हैं। ज्यादातर लोग पानी और चावल को एक साथ बर्तन में डालकर पकाने रख देते हैं, जबकि आयुर्वेद कहता है कि चावल बनाते समय हमेशा पहले बर्तन पानी उबालना चाहिए, उबालते पानी में ही चावल डालना चाहिए। चावल को उबाल आने तक ढक कर पकाना चाहिए। उबाल आने के बाद ढक्कन हटा देना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मांड को कर दें अलग
अगर वजन घटना हो तो चावल का माड़ निकाल कर चावल खाने चाहिए, जिससे वजन घटाना आसान होता है। मगर इसके लिए आपको सही तरीका पता होना चाहिए। चावल पकाने के लिए उपयोग किये गए उबले पानी को चावल का पानी या मांड कहते हैं। हर इंसान की इच्छा होती है उसका पेट बाहर की ओर निकाला हुआ न हो इस लिए हमेशा माड़ निकाल कर चावल बनाए। बिना मांड के चावल मे वसा होता है, जो बॉडी को नुकसान करता है। ऐसे में चावल मांड निकाल के ही बनाना चाहिए। पुराने चावल में मांड निकालने की जरूरत कम पड़ती है। फिर भी इसे निकालना ही बेहतर है। हालांकि मांड को फेंके मत इस उपयोग भी किया जा सकता है। इसके बारे में हम आगे बताएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चावल पकाने का सबसे बेहतर तरीका
चावल को पकाने का सबसे अच्छा और हेल्दी मेथड ‘पार-बॉइलिंग’ और ‘रिफ्रेशिंग वॉटर मेथड’ है। ये मेथड आर्सेनिक को कम करने में मदद करता है। इस मेथड के मुताबिक, चावल को ज्यादा पानी में उबाला जाता है और फिर एक्सट्रा पानी को निकाल दिया जाता। एक्सट्रा पानी को निकलाने के बाद फिर से पानी लिया जाता है और ड्रेनिंग मेथड से दोबारा चावल को पकाया जाता है। इस मेथड के अलावा, एक और मेथड है, जिसमें पूरी रात के लिए पके हुए चावल को फ्रिज में स्टोर करके रख दिया जाता है। फ्रिज में स्टोर करने की वजह से चावल में स्टार्च की मात्रा बढ़ जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आर्सेनिक को कर सकता है कम
यह जानकर आपको हैरानी होगी कि इस मेथड से पके हुए चावल में कैलोरी की मात्रा काफी कम हो जाती है, लगभग 15-20 प्रतिशत तक। अगर आप चावल को उबालकर बनाते हैं तो अब से इस मेथड से चावल बनाना शुरू करें। क्योंकि यह मेथड आर्सेनिक को 50 प्रतिशत तक घटा देता है। बता दें कि कई देशों में आर्सेनिक भूजल संदूषक के तौर पर पाया जाता है। पानी में होने की वजह से कई फसलों में भी आर्सेनिक की की मौजूदगी पाई जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सही मात्रा का रखें ध्यान
चावल के साथ यह दिक्कत रहती है कि इसमें काफी तेजी से आर्सेनिक स्टोर होने लगता है। हालांकि इसकी वजह से आपको चावल का सेवन करने से खौफ खाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि चावल को पकाने से आर्सेनिक हट जाता है। अगर आप चावल का सेवन रोजाना करते हैं तो खाना बनाने की प्रक्रिया और कैलोरी को लेकर इतना चिंतित न हों। बस इस बात का ध्यान रखें कि सही मात्रा में आपको इसका सेवन करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मांड को मत फेंके
अक्सर लोग चावल पकने के बाद इस पानी (मांड) को निकालकर फेंक देते है। क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से पानी के साथ हम चावल के सभी पौष्टिक तत्वों को भी हटा देते हैं। इसे सब्जी और दाल में भी डाला जा सकता है। वहीं, अगर आप यह जान जाएंगे कि चावल का पानी आपकी स्किन और हेयर के लिए कितना लाभदायक है और यह किन-किन गंभीर बीमारियों से आपको बचा सकता है तो आप कभी भी इस पानी को नहीं फेकेंगे। हम यहां इसके फायदे बता रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं फायदे
-मांड में विटामिन बी, सी और ई की प्रचुरता है और ये सभी विटामिन शरीर की थकान को दूर करता है और शारीरिक ऊर्जा को बूस्ट करने में मदद करता है।
-चावल के मांड का सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की आशंका घट जाती है।
-अगर बाल सफेद या झड़ रहे हैं तो बाल धोने के बाद जड़ों में चावल के मांड को 20 मिनट लगाकर छोड़ दें। फिर शैम्पू और कंडीशनर से धो लें।
-चावल के मांड में अल्ट्रावायलट किरणों का प्रभाव कम करने वाला ओरिजेनॉल तत्व पाया जाता है। इसलिए त्वचा पर इंफेक्शन हो रहा है तो चावल के मांड को चेहरे पर लगांए।
-चावल का मांड फाइबर से भरपूर होता है और आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है।
-मांड में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल गुण ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की समस्या को दूर करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
-चावल का मांड वायरल बुखार में किसी दवा से कम नहीं है। गरमा-गरम मांड में हल्का सा नमक मिलाकर पी लें. इससे बुखार जल्दी खत्म होता है और शरीर को पोषण मिलता है।
-चावल का मांड पीने से शरीर में खून का संचार बेहतर तरीके से होता है।
-यह शरीर के तापमान को भी संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाता है।
-लो ब्लड प्रेशर में अगर नमक डालकर चावल का मांड पीते हैं तो इस समस्या से जल्द राहत मिलती है।
-चावल के मांड से पाचन क्रिया बढ़िया रहती है और पेट की अपच भी खत्म हो जाती है।
-बढ़ती उम्र के साथ चेहरे पर कई तरह के बदलाव नजर आने लगते हैं। झुर्रियों से खूबसूरती डल होने लगती है। ऐसे में मांड से चेहेर की मसाज करके काफी हद तक झुर्रियों का प्रभाव कम किया जा सकता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।